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विमान में सवार होते संत पापा फ्रांँसिस विमान में सवार होते संत पापा फ्रांँसिस 

पोप फ्राँसिस 'प्रायश्चित तीर्थयात्रा' के लिए कनाडा रवाना हुए

संत पापा फ्राँसिस कनाडा की अपनी 6 दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर आज सुबह 9.16 बजे रोम के फ्यूमिचिनो हवाई अड्डे से एडमोंटन के लिए रवाना हो चुके हैं। वे इतालिया एयरवेस विमान से करीब 10 घंटे 20 मिनट यात्रा कर, कनाडा के समयानुसार सुबह 11:20 पर (रोम समयानुसार शाम 7:20 बजे) कनाडा पहुँचेंगे। यह इटली से बाहर संत पापा फ्राँसिस की 37वीं प्रेरितिक यात्रा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने यात्रा शुरू करने से पहले कनाडा वासियों को ट्वीट कर कहा, "कनाडा के प्यारे भाइयो एवं बहनो, "मैं आप के बीच मूलवासी लोगों से मिलने आ रहा हूँ। मैं ईश्वर की कृपा से उम्मीद करता हूँ कि मेरी प्रायश्चित की तीर्थयात्रा, मेल-मिलाप की यात्रा को सहयोग देगी जिसको पहले ही आरम्भ किया जा चुका है।" उन्होंने सभी लोगों से प्रार्थना का आग्रह करते हुए कहा, "कृपया, प्रार्थना द्वारा मेरा साथ दें।"

कनाडा में संत पापा का आधिकारिक स्वागत कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू और अल्बेरता की लेफ्टिनेंट गवर्नर सलमा लखानी करेंगे।

तत्पश्चात् संत पापा, संत जोसेफ सेमिनरी जायेंगे एवं अपनी लम्बी यात्रा के बाद विश्राम करेंगे। उनकी सार्वजनिक मुलाकातें सोमवार सुबह से शुरू होंगी।

24 से 30 जुलाई के बीच अपनी इस प्रेरितिक यात्रा को संत पापा ने "प्रायश्चित की तीर्थयात्रा" बतलाया है। उन्होंने 17 जुलाई को देवदूत प्रार्थना के दौरान अपने सम्बोधन में कहा था कि वे "देश के मूलवासी लोगों के साथ चंगाई और मेल-मिलाप की प्रक्रिया" में योगदान देने की उम्मीद में कनाडा के लिए "प्रायश्चित तीर्थयात्रा" कर रहे हैं।

कनाडा में संत पापा की यात्रा का उद्देश्य

वाटिकन न्यूज के सम्पादक अंद्रेया तोरनियेली ने इस यात्रा का स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि यह देश का दौरा नहीं है, न ही काथलिक समुदाय से मिलना इसका मुख्य उद्देश्य है, बल्कि यह मूलवासी लोगों के प्रति सामीप्य का ठोस भाव प्रकट करना है जो वहाँ रहते हैं और जिन्होंने उपनिवेशवाद के परिणाम का कष्ट झेला है।

उपनिवेशवाद की बुराइयों में से एक था मूलवासी लोगों की संस्कृति को समाप्त करना, जो तथाकथित "आवासीय विद्यालयों" में पायी गई। कई संस्थान थे जिन्होंने मूलवासी बच्चों को उनके परिवारों से अलग करते हुए कड़े अनुशासन के साथ शिक्षा देने और उनका मार्गदर्शन करने की कोशिश की। ये स्कूल, जिनकी मृत्यु दर बहुत अधिक थी, कनाडा सरकार द्वारा स्थापित किए गए थे, जिन्होंने उन्हें वित्तपोषित भी किया था, लेकिन उनका प्रबंधन काथलिक धर्मसमाजियों सहित ख्रीस्तीय कलीसियाओं को सौंपा गया था।

चंगाई और मेल-मिलाप की यह यात्रा कुछ समय पहले ही शुरू हुई है, जिसमें मूलभूत कदम के रूप में, मार्च और अप्रेल में संत पापा फ्राँसिस ने फर्स्ट नेशन (प्रथम राष्ट्र) मेतिस और इनसुइट दलों से वाटिकन में मुलाकातें कीं, पहले अलग-अलग और बाद में एक साथ तथा अतीत में जो हुआ है उसके लिए खेद एवं लज्जा प्रकट किया। मूलवासी लोगों ने मुलाकात में स्वागत किया गया और सुना गया महसूस किया। लेकिन उनकी तीव्र इच्छा थी कि संत पापा उनकी भूमि का दौरा करें एवं उनसे क्षमा मांगें।

वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक मत्तेओ ब्रूनी ने बतलाया कि संत पापा फ्राँसिस की कनाडा की प्रेरितिक यात्रा सबसे बढ़कर प्रायश्चित की तीर्थयात्रा होगी जिसके द्वारा देश के मूलवासी लोगों की चंगाई और मेल-मिलाप को बल मिलेगा।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि कनाडा में अपनी 37वीं प्रेरितिक यात्रा शुरू करने से दो रात पहले संत पापा फ्राँसिस ने अपनी आदत के अनुसार शुक्रवार को रोम के मरिया मेजर महागिरजाघर जाकर अपनी यात्रा को माता मरियम को समर्पित किया।

उत्तरी अमरीकी देश कनाडा 56वाँ देश होगा जहाँ संत पापा फ्राँसिस यात्रा कर रहे हैं। वे अपने पूर्वाधिकारी संत पापा जॉन पौल द्वितीय के पदचिन्हों पर, इसकी यात्रा कर रहे हैं जिन्होंने अपने परमाध्यक्षीय काल में तीन बार कनाडा की यात्रा की थी; 1984,1987 और 2002 में।

संत अन्ना के राष्ट्रीय तीर्थस्थल का दौरा

ब्रूनी ने याद किया कि संत पापा फ्राँसिस 26 जुलाई को क्वेबेक के ब्यूप्रे में संत अन्ना के राष्ट्रीय तीर्थ का भी दौरा करेंगे, जहां वे अपने पूर्वाधिकारी की तरह ख्रीस्तयाग अर्पित करेंगे।

संत अन्ना मूलवासियों के लिए महत्वपूर्ण संत हैं, विशेषकर, बुजूर्गों एवं नाना-नानी के सम्मान में। येसु के नाना-नानी संत अन्ना और ज्वाकिम, दादा-दादी एवं बुजूर्गों के संरक्षक माने जाते हैं।

तीर्थस्थल में संत पापा प्रथम मूलवासी संत कतेरी तेकाकविता की याद करेंगे एवं उनकी प्रतिमा की आशीष करेंगे।

संत पापा की प्रेरितिक यात्रा कनाडा की कलीसिया और नागरिक अधिकारियों एवं कनाडा के मूलवासियों के निमंत्रण का प्रत्युत्तर है।

संत पापा अपना सामीप्य व्यक्त करना चाहते हैं

प्रेरितिक यात्रा का आदर्शवाक्य है, "एक साथ चलना"। प्रतीक चिन्ह में एक चक्र है जो  कनाडा के समुदाय एवं क्षेत्र को दर्शाता है। चक्र एक वृत्ताकार प्राकृतिक जीवन का आह्वान करना चाहता है और इसे जुड़े तत्व जैसे सूर्य, पृथ्वी एवं जल को जागृत करना चाहता है। विभिन्न प्रतीकों के बीच शीर्ष पर शांति का कबूतर दिखाई देता है उसके ठीक नीचे संत पेत्रुस की चाभी दिखाई पड़ती है।  

शनिवार को वाटिकन मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल परोलिन ने कहा, "मैं कहूँगा कि सामीप्य ही मूल शब्द है। संत पापा न केवल शब्दों से बोलना चाहते हैं बल्कि उनके निकट आना और ठोस रूप से अपने सामीप्य को व्यक्त करना चाहते हैं। इसलिए, उन लोगों के दुःखों को खुद अपने हाथों से स्पर्श करने, उनके लिए प्रार्थना करने और उनके बीच अपने आपको एक तीर्थयात्री बनाकर वे वहाँ जा रहे हैं।"

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24 जुलाई 2022, 15:55