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वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो परोलिन वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो परोलिन 

यूक्रेन: परमधर्मपीठ हमेशा मध्यस्थता के लिए तैयार है

वाटिकन राज्य सचिव ने यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से वार्ता में मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए परमधर्मपीठ की इच्छा को दोहराया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार 13 मार्च 2022 (वाटिकन न्यूज) : वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन ने रविवार को मॉस्को और कीव के बीच वार्ता में मध्यस्थ के रूप में कार्य करने के लिए परमधर्मपीठ की उपलब्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठ यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार है।

"ईश्वर के नाम पर" युद्ध को रोकने की संत पापा फ्रांसिस की तत्काल और बार-बार अपील के तुरंत बाद, इतालवी टेलीविजन द्वारा कार्डिनल पारोलिन का साक्षात्कार किया गया था। कुछ दिन पहले रूसी विदेश मंत्री श्री सर्गेज लावरोव के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए, कार्डिनल ने बताया कि परमधर्मपीठ के प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए, रूसी पक्ष से "अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है" कि वह इस अवसर का लाभ उठाने के लिए इच्छुक है।


हालांकि कार्डिनल ने यह भी बताया, कि "यह जरुरी नहीं है कि परमधर्मपीठ के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाए। महत्वपूर्ण बात यह है कि जो कुछ हो रहा है उसे समाप्त करने के लिए एक रास्ता मिले," और उन्होंने अपनी आशा व्यक्त की कि चल रहे संपर्क और अन्य मध्यस्थता के सकारात्मक परिणाम होंगे।

दूसरी ओर, कार्डिनल पारोलिन ने कहा, कलीसिया बहुत कुछ कर रही है। संत पापा शांति के लिए प्रार्थना पहल, एकजुटता की बारंबार अपील कर रहे हैं और कीव में प्रेरितिक राजदूत के साथ निरंतर संपर्क में हैं।

कार्डिनल पारोलिन ने यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए कई प्रदर्शनों के महत्व पर भी जोर दिया, यह याद करते हुए कि, देवदूत प्रार्थना के दौरान, संत पापा ने सभी को "युद्ध को समाप्त करने के आह्वान में" शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

आशा के संकेत

उन्होंने कहा, रूस में भी, शांति के लिए कई आंदोलन चल रहे हैं और यह आशा का संकेत है।

अंत में, इस रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा फ्राँसिस के शब्दों पर टिप्पणी करते हुए, कार्डिनल पारोलिन ने कहा कि वे न केवल संत पापा के शब्दों से प्रभावित हुए, जो प्रभावशाली और तीक्ष्ण थे, बल्कि जिस तरह से उन्होंने अपने दर्द को प्रकट किया, उससे भी प्रभावित हुए।

"हम सभी इस युद्ध से दुखी और स्तब्ध हैं।”

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14 March 2022, 15:48