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संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्रांगण में  देवदूत प्रार्थना के लिए एकत्रित विश्वासी समुदाय संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्रांगण में देवदूत प्रार्थना के लिए एकत्रित विश्वासी समुदाय 

संत पापा फ्राँसिस: माता मरिया यूक्रेन में शांति के लिए मध्यस्थता करे

देवदूत प्रार्थना के अंत में, संत पापा पूर्वी देश में युद्ध और पोलैंड में होने वाली कलीसिया के लिए प्रार्थना और धन उगाहने के दिन को याद करते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 05 दिसम्बर 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस कुंवारी मरिया के निष्कलंक गर्भाधान महोत्सव को याद करते हैं जिसे कलीसिया 8 दिसंबर को मनाती है। देवदूत प्रार्थना के अंत में संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में उपस्थित सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों से कुंवारी मरियम से मदद माँगने के लिए कहा, ताकि वह, शांति की रानी, ​​यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप कर सके।


संत पापा ने कहा, “हम शांति के लिए अपनी प्रार्थनाओं को उनकी मध्यस्थता को सौंपते हैं, विशेष रूप से यूक्रेन के शहीद लोगों के लिए।”

इस बीच, देश में लड़ाई जारी है। यूक्रेनी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, डोनबास में रूसियों द्वारा बड़े पैमाने पर हमला किया गया है, खार्किव, क्रामटोरस्क और डोनेट्स्क के क्षेत्रों में कुछ नागरिक बुनियादी ढांचे को भी प्रभावित किया है। कीव में ब्लैकआउट इमरजेंसी है, तापमान पांच डिग्री से नीचे गिर गया है।

पोलिश कलीसिया को धन्यवाद

संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में, दुनिया भर से विश्वासियों की उपस्थिति से उत्साहित, संत पापा पोलिश तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हैं।

“मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ जो पूर्वी यूरोप में कलीसिया के लिए प्रार्थना और धन उगाहने के दिन का समर्थन करते हैं।”

यह एक पहल है जो आम तौर पर आगमन के दूसरे रविवार को पड़ती है और यह 1989 में पोलिश धर्माध्यक्षों द्वारा स्थापित की गई थी। इस वर्ष विशेष रूप से यूक्रेन को समर्पित है। पोलिश धर्माध्यक्षीय सम्मेलन को संबोधित एक पत्र में पूर्वी देश के धर्माध्यक्ष लिखते हैं, "पिछले 30 वर्षों में यूक्रेनी कलीसिया को दिखाए गए भाईचारे प्यार के लिए" और युद्ध की शुरुआत के बाद से विभिन्न तरह से अपनी एकजुटता को प्रकट करने के लिए धन्यवाद, जो एक जीवित विश्वास की अभिव्यक्ति हैं। यूक्रेनी धर्माध्यक्षों का कहना है कि बिजली की कमी के कारण भी वे एक मानवीय तबाही की दहलीज पर हैं और सर्दियों के आगमन की चिंता और भय के साथ जी रहे हैं। "आज युद्ध न केवल मोर्चे पर है, यहाँ लड़ाई सैनिकों और नागरिकों के बीच मौत और चोटों का कारण बन रही है, बल्कि यह दैनिक जीवन का पक्षाघात भी है।"

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05 December 2022, 15:40