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झारखंड के मुख्य मंत्री हेमन्त सोरेन को धन्यवाद देते आदिवासी प्रतिनिधि झारखंड के मुख्य मंत्री हेमन्त सोरेन को धन्यवाद देते आदिवासी प्रतिनिधि 

एक ऐतिहासिक जीत किन्तु सफर बाकी, शशि पन्ना

"यह एक ऐतिहासिक कदम लिया गया है कि इतने सालों में बहुत सारी सरकारें आयीं गईं। लेकिन कोई इस पर निर्णय नहीं लिया। इसलिए हमलोग बोल रहे हैं कि यह एक तरह से हमारी जीत है।" यह बात विजय जुलूस के आयोजक एवं सामाजिक कार्यकर्ता शशि पन्ना ने 20 अगस्त को कही।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा फिर से अधिसूचित नहीं करने की घोषणा का स्वागत करते हुए आदिवासियों ने 19 अगस्त को झारखंड की राजधानी राँची के डंगराटोली चौक से परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक तक एक विजय जुलूस निकाला।

शशि पन्ना ने कहा, "झारखंड सरकार ने बोल दिया है कि वे इसके लिए जमीन नहीं देंगे। अब सब केंद्र सरकार के पास चला गया है। केंद्र सरकार द्वारा नोटिफिकेशन निकलेगा फिर गजट (राज सूचना-पत्र) में पास होगा। गजट नोटिफिकेशन तुरन्त नहीं निकलेगा। थोड़ा प्रोशेस लगेगा। लेकिन हाँ ये एक ऐतिहासिक कदम लिया गया है कि इतने सालों में बहुत सारी सरकारें आयीं गईं। लेकिन कोई इस पर निर्णय नहीं लिया। इसलिए हमलोग बोल रहे हैं कि यह एक तरह से हमारी जीत है।"

दूसरी जीत  

उन्होंने कहा, "पहली जीत तब हुई थी जब मीलिटरी की गाड़ी को आंदोलन करके रोक दिया गया था। दूसरी जीत अभी मिली है, जब सरकार ने जमीन देने से मना कर दिया है।11 मई 2022 को इसकी अवधि समाप्त हो गई थी। उसके बाद अब केंद्र सरकार की सेना के तरफ से राज्य सरकार को नोटिस भेजा गया था कि 20 साल के लिए फिर बढ़ाईये।" तब राज्य सरकार ने लातेहार व गुमला जिले के 39 गांवों के ग्रांम प्रधान द्वारा अधिसूचना के नवीनीकरण पर रोक लगाने हेतु सौंपे गये ज्ञापन को आधार माना। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह 5वाँ अनुसूचित क्षेत्र है पेसा कानून लागू है और ग्रांम सभा का इसपर आपत्ति दर्ज हुआ है। इसलिए हम जमीन उपलब्ध नहीं करा सकते। इसमें लाखों लोग विस्थापित होंगे।

पन्ना ने कहा कि टेकनिकल रूप से अभी तक रद्द नहीं हुआ है क्योंकि इसपर केंद्र सरकार को निर्णय लेना है। अगर केंद्र सरकार अपना प्रोजेक्ट चलाना चाहती है तो वह और कोई जगह चुन ले।

अगला कदम

पन्ना ने अगले चरण के बारे सुझाव देते हुए कहा, "कुछ लोग कह रहे हैं कि क्यों विजय जुलूस निकाला गया, जब गजट निकलेगा तब निकाला जाना चाहिए था। पहले भी कई बार फील्ट फायरिंग रेज रद्द हो गया बोला जा रहा था, लेकिन नहीं हुआ था।" इस पर उन्होंने कहा कि पहले और इस बार में फर्क है। रघुवर दास जी भी एक बार बोले थे कि ये तो रद्द हो चुका है। लेकिन मुँह जबानी मीडिया के सामने बोले थे। "इस बार फाइल में सीएम का सिगनेचर हुआ है। झारखंड के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग (आई पी आर डी) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की है अतः इस बार यह आधिकारिक और औपचारिक रूप में हुआ है। कुछ दिन में वो लेटर भी निकल जाएगा। अगला कदम ये होना चाहिए कि रक्षा मंत्रालय से वार्ता की जाए। उन्हें ज्ञापन सौंपा जाए। आदिवासी राष्ट्रपति हैं उनसे भी मुलाकात की जाए।" 

17 अगस्त को झारखंड सरकार ने एक प्रेस रिलीस जारी कर कहा था, "हजारों आदिवासियों का 30 वर्षों का संघर्ष होगा समाप्त...मुख्यमंत्री ने नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित नहीं करने का लिया निर्णय।"

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20 August 2022, 15:16