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गरिमा बहाल करके ही हम मानवता को बहाल कर सकते हैं, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने अपनी प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन किंशासा में कई लोकोपकारी और धर्मार्थ संस्थाओं के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। संत पापा ने सबसे कमजोर लोगों की सेवा हेतु उनके बहुमूल्य कार्य के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

किंशासा, गुरुवार 2 फरवरी 2023 (वाटिकन न्यूज)  : बुधवार को किंशासा के प्रेरितिक राजदूतावास में कुछ लोकोपकारी और धर्मार्थ संस्थाओं के प्रतिनिधियों के एक समूह को संबोधित करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने उनके काम की प्रशंसा की, जो एक जंगल की तरह है जो चुपचाप बढ़ रहा है और चल रही हिंसा और अन्याय के "शोर" के बीच भी फल दे रहा है।

छह लोकोपकारी संस्थाएँ

बैठक में भाग लेने वाले छह लोकोपकारी और धर्मार्थ संगठनों और संस्थानों के संचालक और लाभार्थी थे जिन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया और गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और मानव विकास के क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को प्रस्तुत किया। इनमें विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं, हैनसेन रोग और अन्य बीमारियों से प्रभावित लोग शामिल थे।

उनमें से संत इजीदियो समुदाय का डीआरईएएम ड्रीम केंद्र (उत्कृष्ट और उन्नत साधनों के माध्यम से रोग राहत), फास्टा एसोसिएशन, एक अर्जेंटीना-आधारित मानवीय संगठन है, जिसका उद्देश्य एकीकृत प्रशिक्षण और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से हाशिए के लोगों का सामाजिक प्रचार और समावेश है और एक स्थानीय संघ "टेलीमा ओंगेंग", विकलांग लोगों को उनकी जीवन स्थितियों में सुधार करने के लिए सहायता करता है। वहाँ किक्विट में मवांडा की माता मरिया की ट्रैपिस्ट धर्मबहनें भी मौजूद थीं।

प्रेरितिक राजदूतावास में कुछ लोकोपकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ संत पापा फ्राँसिस
प्रेरितिक राजदूतावास में कुछ लोकोपकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ संत पापा फ्राँसिस

गरीबों को, नाम और चेहरे वाले लोगों को गले लगाना

संत पापा फ्राँसिस ने उनके काम की सराहना करते हुए कहा कि उनकी गवाही में केवल सामाजिक समस्याओं या गरीबी के आंकड़ों को सूचीबद्ध नहीं किया गया है, "लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि गरीबों के बारे में स्नेह के साथ बात की गई", "नाम और चेहरे वाले" लोग, जिनसे ख्रीस्तीय, "मुँह नहीं मोड़ सकते।"

संत पापा ने कहा,“आज बहुत से लोग गरीबों को छोड़ देते हैं, जबकि आप उन्हें गले लगाते हैं।  दुनिया उनका शोषण करती है और आप उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। प्रोत्साहन बनाम शोषण: यहाँ एक जंगल है जो बढ़ रहा है, यहाँ तक कि वनों की कटाई और अपशिष्ट बड़े पैमाने पर चलते हैं! मैं कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और इस पूरे महाद्वीप में विकास और आशा को बढ़ावा देने के लिए आप जो कर रहे हैं, उसे बेहतर तरीके से बताना चाहूँगा। मैं बेजुबानों की आवाज बनने की इच्छा से यहां आया हूँ।


गरीबी इंसानों के खिलाफ अपराध है

यह देखते हुए कि मीडिया दुर्भाग्य से डीआरसी और पूरे अफ्रीका में "विशाल प्रतिभाओं" और "सच्ची मानव और ईसाई भव्यता की कहानियों" को ज्यादा जगह नहीं देता है, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि उनके साथ मिलकर वे इस वास्तविकता और देश में कई पुरुषों और महिलाओं की पीड़ा, हिंसा, दुर्व्यवहार, भेदभाव और हाशिए पर रहने वालों के लिए "आवाज" देना चाहते हैं।

संत पापा ने दोहराया, "गरीबी और अस्वीकृति मनुष्य के खिलाफ एक अपराध है, जो उनकी गरिमा को खतम कर देता है।" "गरिमा बहाल करके ही हम मानवता को बहाल कर सकते हैं"।

उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकर भी दुख हुआ कि डीआरसी में भी बच्चों और बुजुर्गों को छोड़ दिया जाता है, यह निंदनीय है क्योंकि वे हर समाज की जड़ों और भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं।

"सच्चा मानव विकास वहाँ नहीं पनप सकता जहाँ कोई स्मृति या भविष्य नहीं है।"

अच्छाई फैलती है

संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित लोगों से कहा कि, कठिनाइयों के बावजूद, उनकी कड़ी मेहनत फलदायक है, जैसा कि उनकी कहानियों से साबित होता है, यह दर्शाता है कि "अच्छाई फैलती है" और "निवृति या आंकड़ों से पंगु नहीं होती, बल्कि हमें दूसरों को वह देने के लिए प्रेरित करती है जो हम स्वयं स्वतंत्र रूप से प्राप्त करते हैं।"

संत पापा ने जोर देकर कहा कि युवा लोगों को विशेष रूप से इसे देखने की आवश्यकता है। उन्हें ऐसे चेहरों को देखने की जरूरत है जो लोगों की आंखों में देखकर उदासीनता को दूर करते हैं और ऐसे हाथ जो हथियार नहीं चलाते हैं या धन का दुरुपयोग नहीं करते हैं, लेकिन उन लोगों तक पहुंचते हैं जो जमीन पर हैं, उन्हें ईश्वर के बेटे और बेटी के रुप में उनकी गरिमा को वापस देते हैं।

"सच्चा परोपकार हमें ईश्वर से मिलाता है। ईश्वर हमें अप्रत्याशित चमत्कारों से आश्चर्यचकित करता है जिससे वह प्यार करता है।"

ख्रीस्तियों के उदारता की गवाही को कभी भी दूषित नहीं करना चाहिए।

संत पापा फ्राँसिस ने आगे जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा और सबसे कमजोर लोगों की देखभाल की जिम्मेदारी मुख्य रूप से राज्य की है, "मसीह में विश्वास करने वालों को कभी भी उदारता की गवाही को दूषित नहीं करना चाहिए", और इसलिए "उनके पास जो कुछ है उसे उन लोगों के साथ साझा करना चाहिए" जिनके पास मूलभूत आवश्यकताओं की कमी है।", संत पाप ने याद दिलाया कि गरीबी का कारण वस्तुओं और अवसरों की कमी नहीं है, बल्कि उनका असमान वितरण है।

उन्होंने जोर देकर कहा, यह "परोपकार नहीं है, बल्कि विश्वास है" क्योंकि "जैसा कि पवित्रशास्त्र कहता है, 'काम के बिना विश्वास मरा हुआ है'।"

संत पापा फ्राँसिस ने याद दिलाया कि गरीबों के लिए येसु के प्रेम की गवाही का एक उपयोगी साधन बनने के लिए, काथलिक चारिटी संगठनों द्वारा तीन मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए, पहला मानदंड हैः अपने वित्त के प्रबंधन में विश्वसनीयता, पारदर्शिता और दक्षता का "एक उदाहरण स्थापित करना।"

गरीबों को आत्मनिर्भर बनाना

दूसरा मानदंड "दूरदर्शिता" है, जो न केवल गरीबों की तात्कालिक जरूरतों को पूरा करना है, बल्कि उन सतत विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देना है जो उन्हें भविष्य में आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है, जो डीआरसी और दुनिया के कई अन्य हिस्सों में कलीसिया अपनी कल्याणकारी सेवाओं के माध्यम से कर रही है।

"ऐसे सामान वितरित करने के बजाय जो कम टिकाऊ हैं, ज्ञान और उपकरण को प्रसारित करना बेहतर है, जो विकास को स्वायत्त और टिकाऊ बनाते हैं। "

गरीबों के लिए नेटवर्किंग

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि काथलिक चारिटी के फलदायी और प्रभावी होने के लिए तीसरा मानदंड है काथलिक संगठनों का आपस में जुड़ना, एक साथ नेटवर्किंग करना और ख्रीस्तीय समुदायों, अन्य धर्मों और मानवतावादी संगठनों के साथ "बिना अलग-थलग रहे या आत्म-संदर्भित एक दूसरे के साथ सहयोग करना।

अंत में संत पापा फ्राँसिस ने डीआरसी के काथलिक चारिटी संस्थाओं को आशीर्वाद दिया और एक बार फिर उनके बहुमूल्य कार्य के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, "आप बहुत मुल्यवान हैं।"

 

 

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02 February 2023, 15:23