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देवदूत प्रार्थना : अपने हृदयों को ईश्वर को विस्मित करने और जगाने दें

रविवार को देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने येसु के रूपांतरण पर चिंता किया तथा कहा कि हमें भी ईश्वर के प्रकाश की जरूरत है जो प्रार्थना करने एवं दूसरों की सेवा करने की हमारी चाह को पुनःजागृत कर देता है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 13 मार्च 2022 (रेई): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित हजारों विश्वासियों के साथ रविवार 13 मार्च को संत पापा फ्राँसिस ने देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

चालीसा काल के दूसरे रविवार की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ येसु के रूपांतरण की घटना का वर्णन करता है। (लूक.9,28-36) जब वे एक ऊँचे पहाड़ पर प्रार्थना कर रहे थे तब उनके मुखमंडल का रूपांतरण हो गया और उनके वस्त्र उज्जवल होकर जगमगा उठे। उनकी महिमा के प्रकाश में मूसा एवं एलियस प्रकट हुए, जो पास्का के बारे बातें कर रहे थे जो यह येरूसालेम में उनकी प्रतीक्षा कर रहा था।  

महत्वपूर्ण समय में नींद

इस असाधारण घटना के साक्षी प्रेरित पेत्रुस, योहन और याकूब हैं जो येसु के साथ पहाड़ पर चढ़े थे। हम उस अनोखा दृश्य के सामने उन्हें खुली आँखों के साथ कल्पना करते हैं। और निश्चय ही यह ऐसा रहा होगा। किन्तु सुसमाचार लेखक संत लूकस गौर करते हैं कि पेत्रुस और उनके साथी ऊँघ रहे थे, जो अब पूरी तरह जाग गये थे, और उन्होंने येसु की महिमा देखी। (32) संत पापा ने कहा कि तीन शिष्यों का सोना, धुन से बाहर लय के समान प्रतीत होता है। ये ही शिष्य फिर गेथसेमनी बारी में भी सो जायेंगे, येसु की दुःखभरी प्रार्थना के समय, जिन्हें उन्होंने जागने के लिए कहा था। (मार.14,37-41)

इन दोनों अवसरों की समानता विस्मित करती है। हालांकि, ध्यान से पढ़ने पर, हमें पता चलता हैं कि पेत्रुस, योहन और याकूब रूपांतरण शुरू होने के पहले ही सो गये थे, अर्थात् जब येसु प्रार्थना कर रहे थे। यह स्पष्ट है कि प्रार्थना कुछ समय के लिए मौन और चिंतन के रूप में थी। हम कल्पना कर सकते हैं कि शुरू में वे भी प्रार्थना कर रहे थे जब तक कि थक नहीं गये।

हमारी आंतरिक निंद्रा से जगाये

संत पापा ने कहा, "प्यारे भाइयो एवं बहनो, यह अनावश्यक नींद हमारे उन अवसरों के नींद से समान हैं जिनमें हम महत्वपूर्ण समय को जानते हुए भी पड़ जाते हैं। शायद शाम के वक्त जब हम प्रार्थना करना चाहते हैं, दिनभर के भाग-दौड़ और व्यस्तता के बाद थोड़ी देर येसु के साथ बीताना चाहते हैं। अथवा परिवार में कुछ देर बातचीत करना चाहते किन्तु हममें बिलकुल शक्ति नहीं होती। हम जागे हुए, सचेत रहना, भाग लेना, बहुमूल्य समय को नहीं खोना चाहते हैं, किन्तु हम ऐसा नहीं कर पाते, अथवा किसी तरह भाग लेते हैं। संत पापा ने कहा कि जब हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो हम पवित्र आत्मा से कहें, हमारी मदद कीजिए, पवित्र आत्मा आइये। मेरी मदद कीजिए, मैं येसु से मुलाकात करना चाहता हूँ, मैं सचेत और जागरूक रहना चाहता हूँ। हम पवित्र आत्मा से प्रार्थना करें जो उस नींद को दूर करेंगे जो हमें प्रार्थना करने में बाधा पहुँची है।"

प्रभु को अपने हृदय को जगाने दें   

चालीसा काल के इस समय में, हर दिन की थकान के बाद, हम कमरे के प्रकाश को तब तक न बंद करें जब तक कि हम अपने को ईश्वर के प्रकाश में न रखें। सोने से पहले प्रार्थना करें। हम ईश्वर को विस्मित करने दें और अपने हृदय को पुनःजागृत होने दें। हम ऐसा कर सकते हैं, उदाहरण के लिए सुसमाचार को खोलकर, ईश वचन द्वारा अपने को विस्मित होने दें, क्योंकि ईश वचन हमारे कदमों को आलोकित करते और हमारे हृदयों को प्रज्वलित करते हैं। या हम क्रूसित येसु पर नजर डालकर, ईश्वर के असीम प्रेम पर चिंतन कर सकते हैं जो हमसे कभी नहीं थकते, और हमारे दिनों को बदल सकते हैं, उन्हें नया अर्थ प्रदान कर सकते हैं, एक नया एवं अनापेक्षित प्रकाश प्रदान कर सकते हैं।

कुँवारी मरियम इस कृपा के समय हमें अपने हृदय को जागरूक रखने में मदद करे जिसको ईश्वर हमें प्रदान करते हैं।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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13 March 2022, 15:58