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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

देवदूत प्रार्थना: हमारा बपतिस्मा हमें ईश्वर की संतान बनाता है

प्रभु के बपतिस्मा पर्व पर रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान, पोप फ्राँसिस ने विश्वासियों को याद दिलाया कि जिस दिन उनका बपतिस्मा हुआ, वे हमेशा के लिए ईश्वर के संतान बन गए, और महान अनुग्रह की इस तिथि को याद किया जाना और मनाया जाना चाहिए।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, सोमवार, 8 जनवरी 2024 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रविवार 7 जनवरी को प्रभु के बपतिस्मा पर्व के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित किया।

संत पापा ने कहा, “आज हम प्रभु के बपतिस्मा का पर्व मनाते हैं (मती.1: 7-11) यह यर्दन नदी में सम्पन्न हुआ जहाँ योहन - जो “बपतिस्ता” कहलाते हैं – शुद्धिकरण की रीति सम्पादित करते थे, इससे पाप को त्यागने एवं मन-परिवर्तन करने की प्रतिबद्धता व्यक्त होती है। लोग विनम्रतापूर्वक, ईमानदारी से और जैसा कि धर्मविधि में कहा गया है,  वे "नंगे पैर और अनावृत आत्मा से" बपतिस्मा लेने जाते थे। येसु भी वहां जाते हैं, और अपनी प्रेरिताई का उद्घाटन करते हुए: इस प्रकार दिखाते हैं कि वे पापियों के करीब रहना चाहते हैं, उनके लिए, हमारे लिए, हम सभी पापियों के लिए नजदीक आना चाहते हैं! और उसी दिन कुछ असाधारण चीजें घटित होती हैं। योहन बपतिस्ता सार्वजनिक रूप से येसु को स्वीकार करते हुए कुछ खास बात कहते हैं कि वे दूसरे लोगों से अधिक "शक्तिशाली" है (पद 7), जो "आपको पवित्र आत्मा से बपतिस्मा देंगे।"(पद 8) तब स्वर्ग खुल जाता है एवं पवित्र आत्मा उनपर कपोत के रूप में उतरता है (पद10) तथा आकाश से पिता ईश्वर की वाणी सुनाई देती है, तुम मेरे प्रिय पुत्र हो, मैं तुमसे अत्यन्त प्रशन्न हूँ।(पद 11)

यह सब, जहाँ एक ओर हमें बताता है कि येसु ईश्वर के पुत्र हैं, वहीं दूसरी ओर, यह हमें हमारे बपतिस्मा के बारे में बताता है, जिसने हमें ईश्वर की संतान बनाया है, क्योंकि बपतिस्मा हमें ईश्वर की संतान बनाता है।

हमारा बपतिस्मा  

संत पापा ने बपतिस्मा संस्कार द्वारा ईश्वर के साथ हमारे संबंध की व्याख्या करते हुए कहा “ईश्वर ही हैं जो हमारे अंदर आते, हमें शुद्ध करते, हमारे दिल को ठीक करते, हमें हमेशा के लिए अपनी संतान, अपनी प्रजा, अपना परिवार और स्वर्ग के उत्तराधिकारी बनाते हैं। (सीएफ काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा, 1279) वे हमारे साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करते और हमें फिर कभी नहीं छोड़ते हैं। यही कारण है कि हमारे बपतिस्मा के दिन को याद रखना और उस तारीख को जानना भी महत्वपूर्ण है। मैं आप सभी से पूछता हूँ: आप में से प्रत्येक, सोचें: "क्या मुझे अपने बपतिस्मा की तारीख याद है?" यदि आप अपनी बपतिस्मा की तिथि याद नहीं करते हैं तो घर वापस जाएँ और दूसरों से पूछें ताकि आप इसे फिर नहीं भूलेंगे, क्योंकि बपतिस्मा के द्वारा आपका नया जन्म होता है, इसके द्वारा हम कृपा में जन्म लेते हैं। आइये, हम बपतिस्मा के लिए प्रभु को धन्यवाद दें। हम माता-पिता जिन्होंने हमें जल कुँड के पास लाया, पुरोहित जिन्होंने संस्कार दिया, धर्म माता-पिता, समुदाय जिसमें हमने ईश्वर को पाया उनके लिए भी प्रभु को धन्यवाद दें।

ईश्वर के प्यारे बेटे-बेटियों के समान हमारा नया जन्म

संत पापा ने कहा, “अपने बपतिस्मा को मनायें। यह एक नया जन्मदिवस है। और हम अपने आप से पूछें: क्या मैं बपतिस्मा के माध्यम से मेरे भीतर मौजूद अपार कृपा से अवगत हूँ? क्या मैं अपने जीवन में ईश्वर की उपस्थिति के प्रकाश को स्वीकार करता हूँ, जो मुझे अपने प्यारे बेटे, अपनी प्यारी बेटी के रूप में देखते हैं? और अब, अपने बपतिस्मा की याद में, आइए हम अपने भीतर ईश्वर की उपस्थिति का स्वागत करें।  

हम ऐसा क्रूस के चिन्ह द्वारा कर सकते हैं, जो हममें ईश्वर की कृपा की याद दिलाता है, जो हमसे प्यार करते हैं और हमारे साथ रहना चाहते हैं। क्रूस का चिन्ह हमें इसकी याद दिलाता है। तब संत पापा ने सभी को क्रूस का चिन्ह बनाने के लिए आमंत्रित किया।  

तब संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करते हुए कहा, “कुँवारी मरियम पवित्र आत्मा का मंदिर, हमें प्रभु के आश्चर्यपूर्ण कार्यों को मनाने एवं स्वीकार करने में मदद करें।” इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया। 

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08 January 2024, 15:57

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

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