कार्डिनल रवासी ˸ संवाद सभी आस्था के लोगों का मूल एवं विरासत
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 3 फरवरी 2022 (रेई)- दुबाई की विश्वव्यापी प्रदर्शनी में परमधर्मपीठ का मंडप एक रास्ता है जिसके द्वारा वह दर्शकों को भातृत्व, मित्रता, वार्ता, मुलाकात एवं संस्कृतियों के बीच आदान-प्रदान की शक्ति के अर्थ का अनुभव देना चाहता है।
4 फरवरी को मानव बंधुत्व पर द्वितीय अंतरराष्ट्रीय दिवस का समारोह विशाल मंडप में सम्पन्न होगा, जब मानव बंधुत्व पर दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये गये थे।
संत पापा फ्राँसिस एवं सुलतान द्वारा अबू धाबी में हस्ताक्षर
प्रतिष्ठापन का शुरूआती विन्दु, मंडप के उप-कमिशनर तथा संस्कृति के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति के विज्ञान एवं विश्वास विभाग के प्रमुख मोनसिन्योर तोमाज त्राफने द्वारा डिजाईन किया गया है।
इसका अंत विन्दु है पोप फ्राँसिस का अल अजहर के ग्रैंड इमाम अहमद अल तायिब जिन्होंने 4 फरवरी 2019 को अबूधाबी में दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया था।
मंडप के संदेश एवं बंधुत्व की संस्कृति को फैलाने हेतु परिषद की प्रतिबद्धता के बारे वाटिकन न्यूज से बातें करते हुए कार्डिनल रवासी ने, विश्व के महान धर्मों की अपनी महान विरासत की ओर लौटने के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि हमारी विरासत आम है और साथ ही भिन्न, जिसको आधुनिक समाज में संवाद द्वारा भरा जाना चाहिए ताकि ग्रह के सांस्कृतिक एवं नैतिक पतन को रोका जा सके।
सवाल ˸ दुबाई की प्रदर्शनी में परमधर्मपीठ का मंडप क्या एक स्थान है, खासकर, मानव बंधुत्व के दस्तावेज पर हस्ताक्षर के तीन साल बाद मानव बंधुत्व के दस्तावेज को जारी रखने का?
उत्तर – मंडप में, उस अवसर (4 फरवरी 2019) के फिल्म को लगातार प्रस्तुत किया जा रहा है किन्तु मैं एक ऐसी मौजूदगी पर अधिक जोर दूँगा- जिसमें महान पुस्तकालय की एक झलक और अरबी शब्दों के साथ बंगलादेश में 9वीं शताब्दी में स्थापित विश्वविद्यालय, जिसको मंडप के अंदर प्रस्तुत किया गया है और जो उस समय की संस्कृति, जिसमें वह दूसरे लोगों के ज्ञान एवं संस्कृति को इस्लामिक जगत में सुगम बनाने का प्रयास किया है उसे दर्शाया गया है। यह निश्चय ही इस संस्कृति का, साथ ही साथ धार्मिक एवं संवाद का एक प्रतीकात्मक साक्ष्य है।
सवाल ˸ और यह भी सबसे प्रतिष्ठित वस्तुओं में से एक है, जिसके लिए अरब के कई लोग मंडप घूमने आते हैं।
उत्तर ˸ यह सच है; यह निश्चित रूप से मौलिक प्रतीकों में से एक है, जैसा कि गणित पर एक अरबी ग्रंथ का लैटिन अनुवाद भी है, जिसके माध्यम से फाइबोनैची शब्द को पूर्व में हस्तांतरित किया गया है, उनकी प्रसिद्ध श्रृंखला, जहां पश्चिम ने तथाकथित अरबी संख्याएँ सीखीं।
सवाल ˸ यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान की सराहना करने का एक रास्ता है तथा दस्तावेज जिसमें संत पापा फ्राँसिस एवं अल अजहर के ग्रैंड इमाम ने हस्ताक्षर किये हैं, विश्व के सांस्कृतिक एवं नैतिक पतन के खिलाफ अपील करता है। इस पर विश्व के विभिन्न धर्मों के लोग किस तरह ठोस रूप में कार्य कर सकते हैं?
उत्तर ˸ वे इसे दो रास्तों के द्वारा कर सकते हैं। मूल की ओर लौटने के द्वारा और अपनी महान विरासत की ओर फिर से लौटने के द्वारा।
सवाल ˸ संत पापा फ्राँसिस ने बार-बार कहा है कि मानव बंधुत्व पर दस्तावेज को प्रसारित किया जाना एवं जितना संभव हो विस्तृत रूप में अध्ययन किया जाना चाहिए। संस्कृति के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद इसके लिए क्या कर रहा है और क्या योजना बना रहा है ताकि वे ऐतिहासिक शब्द सचमुच संस्कृति बन जाएँ?
उत्तर ˸ हम सोचते हैं कि हम इसे खासकर संस्कृति की ओर से कर सकते हैं...अंतरधार्मिक वार्ता हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति सीधे रूप में धार्मिक मामलों को अधिक ध्यान देती है, उदाहरण स्वरूप हम सोच सकते हैं कि हम अन्य जातियों के लिए एक प्रांगण का निर्माण करें जो मौन की विषयवस्तु के लिए समर्पित होगा जो न केवल अरब जगत के ध्यान साधना की विशेषता है बल्कि प्राचीन बौद्ध परम्परा भी है अतः यह एक बहुत विस्तृत वार्ता होगी।
हम, वैज्ञानिक आयाम को बढ़ाने का इरादा रखते हैं - साथ ही हम आमतौर पर मुस्लिम संस्कृति के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
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