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आस्था के सिद्धांत के लिए गठित धर्मसंघ के सहायक सचिव महाधर्माध्यक्ष सिक्लूना आस्था के सिद्धांत के लिए गठित धर्मसंघ के सहायक सचिव महाधर्माध्यक्ष सिक्लूना  

पारदर्शिता उच्चतम स्तरों पर कार्यान्वित, महाधर्माध्यक्ष सिक्लूना

आस्था के सिद्धांत के लिए गठित धर्मसंघ के सहायक सचिव महाधर्माध्यक्ष सिक्लूना ने कहा कि "बाल दुर्व्यवहार और यौन हिंसा के मामलों में पारदर्शिता के सवाल पर पूरे दिन चर्चा हुई थी" जिसे "अब लागू किया जा रहा है।"

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 18 दिसम्बर 2019 (वाटिकन न्यूज) : “पारदर्शिता उच्चतम स्तरों पर कार्यान्वित की जा रही है।” यह बात मंगलवार, 17 दिसंबर 2019 को प्रकाशित नवीनतम अध्यादेश की व्याख्या करते हुए माल्टा के महाधर्माध्यक्ष और आस्था के सिद्धांत के लिए गठित धर्मसंघ के सहायक सचिव महाधर्माध्यक्ष सिक्लूना ने वाटिकन न्यूज के साथ हुए साक्षात्कार में कहा।

बाल दुर्व्यवहार और यौन हिंसा के मामलों में संत पापा की गोपनीयता को खत्म करने के संत पापा के फैसले के महत्व के बारे पूछे जाने पर महाधर्माध्यक्ष सिक्लूना ने कहा, “मुझे याद है कि जब फरवरी 2019 में संत पापा ने धर्माध्यक्षों को वाटिकन बुलाया था, तब यौन दुराचार के मामलों में पारदर्शिता के सवाल पूरे दिन चर्चा हई थी। मई 2019 से हमारे पास एक नया कानून है जो इस मुद्दे में एक महत्वपूर्ण प्रभाव भी देता है और अब हमारे पास संत पापा का एक और कानून है जो कहता है कि यौन दुराचार के मामले अब किसी परमधर्मपीठीय रहस्य, गोपनीयता का उच्चतम स्तर के तहत नहीं हैं। इसका मतलब है कि, अब पारदर्शिता का सवाल उच्चतम स्तर पर लागू हो रहा है।”

अध्यादेश का प्रभाव

इस अध्यादेश द्वारा ठोस बदलाव आने के संबंध में पूछे जाने पर महाधर्माध्यक्ष ने उदाहरण देते हुए कहा कि यह राज्य के सहयोग से, पीड़ितों के साथ संचार का मार्ग खोलता है। निश्चय ही अधिकार क्षेत्र ने आसानी से परमधर्मपीठीय रहस्य का हवाला दिया होगा क्योंकि यह कानून की स्थिति थी और वे राज्य के अधिकारियों या पीड़ितों के साथ जानकारी साझा करने के लिए अधिकृत नहीं थे। अब वह बाधा उठा लिया गया है। हम इसे इस तरह से कह सकते हैं कि अब परमधर्मपीठीय रहस्य कोई बहाना नहीं है। हालाँकि, विगत 4 दिसम्बर को संत पापा फ्राँसिस द्वारा प्रकाशित मोतु प्रोप्रियो “वोस एस्टिस लक्स मुंडी” भी कहता है, अगर हम वास्तव में न्याय के लिए काम करना चाहते है, तो इस नए कानून द्वारा, वैधानिक अधिकारियों और पीड़ितों को जानकारी की स्वतंत्रता को सुगम बनाया जा रहा है।

दस्तावेज़ की सार्वजनिकता

क्या परमधर्मपीठीय गोपनीयता के उन्मूलन का मतलब है कि दस्तावेज़ सार्वजनिक हो जाएंगे?

एक दंड परीक्षण में दस्तावेज सार्वजनिक डोमेन नहीं हैं, लेकिन वे अधिकारियों या रुचि रखने वाले दलों और ऐसे अधिकारियों के लिए उपलब्ध हैं, जिनके पास मामले पर वैधानिक अधिकार क्षेत्र है। इसलिए मुझे लगता है कि जब परमधर्मपीठ को जानकारी साझा करने के लिए कहा जाता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना होगा: अर्थात, इसके लिए एक विशिष्ट अनुरोध किया जाना है और अंतर्राष्ट्रीय कानून की सभी औपचारिकताएं पालन किया जाना है। स्थानीय स्तर पर, हालांकि वे सार्वजनिक डोमेन नहीं हैं, लेकिन सूचना और प्रलेखन साझा करने वाले वैधानिक अधिकारियों के साथ संचार की सुविधा है।

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18 December 2019, 15:40