उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
14 अगस्त 2018 को हुई इस भयंकर दुर्घटना में 43 लोगों की मौत हो गयी थी और करीब 600 लोगों को घर छोड़ना पड़ा था जो पुल के नीचे बने घरों में रह रहे थे।
मृतकों के लिए प्रार्थना
ख्रीस्तयाग के मुख्य अनुष्ठाता जेनोवा के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल अंजेलो बान्यास्को ने प्रवचन में कहा कि मोरांदी पुल के गिरने के एक साल बाद जेनोवा यहाँ एकत्रित है और इसके शिकार लोगों के लिए प्रार्थना कर रहा है। जब हम उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं हम प्रकाश में, ईश्वर की बाहों में उनकी कल्पना करते हैं और उन्हें विश्वास की नजरों से स्वर्ग की खिड़कियों पर झांकते हुए देखते हैं। जेनोवा उन्हें कभी नहीं भूलेगा। हमने उन दिनों को अपने हृदय में अंकित कर लिया है जिसने हमारी सांस रोक दी थी, सब कुछ फीका कर दिया था मानो सब कुछ अंधरे में गिर गया हो।
उन्होंने पीड़ित लोगों को सांत्वना देते हुए कहा, "शहर आपके परिवार का आलिंगन करता है। हम जानते हैं कि हम में से कोई भी उन प्रियजनों के स्थान को नहीं भर सकता किन्तु विनम्रता एवं बड़े सम्मान के साथ हम आपका आलिंगन करना चाहते हैं ताकि आप अकेलापन महसूस न करें।"
विस्थापित परिवारों की याद
कार्डिनल ने मोरांदी पुल के कारण विस्थापित लोगों को सम्बोधित कर कहा कि उन्हें अपने प्रिय स्थान से हटना पड़ा और काम में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा किन्तु सबसे बढ़कर आशा है, भविष्य पर विश्वास है कि वह दिन दूर नहीं है जिसको हम आज ही देखना शुरू कर रहे हैं। हमें भविष्य को दृढ़ता और ईमानदारी के साथ आगे देखना है।
येसु का आश्वासन
सुसमाचार पाठ पर चिंतन करते हुए कार्डिनल अंजेलो ने कहा कि ईश्वर के पुत्र येसु हमें आश्वासन दे रहे हैं कि जहाँ दो या दो से अधिक मेरे नाम पर जमा होते हैं मैं वहाँ उपस्थित होता हूँ। आज इससे अधिक प्रेरणादायक शब्द क्या हो सकता है? उन्होंने कहा, "एक साथ होना, आशा करना, काम करना, चलना और देखना, व्यक्तिगत नहीं किन्तु सार्वजनिक भलाई के लिए, यह न केवल शहर का स्वार्णिम नियम और मृतकों को सम्मान देना है बल्कि उनकी महान उपस्थिति और प्रेम की गारांटी है जो आलिंगन करते, आराम देते एवं सुदृढ़ करते हैं। यह ईश्वर की उपस्थिति एवं उनका प्रेम है।
एकता का आह्वान
कार्डिनल ने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हम एक रहेंगे और दीनता से ईश्वर द्वारा आलिंगन किये जायेंगे तब हम दूसरों का भी आलिंगन कर सकेंगे और रोटी एवं मछली के चमत्कार की तरह हमारी क्षमताएँ बढ़ जायेंगी।