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धन्य लाजरूस जिन्हें देवसहायम के नाम से जाना जाता है धन्य लाजरूस जिन्हें देवसहायम के नाम से जाना जाता है 

धन्य लाजरूस 15 मई को संत बनाये जायेंगे

धन्य लाजरूस देवसहाय और छः धन्यों की संत घोषणा का समारोह 15 मई 2022 को सम्पन्न होगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सटी, मंगलवार, 9 नवम्बर 2021 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस 15 मई 2022 को उन सभी धन्यों की संत घोषणा का समारोह सम्पन्न करेंगे जिन्हें उन्होंने 3 मई को संत घोषित किया था। महामारी के कारण उनकी संत घोषणा के समारोह के लिए तिथि निर्धारित नहीं की गई थी।  

15 मई 2022 को निम्नलिखित धन्यों की संत घोषणा का समारोह सम्पन्न होगा-

धन्य लाजरूस (देवसहाय पिल्लाई) भारत के ब्राह्मण थे। 1745 में एक येसु समाजी पुरोहित के द्वारा काथलिक धर्म में प्रवेश किया और ख्रीस्तीय बन गये। वे अपने उपदेश में जाति की भिन्नता के बावजूद सभी लोगों की समानता पर बल देते थे। इसके कारण उच्च वर्ग के लोगों में उनके प्रति घृणा उत्पन्न हुई और उन्हें 1749 में कैद कर लिया गया। कई यंत्रणा देने के बाद अंत में 14 जनवरी 1749 को उन्हें गोली मार दी गई और शहीद हो गये थे।

धन्य चेसार दी बुस एक पुरोहित थे। उनका पुरोहिताभिषेक 1582 में अभियोन में हुआ था। वे संत चार्ल्स बोरोमियो के जीवन और लेख से बहुत प्रभावित थे, खासकर एक प्रचारक के रूप में। उन्होंने ख्रीस्तीय धर्मसिद्धांत के पुरोहितों के धर्मसंघ की स्थापना की।

धन्य लुइजी मरिया पालाजोलो एक इताली पल्ली पुरोहित थे। वे परित्यक्त, अनात और बंचित बच्चों के लिए समर्पित थे। उन्होंने पालाजोलो संस्था, गरीब धर्मबहनों की संस्था की स्थापना की। धर्मसंघ आज ब्राजील, बुरकिना फासो, कोंगो, इटली, आईवरी कोस्ट, केनिया, मलावी, पेरू और स्वीटजरलैंड में सेवारत है। उनका निधन 1886 में हुआ।

धन्य जुस्तिना मरिया रूसोलिलो 20वीं सदी के इताली पुरोहित थे। उन्होंने दिव्य बुलाहट की धर्मबहनों के धर्मसंघ की स्थापना की है, जो लोगों को पुरोहिताई और धर्मसमाजी जीवन के लिए बुलावे की आत्मपरख करने का प्रोत्साहन और समर्थन देता है।  

धन्य चार्ल्स दी फौकल्द एक धर्मप्रांतीय पुरोहित थे। उनका जन्म 1858 को फ्रांस में हुआ था। उन्होंने येसु के छोटे भाइयों के धर्मसंघ की स्थापना की। उन्होंने एक प्रार्थना, चिंतन और आराधनामय जीवन जीया। 1 दिसम्बर 1916 को डाकुओं के एक दल ने उनकी हत्या कर दी।

धन्य येसु की मरिया फ्राँचेस्का ने 20वीं सदी में धर्मसंघ में प्रवेश किया और दल की सुपीरियर एवं प्रशिक्षण इनचार्ज बनीं। उन्होंने मदर रूबात्तो की कपुचिन धर्मबहनों के धर्मसंघ की स्थापना की। कुछ धर्मबहनों के साथ वे मिशनरी बनकर उरबग्वे और अर्जेंटीना गईं। लातीनी अमरीका में कार्य करते समय उन्हें वर्षावन में मिशन शुरू करन के लिए कहा गया। उनका निधन 1904 को हुआ।

धन्य मरिया दोमेनिका मोंतोवनी पवित्र परिवार की छोटी धर्मबहनों के धर्मसंघ की उप-संस्थापिका एवं पहली मदर जेनेरल थीं।

संत पापा फ्राँसिस ने सातों धन्यों की संत घोषणा समारोह को 15 मई 2022 को सम्पन्न करने का निश्चय किया है।

 

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09 November 2021, 15:43