रिमिनी मीटिंग ख्रीस्तियों को जीवन में आवश्यक चीजों पर चिंतन करने हेतु आमंत्रित करती है
वाटिकन न्यूज़
रिमिनी, मंगलवार 20 अगस्त 2024 : संत पापा फ्राँसिस के शब्द, जो मंगलवार को रिमिनी में लोगों के बीच मित्रता के लिए बैठक को संबोधित करते हुए एक संदेश में आए, 20-25 अगस्त तक चलने वाले समन्वय और मुक्ति वार्षिक सभा के 45वें संस्करण का मार्गदर्शक प्रकाश होंगे।
इसका विषय, "यदि हम आवश्यक के पीछे नहीं हैं, तो हम किसके पीछे हैं?" प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक कॉर्मैक मैकार्थी के एक वाक्यांश से लिया गया है।
अपने संदेश में, संत।पापा फ्राँसिस ने हमसे आग्रह किया कि हम "असंभव प्रतीत होने वाली शांति की चुनौती" के सामने निराश न हों, बल्कि भाईचारे के नाम पर एक नई दुनिया बनाने के लिए काम करें।
मंगलवार को उद्घाटन सम्मेलन का शीर्षक था "शांति के लिए उपस्थिति", जिसमें येरूसालेम के लैटिन प्राधिधर्माध्यक्ष कार्डिनल पियरबतिस्ता पिज़्ज़ाबाल्ला ने रिमिनी मीटिंग फाउंडेशन के अध्यक्ष बर्नहार्ड स्कोल्ज़ द्वारा परिचय के बाद बात की।
यह कार्यक्रम, जो वाटिकन न्यूज़ की वेबसाइट पर स्ट्रीमिंग में उपलब्ध है, सप्ताह भर चलने वाली बैठकों और बहसों का केंद्र होगा, जिसमें प्रतिभागी मानवता की नियति और दर्द की भावना के बारे में सवालों पर चर्चा करेंगे और जिसे समकालीन संस्कृति दूर करने की कोशिश करती है, जबकि आशा का परिप्रेक्ष्य बनाए रखती है।
पवित्र भूमि और सामाजिक असमानताएँ
पहले दिन उल्लेखनीय बात पवित्र भूमि में समन्वय और मुक्ति आंदोलन के प्रमुख हस्साम अबू सिनी की गवाही और निर्देशक ओटेलो चेन्सी द्वारा "द चैलेंज ऑफ़ जेरूसालेम" शो था, जिसमें नाटककार एरिक-इमामनुएल श्मिट पवित्र शहर की गलियों में शांति के बीज तलाशते हैं।
अर्थशास्त्री ब्रैंको मिलानोविक और यूरोपीय आयोग के पूर्व अध्यक्ष जोस मानुअल बारोसो, कोविड महामारी के बाद विभिन्न देशों में आर्थिक प्रणालियों द्वारा उत्पन्न बढ़ती असमानताओं पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
कार्यक्रम में फ्रेंको बसालिया के अनुभव के आलोक में मनोरोग संबंधी बीमारियों पर ध्यान केंद्रित करना और पानी पर सार्वजनिक संस्थानों और व्यवसायों के बीच संवाद शामिल है।
एक गहन कार्यक्रम
कार्यक्रम में कुल 140 सम्मेलन शामिल हैं, जिनमें लगभग 450 इतालवी और अंतर्राष्ट्रीय वक्ता भाग लेंगे, जिनमें से 100 विदेश से आएंगे। 7 भाषाओं में 200 घंटे की लाइव स्ट्रीमिंग प्रसारित की जाएगी।
इस वर्ष 3,000 स्वयंसेवकों का योगदान भी देखा गया, जिनमें से 60 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु के हैं। इनमें ब्राज़ील और आर्मेनिया के युवा भी शामिल हैं, जिनमें स्विटज़रलैंड, स्पेन और पुर्तगाल का बड़ा प्रतिनिधित्व है।
इटली में फ़ासीवादी शासन के पतन और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद प्रसिद्ध इतालवी राजनेता और क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी के संस्थापक अलचीदे दी गासपरी के जीवन और कार्यों सहित 16 प्रदर्शनियाँ होंगी।
एक अन्य प्रदर्शनी में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1914 के क्रिसमस युद्धविराम को दर्शाया गया है। पवित्र भूमि में माउंट ताबोर और गेथसेमनी महागिरजाघऱ के निर्माण को प्रस्तुत करने वाली एक प्रदर्शनी भी है। कुछ प्रदर्शनियाँ भ्रमणशील रूप में भी आयोजित की जाएँगी और सितंबर से शुरू होकर विभिन्न इतालवी शहरों में प्रस्तुत की जाएँगी।
शोल्ज़: 'हमें अपनी दुनिया की उदासीनता के आगे झुकना नहीं चाहिए'
रिमिनी मीटिंग के प्रेस कार्यालय द्वारा आयोजित एक साक्षात्कार में श्री शोल्ज़ ने कहा, "यह बैठक एक नाटकीय ऐतिहासिक क्षण में हो रही है, जिसमें बड़े तकनीकी और आर्थिक परिवर्तन, अप्रत्याशित अनिश्चितताएँ और कई संघर्ष हैं, जिनमें नाटकीय और दुखद वैश्विक संघर्ष भी शामिल हैं। हम एक साथ मिलकर यह पता लगाना चाहते हैं कि इन कठिन समय में भी हम किस तरह नायक बने रह सकते है - हार न मानें और उदासीनता और हार मानने की शरण न लें।"
रिमिनी मीटिंग फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष के अनुसार, इस आयोजन का व्यापक उद्देश्य "यह पता लगाना है कि ऐसी दुनिया में कितनी अच्छाई है, जो कई मायनों में, भविष्य में आशा के लिए बहुत जगह नहीं छोड़ती है।"
इसलिए इस वर्ष बैठक के लिए चुना गया विषय है, "एक निश्चित सतहीपन से बाहर निकलने का निमंत्रण, तथा यह कहना कि कुछ महत्वपूर्ण और सार्थक है, जो हर किसी की पहुंच में है, जो हमें अर्थव्यवस्था, स्कूलों, कारखानों और राजनीति में हो रहे इन बड़े बदलावों का बिना उनके सामने झुके, सामना करने की अनुमति देता है। "
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here