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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

देवदूत प्रार्थना : ईश्वर के प्रेम के लिए अपना हृदय खोलें

देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को सम्बोधित कर, ईश्वर की प्रेममयी दयालुता के प्रति अपना दिल खोलने और उनके सौम्य, सम्मान और दूसरों की देखभाल करने के आह्वान का प्रत्युत्तर देने के लिए प्रोत्साहित किया।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, रविवार, 24 दिसंबर 2023 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में आगमन के चौथे रविवार, 24 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर, ईश्वर की प्रेममयी दयालुता के प्रति अपना दिल खोलने और उनके सौम्य, सम्मान और दूसरों की देखभाल करने के आह्वान का प्रत्युत्तर देने के लिए प्रोत्साहित किया।

आज, आगमन के चौथे रविवार को, सुसमाचार पाठ स्वर्गदूत के संदेश का दृश्य प्रस्तुत करता है (लूक.1:26-39)। स्वर्गदूत, मरियम को यह समझाने के लिए कि वह येसु को कैसे अपने गर्भ में धारण करेगी, कहते हैं, "पवित्र आत्मा आप पर उतरेगा, और सर्वोच्च प्रभु की शक्ति की छाया तुम पर पड़ेगी।" (35)। आइए, हम इस छवि, "छाया" पर चिंतन करें।

छाया जो राहत प्रदान करती

पवित्र भूमि, जहाँ लम्बे समय तक धूप रहती है, एक गुजरता बादल, एक पेड़ जो सूखे का विरोध करता, लोगों को आश्रय प्रदान करता तथा एक मेहमानवाज तम्बू राहत और सुरक्षा लाता है। छाया एक उपहार है जो धूप से बचाता है। स्वर्गदूत बतलाता है कि कैसे पवित्र आत्मा कुँवारी मरियम पर उतरेगा, जो ईश्वर का तरीका है: ईश्वर हमेशा एक सौम्य प्रेम के साथ कार्य करते हैं जो आलिंगन करता, जो फलदायक है एवं बिना हिंसा के रक्षा करता और स्वतंत्रता में किसी प्रकार का बाधा नहीं डालता है। यह ईश्वर के कार्य करने का तरीका है।

सुरक्षात्मक छाया बाइबिल में बार-बार आनेवाली छवि है। हम उस छाया की कल्पना करें जो रेगिस्तान में ईश्वर के लोगों के साथ चलती है। (निर्ग.13:21-22)

दयालुता जो बचाती 

संत पापा ने कहा, “छाया ईश्वर की दयालुता को प्रकट करता है। मानो वे मरियम से बल्कि आज हम सभी से कह रहे हों, “मैं यहाँ तुम्हारे लिए हूँ और मैं खुद को तुम्हारे लिए एक शरण एवं तुम्हारे आश्रय के रूप में प्रदान करता हूँ। मेरी छाया के नीचे आओ, मेरे साथ रहो। इसी प्रकार ईश्वर का फलदायी प्रेम संचालित होता है। और यह कुछ ऐसा है, जिसे एक निश्चित तरीके से, हम आपस में अनुभव कर सकते हैं; उदाहरण के लिए, जब हम दोस्तों, प्रेमिकाओं, जीवनसाथी, माता-पिता और बच्चों के बीच होते हैं, तो हम इस सौम्य और सम्माजनक व्यवहार को महसूस करते हैं, करुणा के साथ दूसरों की देखभाल करते हैं।” ईश्वर की करूणा पर चिंतन करें।

दूसरों की चिंता

ईश्वर ऐसा ही प्यार करते हैं और हमें भी उसी तरह प्यार करने के लिए बुलाते हैं : स्वागत, सुरक्षा और दूसरों का सम्मान करते हुए। सभी का ख्याल रखना, आप्रवासियों के लिए सोचना, उन लोगों की याद करना जो इन दिनों क्रिसमस की खुशी से बहुत दूर हैं। आइये, हम ईश्वर की दयालुता के साथ सभी की याद करें।

अपना हृदय खोलना

ख्रीस्त जयन्ती की पूर्व संध्या, आइये, हम अपने आप से पूछें : "क्या मैं अपने आप को पवित्र आत्मा की छाया में, ईश्वर की नम्रता और दीनता से आच्छादित होने देना चाहता हूँ, अपने दिल में उसके लिए जगह बनाना चाहता हूँ, उनकी क्षमा के करीब, पवित्र मिस्सा के लिए आना चाहता हूँ?" और फिर: "मैं किन अकेले और जरूरतमंद लोगों के लिए एक ऐसी छाया बन सकता हूँ जो बचाती करती है, एक ऐसी दोस्ती जो सांत्वना देती है?"

कुँवारी मरियम हमें खुला होने और ईश्वर की उपस्थिति का स्वागत करने में मदद करे, जो विनम्रतापूर्वक हमें बचाने आते हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया तथा क्रिसमस जागरण की शुभकामनाएँ दीं।

विश्वासियों का अभिवादन

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने विश्वासियों का अभिवादन करते हुए कहा, “मैं आप सभी, रोम और इटली तथा दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए तीर्थयात्रियों का स्वागत करता हूँ। विशेष रूप से, मैं इटली के नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करता हूँ जो आधिकारिक तौर पर अत्यधिक दूषित क्षेत्रों में रहते हैं और जो कुछ समय से सुधार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। मैं इन लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि उनकी आवाज सुनी जाएगी।”

देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस का संदेश - 24 दिसम्बर 2023

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24 December 2023, 15:30

दूत-संवाद की प्रार्थना एक ऐसी प्रार्थना है जिसको शरीरधारण के रहस्य की स्मृति में दिन में तीन बार की जाती है : सुबह 6.00 बजे, मध्याह्न एवं संध्या 6.00 बजे, और इस समय देवदूत प्रार्थना की घंटी बजायी जाती है। दूत-संवाद शब्द "प्रभु के दूत ने मरियम को संदेश दिया" से आता है जिसमें तीन छोटे पाठ होते हैं जो प्रभु येसु के शरीरधारण पर प्रकाश डालते हैं और साथ ही साथ तीन प्रणाम मरियम की विन्ती दुहरायी जाती है।

यह प्रार्थना संत पापा द्वारा रविवारों एवं महापर्वों के अवसरों पर संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में किया जाता है। देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा एक छोटा संदेश प्रस्तुत करते हैं जो उस दिन के पाठ पर आधारित होता है, जिसके बाद वे तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हैं। पास्का से लेकर पेंतेकोस्त तक देवदूत प्रार्थना के स्थान पर "स्वर्ग की रानी" प्रार्थना की जाती है जो येसु ख्रीस्त के पुनरूत्थान की यादगारी में की जाने वाली प्रार्थना है। इसके अंत में "पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा की महिमा हो..." तीन बार की जाती है।

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