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डकार के विश्व जल मंच में भाग लेते कार्डिनल माईकेल चरनी डकार के विश्व जल मंच में भाग लेते कार्डिनल माईकेल चरनी 

कार्डिनल चरनी ˸ 'हम जीने के लिए जरूरी जलस्रोतों को नष्ट कर रहे हैं'

कार्डिनल माईकेल चरनी जब सेनेगल में 9वें विश्व जल मंच में भाग ले रहे हैं, उन्होंने सरकारों और नीति निर्माताओं को समाधान सुनिश्चित करने में उनकी भूमिका के बारे बतलाया है, साथ ही नागरिकों के रूप में अपनी जिम्मेदारी की याद दिलाते हुए कहा है कि उसे पूरा नहीं करने पर इसके लिए उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 22 मार्च 2022 (रेई) ˸ 9वाँ विश्व जल मंच 21 से 26 मार्च को सेनेगल की राजधानी डकार में आयोजित किया गया है। एक एकीकृत तरीके से पानी और स्वच्छता के लिए ठोस प्रतिक्रियाओं एवं कार्यों को पहचानने, बढ़ावा देने और लागू करने हेतु यह बैठक हर साल आयोजित की जाती है। समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अंतरिम अध्यक्ष कार्डिनल माईकेल चरनी के अनुसार जल, शांति एवं विकास से जुड़ा है। उन्होंने यूक्रेन का उदाहरण दिया जहाँ जल, शांति एवं विकास से जुड़ा है।

जल और यूक्रेन

कार्डिनल चरनी ने कहा, "यूक्रेन में लोग पहले से पानी के लिए परेशान हैं और नुकसान के कारण इसके अभाव में शायद मर भी रहे हैं।"

"भविष्य के युद्ध हमारे कुप्रबंधन, दुरुपयोग और पानी के कुप्रयोग से तैयार किए जा रहे हैं" इस तथ्य की उपेक्षा करना बंद करके एकजुटता दिखाई जा सकती है।

कार्डिनल चरनी ने कहा कि मंच की समयबद्धता भी विकास से चिन्हित किया जा सकता है। हमारे सारे मानव प्रयासों को विकास में सहयोग देना चाहिए और यह भरोसेमंद एवं सुरक्षित जल स्रोत के द्वारा ही संभव हो सकता है।  

दुर्भाग्य से, हमारी दूरदर्शिता के अभाव में हम स्रोत को ही नष्ट करते हैं जिसकी हमें अति आवश्यकता है, जिसकी हमें जीने एवं विकास करने हेतु जरूरत है। 

कलीसिया की मदद

विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है। वर्तमान में विश्व के करीब 2 बिलियन लोगों को सुरक्षित पेयजल नहीं मिल रहा है।  

इस संदर्भ में कार्डिनल चरनी ने कहा है कि कलीसिया द्वारा दी गई मदद "केंद्रीकृत" नहीं है, बल्कि "केशिकीय" तरीके से प्रदान की जाती है।

उन्होंने कहा कि कई स्थानीय एवं प्रांतीय संस्थाएँ, कलीसिया एवं कलीसियाई संगठन तथा विश्वासी, ख्रीस्तीय एवं अख्रीस्तीय सभी मिलकर एक साथ कार्य कर रहे हैं और जल एवं स्वच्छता की मौलिक आवश्यकता की पूर्ति हेतु अथक मेहनत कर रहे हैं।

सरकार की भूमिका

उन्होंने समग्र मानव विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद द्वारा 2020 में प्रकाशित दस्तावेज अक्वा फोंस भीते (जल जीवन का झरना है) पर प्रकाश डाला जो स्वच्छ जल तक सभी की पहुँच के अधिकार पर जोर देता है।

उसी साल संयुक्त राष्ट्र ने जल के संबंध में गैर-बाध्यकारी संकल्प पारित किया, यह स्वीकार करते हुए कि सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल एवं स्वच्छता का अधिकार मानव अधिकार है जो जीवन के पूर्ण आनंद और सभी मानव अधिकारों के लिए आवश्यक है।"

इस दृष्टिकोण से कार्डिनल चरनी ने गौर किया कि समस्याओं के समाधान की जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं है। बल्कि सरकार की जिम्मेदारी यह है कि वह सुनिश्चित करे कि समस्याओं का समाधान हो और इसमें लोगों को शामिल किया जाए – ताकि लोग अपने तरीके से एवं अपने स्तर पर इसमें भाग लें।

कार्डिनल ने कहा कि "मुझे उम्मीद है कि सरकारें घोषणा करके हर किसी का समय बर्बाद करना बंद करेंगी, और जीवन, विकास और वास्तव में शांति के लिए आवश्यक बुनियादी जरूरतों को सुनिश्चित करने के लिए उपाय करेंगी।"

तनाव कहाँ उठता है

कुछ देशों की गतिविधियों के कारण तनाव अक्सर बढ़ जाता है, क्योंकि दूसरे देशों के लिए पानी की पहुंच की समस्या पैदा हो जाती है।

उन्होंने प्रेरितिक पत्रों फ्रातेल्ली तूत्ती एवं लौदातो सी में संत पापा फ्राँसिस के शब्दों को दुहराते हुए कहा कि "एकमात्र रास्ता जिससे होकर हम समाधान तक पहुँच सकते हैं वह है वार्ता, युद्ध नहीं।"

विज्ञान की भूमिका

कार्डिनल चरनी ने समाधान के रूप में विज्ञान की भूमिका पर भी प्रकाश डाला तथा कहा कि "यदि आपके पास अच्छे विज्ञान हैं, अच्छी अभियांत्रिकी और एक उचित एवं सही लागतवाला समाधान भी है" तो चीजें की जा सकती हैं और उन्हें बिना भ्रष्टाचार के, समय एवं उचित पहुँच के साथ की जानी चाहिए।

"हम अपने कीमती संसाधनों या प्रौद्योगिकियों को निजी हितों द्वारा अपहृत होने नहीं दे सकते।" हमारे आमघर की भी अपनी सीमाएँ हैं, और हमें एक साथ एवं इसके साथ संवाद करने सीखना चाहिए।

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22 March 2022, 16:14