खोज

बुजूर्गों के साथ संत पापा फ्राँसिस बुजूर्गों के साथ संत पापा फ्राँसिस 

दादा-दादी के लिए द्वितीय विश्व दिवस 24 जुलाई को मनाया जायेगा

संत पापा फ्राँसिस ने दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए द्वितीय विश्व दिवस की विषयवस्तु प्रकाशित की, जिसका उद्देश्य है, दादा-दादी एवं बुजूर्गों पर ध्यान रखना एवं उन्हें महत्व देना, जिन्हें अक्सर परिवार तथा सामाजिक एवं कलीसियाई समुदाय में हाशिये पर रखा जाता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 15 फरवरी 22 (रेई) ˸ लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद ने 15 फरवरी को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी कि दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए आगामी द्वितीय विश्व दिवस 24 जुलाई 2022 को पूरे विश्वव्यापी कलीसिया में मनाया जाएगा। 

दिवस

दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए विश्व दिवस की स्थापना संत पापा फ्राँसिस ने 2021 में की है। पिछले साल इस दिवस को मनाते हुए संत पापा ने रोटी के चमत्कार पर चिंतन किया था, "येसु भीड़ को भूखे देखते हैं; येसु रोटी बांटते हैं; येसु बचे हुए रोटी के टुकड़ों को जमा करने के लिए कहते हैं।" उन्होंने अपने उपदेश में तीन क्रियाओं को प्रस्तुत किया था, देखना, बांटना और सुरक्षित रखना। इस तरह उन्होंने दादा-दादी एवं बुजूर्गों के विश्वदिवस का उद्घाटन किया था और कहा था कि उनका जीवन रोटी के समान है जो हमारे जीवन को पोषित करता है। अब दादा-दादी एवं बुजूर्गों के लिए द्वितीय विश्वदिवस की तैयारी करना है जिसको 24 जुलाई 2022 को पूरी कलीसिया में मनाया जाएगा। 

 

द्वितीय विश्व दिवस की विषयवस्तु

द्वितीय विश्व दिवस की विषयवस्तु होगी, "वे लम्बी आयु में भी फलदार हैं।" (स्तोत्र 92,15) इसका उद्देश्य है दादा-दादी और बुजूर्ग, सामाजिक एवं कलीसियाई समुदाय के लिए मूल्यवान और उपहार हैं।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि विषयवस्तु एक निमंत्रण है कि हम दादा-दादी एवं बुजूर्गों पर ध्यान रखें एवं उन्हें महत्व दें, जिन्हें अक्सर परिवारों, नागरिक एवं कलीसियाई समुदायों में हाशिये पर रखा जाता है। जबकि उनके जीवन एवं विश्वास का अनुभव, वास्तव में, उन समाजों के निर्माण में योगदान देता है जो अपने मूल के प्रति सचेत हैं और अधिक एकात्मता पर आधारित भविष्य के लिए सपने देखने में सक्षम हैं।

पोप और बुजूर्ग

बुजूर्गों की प्रज्ञा को सुनने का निमंत्रण, सिनॉडल यात्रा जिसको कलीसिया ने शुरू की है, उसकी पृष्टभूमि पर यह खास रूप से महत्वपूर्ण है।   

लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद ने पूरे विश्व के सभी पल्लियों, धर्मप्रांतों, संगठनों एवं कलीसियाई समुदायों को आमंत्रित किया है कि वे इस दिवस को अपनी ही प्रेरिताई की पृष्टभूमि पर मनाने का उपाय करें। परिषद ने जानकारी दी है कि इस उद्देश्य के लिए वह कुछ उपयुक्त प्रेरितिक सामग्रियाँ भी उपलब्ध करायेगा।

संत पापा ने दादा-दादी एवं बुजूर्गों की रक्षा किये जाने पर हमेशा जोर दिया है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

15 February 2022, 16:24