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आदिवासी प्रतिनिधियों की प्रेस ब्रीफिंग आदिवासी प्रतिनिधियों की प्रेस ब्रीफिंग 

अतीत के घावों की चंगाई हेतु कलीसिया से कनाडा के आदिवासियों की मांग

संत पापा फ्राँसिस से सोमवार को मुलाकात के उपरांत कनाडा के दो आदिवासियों के प्रतिनिधियों ने मेल-मिलाप की यात्रा में अपना अनुभव एवं अपनी उम्मीद साझा की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 29 मार्च 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 28 मार्च को कनाडा के मेतिस राष्ट्र और इनसुईट तपिरित कनातामी दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिसके बाद एक ब्रीफिंग हुई। प्रतिनिधियों के साथ कनाडा के धर्माध्यक्ष भी थे। उन्होंने पोप से मुलाकात का अनुभव एवं अगले चरण के लिए उनकी उम्मीदों पर चर्चा की। कनाडा के पूर्व आवासीय स्कूलों में काथलिक संस्थानों की भागीदारी पर चर्चा करने के लिए प्रतिनिधिमंडल रोम आए हैं। इन स्कूलों में काथलिक समुदाय के कुछ सदस्यों द्वारा गंभीर गलतियाँ हुई हैं, जिससे आदिवासी लोगों और समुदायों पर स्थायी निशान पड़ गए हैं।

एक साथ चलना

प्रेस ब्रीफिंग में दोनों दलों के प्रतिनिधियों ने संत पापा के हार्दिक स्वागत, उनके सामीप्य, उनकी कहानियों, आशाओं एवं आकांक्षाओं को ध्यानपूर्वक सुनने की बड़ी प्रशंसा की।

उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि कलीसिया न केवल अतीत में आवासीय स्कूल में हुई घटना पर ध्यान दे बल्कि पीड़ितों एवं उनके परिवारों को घांवों से चंगाई पाने की प्रक्रिया एवं साथ ही साथ, कोई भी अपराधी को जो अभी जीवित है उसे न्याय के कटघरे में लाने में उनका साथ दे।

ब्रीफिंग का प्रतीक चिन्ह एवं आदर्शवाक्य था, "एक साथ चलना – चंगाई एवं मेल-मिलाप की ओर।"  

इस प्रथम प्रेस ब्रीफिंग ने मेतिस राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष कसिदी करोन और प्रतिनिधि मंडल के दो अन्य सदस्यों को एक साथ लाया। उनके साथ कनाडा के महाधर्माध्यक्ष डोनाल्ड बोलेन और कनाडा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के प्रतिनिधि धर्माध्यक्ष रेमंड पोइजन ने भी भाग लिया।  

मेतिस राष्ट्रीय समिति के अध्यक्ष ने गौर किया कि पोप से मुलाकात मेल-मिलाप के रास्ते पर एक महत्वपूर्ण कदम था तथा शोषण से बचे लोगों की प्रतिष्ठा को बनाए रखने और ऊपर उठाने हेतु एक मूल्यवान क्षण था। उन्होंने बतलाया कि उसने संत पापा को सच्चाई, चंगाई, न्याय एवं मेल-मिलाप के रास्ते पर उनका साथ देने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि ये सब कुछ आवश्यक है जो अतीत के सदमे को चंगा एवं आज और कल के बच्चों की रक्षा कर सकता है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मेल-मिलाप प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कनाडा के सभी नागरिकों, सरकार, कलीसिया और पल्लीवासियों को एक साथ प्रयास करने की जरूरत है। कसिडी करोन के सदस्यों ने अपनी संतुष्टि व्यक्त की कि बचे हुए लोग अपनी कहानी बता सकते हैं क्योंकि उनके खामोश रहने के अनुभव ने उनकी पीड़ा को और बढ़ा दिया है।

उन्होंने गौर किया कि पीड़ित जो मर चुके हैं उनके परिवारों से अतीत की पीड़ा के बारे सुना जाना चाहिए ताकि उन्हें भी सामीप्य प्रदान किया जा सके।  

चंगाई की ओर आगे कदम

महाधर्माध्यक्ष बोलेन ने कहा कि कई सालों के कार्यों की चरमसीमा रही संत पापा फ्राँसिस के आदिवासी प्रतिनिधियों से मुलाकात। यह मुलाकात अतीत के घावों की चंगाई की ओर एक साथ चलने का एक नया महान चिन्ह है। उन्होंने बतलाया कि किस तरह उन लोगों ने खुशी जाहिर की कि वे संत पापा से सीधे मुलाकात कर अपनी मुश्किल कहानियाँ उन्हें सुनाये और संत पापा ने बड़े ध्यान से उनकी बातों को सुना एवं उन्होंने जो कुछ सुना उससे वे एक बहुत ही व्यक्तिगत स्तर पर लिया। महाधर्माध्यक्ष ने रेखांकित किया कि चंगाई एवं न्याय पाने की क्रिया में कलीसिया उनके इस रास्ते पर एक साथ चलना चाहती है।

दूसरा प्रेस ब्रीफिंग जिसको पहले के कुछ ही देर बाद किया गया, उसमें इनसुइट तापिरित कनातामी के अध्यक्ष नतान ओबेद तथा विनीपेग के महाधर्माध्यक्ष रिचार्ड गगनोन एवं कनाडा के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष धर्माध्यक्ष विलियम मैकग्रातेन ने भाग लिया।

एक साथ आगे बढ़ने का ठोस आग्रह  

अध्यक्ष ओबेद ने कहा कि पोप के साथ उनके प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात में कनाडा में रहनेवाले इनुइट लोगों की ओर से बोलनेवाले और अन्य लोग शामिल थे जो अपने व्यक्तिगत संदेश एवं उन चुनौतियों को लेकर आये थे जिनका सामना किया जाना है। उन्होंने संत पापा के हार्दिक स्वागत एवं उनके साथ सहभागिता के लिए उनकी सराहना की तथा उनकी चिंताओं और व्यक्तिगत कहानियों को सामने लाने के लिए उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों की प्रशंसा की। उन्होंने अंतर-पीढ़ी के आघात पर गौर किया जिसे उपचार की आवश्यकता है और जिसकी सुलह प्रक्रिया में कलीसिया सकारात्मक भूमिका निभा सकती है। उन्होंने सभी आदिवासी लोगों के आहत और पीड़ा के लिए औपचारिक माफी की आशा व्यक्त की, साथ ही ठोस एकजुटता के आश्वासन की उम्मीद जतायी ताकि लोग पिछले दुर्व्यवहारों से नष्ट जीवन का पुनःनिर्माण कर सकेंगे।

उन्होंने कहा, "इसके उस हिस्से में किसी भी अपराधी को न्याय के दायरे में लाने की आवश्यकता है जो अभी भी जीवित हैं।" उन्होंने अंत में कहा कि मेल-मिलाप, ठोस  कार्रवाई और पारस्परिक रूप से साझा लक्ष्यों के साथ उत्तम काम पर आधारित होनी चाहिए।

आवासीय स्कूल शोषण की पीड़िता मार्था ग्रेग ने अपनी कहानी संत पापा को बतलायी। उन्होंने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि सच्ची चंगाई, माफ मांगने और मांग देने से होती है ताकि घावों को ठीक किया जा सके। कलीसिया और पीड़ित व्यक्ति इसके लिए एक साथ काम कर सकते हैं। उन्होंने माना कि माफी मांगना एक बचे हुए पीड़ित व्यक्ति एवं उसके परिवार के लिए बहुत मायने रखता है।

महाधर्माध्यक्ष गगोन ने इन मुलाकातों में महत्वपूर्ण कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संवाद एवं सुनने के द्वारा हम सच्चाई को अधिक अच्छी तरह समझ सकते हैं। इसी से मेल-मिलाप और चंगाई एवं क्षमा की उम्मीद का रास्ता, जिसकी सभी आशा कर रहे हैं आगे बढ़ सकता है।

मेतिस एवं इनसुइट के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद सोमवार को संत पापा फ्राँसिस बृहस्पतिवार को प्रथम राष्ट्र की सभा के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। 

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29 March 2022, 16:21