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यूक्रेन के ओडेसा में सेनिकों के लिए समान तैयार करती एक स्वयंसेवक महिला यूक्रेन के ओडेसा में सेनिकों के लिए समान तैयार करती एक स्वयंसेवक महिला 

ब्रिटिश राजदूत ˸ महिलाओं की आवाज के बिना न उम्मीद है न शांति

ब्रिटिश राजदूत क्रिस त्रोत ने शांति एवं वार्ता के मध्यस्थ के रूप में महिलाओं को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया, खासकर, यूक्रेन में हो रही तबाही के आलोक में।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

ब्रिटेन, मंगलवार, 8 मार्च 2022 (रेई) :  "कलीसिया और समाज ˸ वार्ता के निर्माता के रूप में महिलाएँ" शीर्षक पर सेमिनार का उद्देश्य था, उस प्रभावपूर्ण संदेश पर प्रकाश डालना कि जब समाज में किसी तरह की वार्ता शुरू की जाती है, विशेषकर, शांति निर्माण में, तो उस वार्ता की सफलता हेतु उसमें महिलाओं को शुरू से एवं हर स्तर पर सम्मिलित किया जाए। परमधर्मपीठ के लिए ब्रिटिश राजदूत क्रिस त्रोत जो कारितास इंटरनैशनल की समर्थक हैं उन्होंने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हुए एक सेमिनार में भाग लिया।

उन्होंने वाटिकन न्यूज को सेमिनार के पहले इसके उद्देश्य के बारे बतलाया कि यह आशा के निर्माताओं के रूप में महिलाओं की शक्ति पर जोर देना है, समाज की हर पृष्टभूमि पर एवं हर क्षेत्र में। 

शांति के मध्यस्थ

राजदूत ने गौर किया कि जब हमारी सारी चिंता यूक्रेन में हो रहे युद्ध पर है, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि संकट के जवाब और उस संकट का समाधान पाने की कोशिश में, महिलाओं को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है।" महिलाओं को सिर्फ टेबल पर बैठने में अथवा दूसरी पंक्ति में खड़े होकर भाग नहीं लेना है। "जब आप अपनी प्रक्रिया और समाधान तैयार करते हैं तो उनकी आवाज को पहले सुना जाना चाहिए", और "महिलाओं को वास्तविक चर्चाओं में भाग लेने के लिए सशक्त होना चाहिए"।  

यूक्रेन

कारितास यूक्रेन के अध्यक्ष तेतियाना स्तवेंके भी सेमिनार को सम्बोधित करेंगी और राजदूत को उम्मीद है कि वे यूक्रेन की वर्तमान परिस्थिति की बहुत महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि साथ ही साथ, स्पष्ट एवं उत्कृष्ट जानकारी से अवगत करायेंगी, जब कई दुष्प्रचार किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर से किसी के द्वारा जानकारी मिलना अत्यन्त प्रभावपूर्ण होगा और संवाद में महिलाओं को सुनने के लिए उनकी भागीदारी में मदद करना, "एक संदेश है जिसके लिए मुझे आशा है कि दुनिया सुनेगी।"

युद्ध अपराध के शिकार

राजदूत त्रोत ने युद्द में बलात्कार को हथियार के रूप में प्रयोग किये जाने को जघन्य अपराध कहा। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल घृणित है। महिलाएँ, बालिकाएँ एवं लड़के इसके शिकार होते हैं जिसको रोका जाना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक साथ आना एवं एक स्पष्ट आवाज देना चाहिए कि यह बिलकुल अस्वीकारीय है। इन अपराधों को रोका जाना आसान नहीं है क्योंकि युद्ध भी अपने आपमें अस्वीकारीय है किन्तु बलात्कार को युद्द के हथियार के रूप में इस्तेमाल किये जाने को हम 21वीं सदी में किसी भी तरह से बर्दस्त नहीं कर सकते।  

अंत में ब्रिटिश राजदूत त्रोत ने सभी महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएँ दीं।

 

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08 March 2022, 14:54