उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 फरवरी 2021 (रेई)- संत पापा फ्रांसिस ने 4 फरवरी को प्रथम अंतरराष्ट्रीय मानव भ्रातृत्व दिवस में वर्चुवल रूप से भाग लिया, जिसकी मेजबानी अबू धाबी में शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद ने की। अल अजहर के ग्रैंड इमाम अहमद अल ताय्येब, संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव अंतोनियो गुटेर्रेस और अन्य हस्तियों ने भी इसमें भाग लिया।
इस अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने एक वीडियो संदेश प्रकाशित कर उन लोगों के प्रति अपना आभार प्रकट किया जिन्होंने चुनौतियों के बावजूद भ्रातृत्व को बढ़ावा देने हेतु अपना योगदान दिया है।
संत पापा ने कहा, "भाइयो एवं बहनो- ये ही शब्द हैं"। भाइयो एवं बहनो, भ्रातृत्व को पुष्ट करने हेतु आपके लिए विशेष रूप से, मेरे भाई, मेरे मित्र, चुनौतियों एवं भाईचारा के लिए संघर्ष हेतु जोखिम में मेरे साथी।"
"मैं ग्रैंड इमाम अहमद अल ताय्येब को विशेष रूप से धन्यवाद देता हूँ, दो साल पहले दस्तावेज को लिखने में अपना सहयोग एवं साक्ष्य देने के लिए।" संत पापा ने अबू धाबी के क्राऊन प्रींस शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद को सुरक्षा में विश्वास करने और न्यायधीश अब्देल सलाम को इसके विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए अपना आभार प्रकट किया है।
संत पापा ने कहा, "भ्रातृत्व के लिए प्रतिबद्ध होने हेतु आप सभी को धन्यवाद क्योंकि भ्रातृत्व आज मानवता की नई सीमा बन गई है। हम या तो भाई-भाई के रूप में रह सकते हैं अथवा एक-दूसरे को नष्ट कर सकते हैं।"
उदासीनता के लिए समय नहीं
संत पापा ने जोर देते हुए कहा कि "आज उदासीनता के लिए समय नहीं है और हम दूरी, अवहेलना और अवमानना की इस वर्तमान परिस्थिति से हाथ नहीं धो सकते। हम पुष्ट करते हैं कि हम या तो भाई-बहन हैं अथवा कुछ भी नहीं हैं। यही सीमा है जहाँ हमें निर्माण करना है- यह हमारी सदी की और हमारे समय की चुनौती है।"
"भ्रातृत्व का अर्थ हाथ फैलाना है। भ्रातृत्व का अर्थ सम्मान है। भाईचारा का अर्थ खुले हृदय से सुनना है। बंधुत्व का अर्थ अपनी आस्था में दृढ़ होना है क्योंकि अपनी आस्था के साथ समझौता करने पर कोई सच्चा भ्रातृत्व नहीं है।"
विवधताओं के बावजूद भाई और बहन
संत पापा ने इस बात पर भी जोर दिया कि सांस्कृतिक एवं परम्परागत विविधताओं के बावजूद हम आपस में भाई और बहन हैं, एक ही पिता से उत्पन्न हुए हैं। इसी आधार पर भ्रातृत्व का निर्माण होना चाहिए, सांस्कृतियों एवं परम्पराओं में पृथकता का सम्मान करते हुए, न कि समझौता पर।
"यह सुनने का समय है। यह ईमानदारी के साथ स्वीकार करने का समय है। यह उस निश्चिचता का समय है कि भाई शब्द के बिना विश्व, शत्रुताओं का है।"
हम नहीं कह सकते है कि हम भाई हैं अथवा भाई नहीं हैं बल्कि हम या तो भाई हैं अथवा शत्रु क्योंकि उदासीनता शत्रुता का एक बहुत सूक्ष्म रूप है।
हमें शत्रु होने के लिए युद्ध में जाने की जरूरत नहीं है, एक-दूसरे की उपेक्षा पर्याप्त है। यह समय है दूसरी ओर देखने एवं दूसरों को अनदेखी करने के मनोभाव को रोकने का।
मानव भ्रातृत्व पर 2021 जायेद पुस्कार
अंतरराष्ट्रीय मानव भ्रातृत्व दिवस के उत्सव का एक भाग है मानव भ्रातृत्व पर 2021 जायेद पुस्कार समारोह। इस साल यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेर्रेस एवं मोरोक्कन-फ्रेच कार्यकर्ता, लतिफा इबन ज़ियातेन को प्रदान किया गया।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को सम्बोधित करते हुए संत पापा फ्रांसिस ने उन्हें बधाई दी तथा शांति को बढ़ावा देने हेतु उनके प्रयासों के लिए अभार प्रकट किया, "जिसको सिर्फ भ्रातृत्व के हृदय से प्राप्त किया जा सकता है।"
2021 ज़ायेद पुरस्कार की दूसरी विजेता लतिफा इबन ज़ियातेन की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए पोप ने प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देने हेतु अपने दर्द को दूर करनेवाली एक माँ का अपने बच्चे को खोने के दर्द की प्रेरणादायक गवाही को स्वीकार किया।
उन्होंने कहा, "हाँ, बहन, आपके शब्द, 'हम सभी भाई-बहन हैं' गप्प या पारंपरिक नहीं है : वे दृढ़ विश्वास के शब्द हैं। ऐसा दृढ़ विश्वास जो दर्द में, आपके घाव में समाविष्ट है।"
"आपके साक्ष्य के लिए धन्यवाद और अपने बेटे, कई दूसरे लड़के लड़कियों एवं आज इस मानवता की माँ होने के लिए शुक्रिया, जो आपको सुन रही है एवं सीख रही है : भाईचारा का, बंधुत्व का रास्ता अन्यथा हम सब कुछ खो देंगे।"