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संत पापा फ्रांँसिस और फादर जेम्स मार्टिन ये. स. संत पापा फ्रांँसिस और फादर जेम्स मार्टिन ये. स. 

समलैंगिकता और पाप पर फा. जेम्स मार्टिन को पोप का पत्र

संत पापा फ्राँसिस ने जेस्विट फादर जेम्स मार्टिन को एक पत्र भेजकर, ए पी के साथ एक साक्षात्कार में अपने बयान कि "समलैंगिक होना अपराध नहीं है" पर समझाया है कि काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा के अनुसार विवाह के बाहर किया गया, हर यौन क्रिया एक पाप है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने लिखा है, "मैं काथलिक नैतिक शिक्षा का जिक्र कर रहा था, जो कहता है कि शादी के बाहर हर यौन क्रिया एक पाप है।"

संत पापा फ्राँसिस ने फादर जेम्स मार्टिन येसु समाजी के पत्र के जवाब में ऐसा कहा है जो अमरीका में एल जी बी टी क्यू समुदाय में प्रेरितिक कार्य करते हैं।

अमरीकी जेस्विट पादर ने संत पापा द्वारा एसोसिएट प्रेस को एक साक्षात्कार देने के बाद यह पत्र लिखा है। उन्होंने स्पानी भाषा में पोप द्वारा हस्त लिखित जवाब को अंग्रेजी अनुवाद के साथ वेबसाईट में पोस्ट किया है।  

स्पष्टीकरण

साक्षात्कार के संदर्भ में यह पहले से ही स्पष्ट है कि पोप ने समलैंगिकता की बात की थी जिसका अर्थ उस मामले में "समलैंगिक कृत्य" था, समलैंगिकता नहीं। समलैंगिक होना एक मानवीय स्वभाव है जबकि समलैंगिक कृत्य को कलीसिया स्वीकार नहीं करती क्योंकि ऐसी शादी कलीसिया में मान्य नहीं है। (कलीसिया के अनुसार शादी सिर्फ एक स्त्री और एक पुरूष के बीच हो सकती है।)

अपने पत्र में संत पापा ने जोर दिया है कि उनका पोजिशन काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा का है, जैसा कि वे 2013 में ब्राजील से वापस आते समय पत्रकारों के साथ अपने पहले साक्षात्कार में कह चुके हैं। ("यदि एक व्यक्ति समलैंगिक है और ईश्वर की खोज करता और सद इच्छा रखता, तो मैं उसका न्याय करनेवाला कौन होता हूँ?")  

फादर मार्टिन को जवाब देते हुए संत पापा ने कहा है कि पाप के संबंध में, “व्यक्ति को परिस्थिति पर भी ध्यान देना चाहिए जो गलती को बढ़ा या घटा सकता है।”

उन्होंने कहा, “मैं कह सकता था कि यह पाप है, जैसा कि विवाह के बाहर हर यौन क्रिया पाप है, "यह पाप के 'मामले' के बारे बात करना है, लेकिन हम अच्छी तरह जानते हैं कि काथलिक नैतिकता न केवल मामले को ध्यान में रखती है, बल्कि स्वतंत्रता एवं मकसद पर भी गौर करती है; और यह हर प्रकार के पाप के लिए लागू होता है।”

प्रार्थना

संत पापा फ्राँसिस ने अपने पत्र में दुहराया है कि समलैंगिक होना पाप नहीं है।  

उन्होंने लिखा है, “मैं बतलाना चाहता हूँ कि जो कोई समलैंगिकता को अपराध ठहराते हैं वे गलत हैं।” एक टेलीविजन साक्षात्कार, जिसमें हमने स्वाभाविक एवं विवादस्पद भाषा पर बात की, यह समझने योग्य है कि ऐसी सटीक परिभाषाएँ नहीं होंगी।”

विश्व में करीब ऐसे 50 से अधिक देश हैं जो समलैंगिक लोगों के लिए कानूनी सजा की संभावना रखते हैं और इनमें से कुछ देश मौत की सजा भी देते हैं।

संत पापा ने इस आश्वासन के साथ अपना पत्र समाप्त किया कि वे फादर मार्टिन और एलजीबीटीक्यू समुदाय के साथ उनके काम के लिए प्रार्थना करते हैं।

उन्होंने अंत में लिखा, “कृपया मेरे लिए भी प्रार्थना कीजिए।”

 

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28 January 2023, 15:19