रूसी प्राधिधर्माध्यक्ष से पोप ˸ कलीसिया येसु की भाषा प्रयोग करती राजनीति की नहीं
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 17 मार्च 2022 (रेई)˸ बुधवार को जारी एक बयान में वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक मत्तेओ ब्रूनी ने पुष्टि दी कि संत पापा फ्राँसिस एवं मोस्को तथा पूरे रूस के लिए ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल के बीच बातचीत बुधवार दोपहर को हुई थी।
ब्रूनी ने बतलाया कि इस बातचीत के दौरान ख्रीस्तीय एकता को प्रोत्साहन देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल कूर्ट कोच एवं मोस्को के प्राधिधर्माक्षालय के विदेश संबंध विभाग के प्रमुख वोलोकोलामस्क के महाधर्माध्यक्ष हिलारियन भी उपस्थित थे।
यूक्रेन में युद्ध
बयान में बतलाया गया है कि उनके बीच वार्तालाप का मुख्य मुद्दा था, यूक्रेन में युद्ध तथा शांति सुनिश्चित करने हेतु ख्रीस्तीयों एवं उनके धर्माधिकारियों की भूमिका।
संत पापा फ्राँसिस ने प्राधिधर्माध्यक्ष को इस मुलाकात के लिए धन्यवाद दिया जो चरवाहों के रूप में, अपने लोगों को शांति की राह दिखाने, शांति एवं युद्धविराम के वरदान हेतु प्रार्थना करने से प्रेरित थी।
संत पापा ने प्राधिधर्माध्यक्ष की सहमति में कहा कि "कलीसिया को राजनीति की भाषा का प्रयोग नहीं बल्कि येसु की भाषा का प्रयोग करना चाहिए।"
संत पापा ने कहा, "हम उस पवित्र प्रजा के चरवाहे हैं जो ईश्वर पर, पवित्र तृत्व पर और ईश्वर की पवित्र माता पर विश्वास करती है; यही कारण है कि हमें शांति निर्माण के प्रयास में एकजुट होना, पीड़ितों की मदद करना, शांति के रास्तों की खोज करना और अग्नि को रोकना चाहिए।"
मात्तेओ ब्रूनी ने कहा कि संत पापा एवं प्राधिधर्माध्यक्ष ने जारी समझौता प्रक्रिया के अत्यधिक महत्व पर जोर दिया क्योंकि पोप के अनुसार "जिन्हें युद्ध की कीमत चुकानी पड़ रही है वे लोग हैं; रूसी सैनिक और आम जनता जिनपर बम बरसाया जा रहा है एवं वे मर रहे हैं।"
पीड़ित लोगों की मदद करना कर्तव्य
बयान में बतलाया गया है कि संत पापा ने कहा कि धर्माधिकारियों के रूप में हमारा कर्तव्य है लोगों के निकट रहना एवं उन सभी लोगों की मदद करना जो युद्ध से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा, "एक समय था जब हमारी कलीसिया में भी लोग पवित्र युद्ध या न्यायसंगत लड़ाई की बात करते थे। आज हम इस तरह बात नहीं करते। शांति के महत्व की ख्रीस्तीय चेतना का विकास हुआ है।"
संत पापा फ्राँसिस एवं प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल सहमत हैं कि कलीसियाएँ शांति एवं न्याय को मजबूत करने में सहयोग देने के लिए बुलाये गये हैं।
संत पापा ने वीडियो कोल के अंत में युद्ध की कीमत के लिए खेद प्रकट किया।
उन्होंने कहा, "युद्ध हमेशा अन्यायपूर्ण होता है क्योंकि इसकी कीमत ईश प्रजा को चुकानी पड़ती है। हमारा हृदय मार डाले गये बच्चों एवं महिलाओं के सामने बिना रोये नहीं रह सकता। युद्ध कभी रास्ता नहीं रहा है। पवित्र आत्मा जो हमें एक साथ लाता, हम धर्माधिकारियों से मांग कर रहा है कि हम उन लोगों की मदद करें जो युद्ध के कारण पीड़ित हैं।"
संत पापा फ्राँसिस एवं प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल के 2016 के बयान
संत पापा फ्राँसिस एवं प्राधिधर्माध्यक्ष किरिल ने 2016 में क्यूबा में एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किया था जिसमें पूर्वी यूक्रेन में संघर्ष पर खेद प्रकट किया गया था।
उन्होंने लिखा था कि "हम यूक्रेन में शत्रुता की निंदा करते हैं जिसके शिकार कई लोग हुए हैं, शांतिपूर्ण निवासियों को इसने असंख्य घाव दिए हैं और समाज को एक गहरे आर्थिक और मानवीय संकट में डाल दिया है।" "हम संघर्ष में शामिल सभी हिस्सों को विवेक, सामाजिक एकजुटता और शांति के निर्माण के उद्देश्य से कार्रवाई के लिए आमंत्रित करते हैं। हम यूक्रेन में अपनी कलीसियाओं को सामाजिक सद्भाव की दिशा में काम करने, टकराव में भाग लेने से परहेज करने और संघर्ष के आगे किसी भी विकास का समर्थन नहीं करने के लिए आमंत्रित करते हैं।"
2016 के संयुक्त बयान में ख्रीस्तियों का आह्वान युद्ध के अंत हेतु प्रार्थना करने के लिए भी किया गया था।
"हम सभी ख्रीस्तियों एवं ईश्वर पर आस्था रखनेवालों का आह्वान करते हैं कि वे सृष्टि को विनाश से बचाने और एक नया विश्व युद्ध न हो इसके लिए विश्व के सृष्टिकर्ता से तेज याचना करें। एक ठोस और स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए, हमें प्रभु येसु मसीह के सुसमाचार के आधार पर, एकजुट करनेवाले आम मूल्यों को फिर से खोजने हेतु विशेष प्रयास की आवश्यकता है।"
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