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कारितास इंटरनेशनल के नए अध्यक्ष के रूप में महाधर्माध्यक्ष तार्सिसियो इसाओ किकुची कारितास इंटरनेशनल के नए अध्यक्ष के रूप में महाधर्माध्यक्ष तार्सिसियो इसाओ किकुची 

महाधर्माध्यक्ष किकुची कारितास इंटरनेशनल के नए अध्यक्ष चुने गये

कारितास इंटरनेशनल की 22वीं महासभा ने चार साल के कार्यकाल के लिए कलीसिया के धर्मार्थ संगठन के नए अध्यक्ष के रूप में महाधर्माध्यक्ष तार्सिसियो इसाओ किकुची का चुनाव किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

रोम, सोमवार 15 मई 2023 (वाटिकन न्यूज) : जापान में टोक्यो के महाधर्माध्यक्ष तार्सिसियो इसाओ किकुची, एसवीडी को 13 मई शनिवार शाम कारितास इंटरनेशनल का 13वां अध्यक्ष के रूप में चुना गया।

वे 162 काथलिक राहत, विकास और सामाजिक सेवा संगठनों के परिसंघ के प्रमुख के रूप में चार साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। कारितास दुनिया भर के 200 से अधिक देशों और क्षेत्रों में काम करता है, और विशेष रूप से गरीबों और शोषितों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने का प्रयास करता है।

महाधर्माध्यक्ष किकुची जापान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष और एशियाई धर्माध्यक्षीय सम्मेलन संघ (एफएबीसी) के महासचिव के रूप में भी कार्य करते हैं।

संक्षिप्त जीवनी

शनिवार शाम को जारी एक बयान में, कारितास इंटरनेशनल ने महाधर्माध्यक्ष किकुची को नये अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई दी।

महाधर्माध्यक्ष तार्सिसियो इसाओ किकुची का जन्म 1 नवंबर 1958 को इवाते में हुआ था। उन्होंने 15 मार्च 1986 को पुरोहिताभिषेक से पहले मार्च 1985 में दिव्य शब्द मिशनरियों के धर्मसंघ में अपना मन्नत लिया।

एक नव नियुक्त युवा मिशनरी पुरोहित के रूप में, उन्होंने घाना में अपनी सेवा दी, जहां वे 8 वर्षों के लिए एक ग्रामीण पल्ली में एक पल्ली पुरोहित थे।

उन्होंने 2004 से निगाता के धर्माध्यक्ष के रूप में कार्य किया और 2017 से टोक्यो के महाधर्माध्यक्ष के रूप में सेवा की है।

उन्होंने 1995 से कारितास परिसंघ के साथ विभिन्न पदों और उपाधियों में काम किया है, जब उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (तब ज़ाइरे के रूप में जाना जाता है) के बुकावू में एक शरणार्थी शिविर में एक स्वयंसेवक के रूप में काम करना शुरू किया था।


उन्होंने 1999 से 2004 तक कारितास जापान के कार्यकारी निदेशक और 2007 से 2022 तक कारितास जापान के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। वह 2011 से 2019 तक कारितास एशिया के अध्यक्ष भी रहे, 1999 से 2004 तक कारितास इंटरनेशनल की कार्यकारी समिति के सदस्य और 2011 से 2019 तक प्रतिनिधि परिषद के सदस्य रहे।

शुक्रवार को कारितास के सदस्यों को अपने संबोधन में, महाधर्माध्यक्ष किकुची ने कहा, "कारितास को गरीबों और कमजोरों को स्वीकार करने, साथ देने, सेवा करने और उनकी रक्षा करने के लिए अग्रिम पंक्ति में होना चाहिए। इस मिशन को बरकरार रखा जाना चाहिए और मिशन के प्रति परिसंघ के सभी सदस्यों के ध्यान आकर्षित करना चाहिए।" और मैं महासचिव के साथ मिलकर कलीसिया के इस महत्वपूर्ण मिशन को पूरा करने के लिए पूरे संगठन का नेतृत्व करना चाहूंगा। सभी एक साथ चलने के लिए आमंत्रित हैं।"

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15 May 2023, 15:39