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जल सहयोग का स्रोत हो, संघर्ष का नहीं

संत पापा फ्राँसिस ने स्वच्छ पेयजल की पहुँच को प्रोत्साहन देनेवाले संगठनों को सम्बोधित किया तथा राष्ट्रों से अपील की है कि वे संसाधनों पर तनाव दूर करें एवं इसके बदले वैश्विक समस्याओं का सामना करने के लिए एकजुट हों।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 21 मार्च 2022 (रेई) ˸ सोमवार को "मैं प्यासा हूँ" संगठन के स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने सदस्यों को उनके स्पष्ट एवं आवश्यक लक्ष्य के लिए धन्यवाद दिया, जिनका लक्ष्य है उन लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति में मदद देना, जिनके लिए इसका अभाव है।

स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति

संत पापा ने अपने सम्बोधन में गौर किया कि जलापूर्ति, खासकर स्वच्छ पेयजल ग्रह के जीवन और लोगों के बीच शांति हेतु मुख्य मुद्दा है।  

उन्होंने कहा कि यद्यपि यह मुद्दा सभी पर लागू होता है, विश्व में और खासकर, अफ्रीका में लोग इस मौलिक आवश्यकता की कमी झेल रहे हैं।  

संत पापा ने कहा, "यही कारण है कि आपने अफ्रीका में, कई अन्य देशों एवं प्रांतों में अपने मानवीय परियोजना को जारी रखा है जिसको मिशनरियों एवं उस क्षेत्र के कलीसियाई समुदाय तथा स्थानीय श्रमिकों के सहयोग से पूरा किया जाता है।"

जल ही जीवन है

"मैं प्यासा हूँ" संगठन के संदर्भ में संत पापा ने कहा कि येसु ने कहा है, "मैं प्यासा था और तुमने मुझे पिलाया", तुमने मेरे इन भाइयों में से सबसे छोटे के लिए जो कुछ किया वह तुमने मेरे लिए किया।" (मती. 25:35, 40)

"जब पीने के लिए पर्याप्त पानी हो तो प्यास नहीं लगती। लेकिन हम जानते हैं कि इसकी कमी है और लंबे समय तक इसकी कमी रहने पर प्यास असहनीय हो सकती है। पृथ्वी पर जीवन पानी पर निर्भर करता है; हम इंसान भी। हम सभी को जीने के लिए बहन पानी की जरूरत है!”

युद्ध क्यों?

इस विचार से संत पापा ने आश्चर्य व्यक्त किया कि जल की पहुँच में सहयोग करने के बदले संघर्ष होता है।

"हम संघर्षों को लेकर एक-दूसरे से युद्ध क्यों छेड़ें, जिन्हें हमें एक-दूसरे से बात करके सुलझाना चाहिए? इसके बजाय, क्यों न, सभ्यता की वास्तविक लड़ाई को एक साथ लड़ने के लिए सेना और संसाधनों को शामिल किया जाए: भूख और प्यास के खिलाफ लड़ाई; बीमारी और महामारी के खिलाफ लड़ाई; गरीबी और आधुनिक समय की गुलामी के खिलाफ लड़ाई?"

संत पापा ने जागरूकता पैदा करने के महत्व पर प्रकाश डाला कि हथियारों पर बार-बार खर्च करना "आत्मा, दिल और, मानवता को गंदा करता है"।

उन्होंने कहा कि कुछ विकल्प तटस्थ नहीं होते, जैसे कि हथियारों के खर्च के एक बड़े हिस्से का आवंटन, जिसका अर्थ है "इसे किसी और चीज से दूर कर लेना, जिसका मतलब है कि इसे उन लोगों से दूर रखना जिनके पास आवश्यक चीजों का अभाव है।"

"हम सभी का क्या मतलब है कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गरीबी के खिलाफ, भूख के खिलाफ, ग्रह के पतन के खिलाफ अभियान के लिए खुद को एक साथ प्रतिबद्ध कर रहे हैं, अगर हम फिर युद्ध के पुराने दुष्चक्र में, हथियारों की शक्ति की पुरानी रणनीति में पड़ रहे हैं, जो सब कुछ को और सभी को पीछे ले जाती है?"

छोटा किन्तु फलप्रद

अंत में संत पापा ने संगठन के सदस्यों से कहा है कि उनका संगठन इन बड़ी समस्याओं के सामने निश्चय ही छोटा है लेकिन संकट के समय में काम कर रहा है और यह इटली एवं विश्व में सही तरीके से अच्छा काम कर रहा है।

संत पापा ने सभी सदस्यों को उनके कार्यों के लिए धन्यवाद देते हुए उनकी प्रतिबद्धता को जारी रखने का प्रोत्साहन दिया।

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22 March 2022, 16:00