प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला ने येरूसालेम के विश्वासियों को पत्र लिखा
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 24 अक्तूबर 2023 (रेई) : येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष, कार्डिनल पियरबतिस्ता पिज्जाबल्ला ने अपने धर्मप्रांत के विश्वासियों के लिए एक प्रेरितिक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने हिंसा के कृत्यों की निंदा की है और पवित्र भूमि में न्यायपूर्ण एवं स्थायी शांति का आह्वान किया है।
मंगलवार को जारी किये गये प्रेरितिक पत्र में प्राधिधर्माध्यक्ष ने पियेरबतिस्ता पित्साबल्ला ने अपने धर्मप्रांत के काथलिक विश्वासियों से उस "कठिन और दर्दनाक" समय के बारे में बात की है जिसका वे सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि लोग "आतंक की तस्वीरों" से भर गये हैं जिसने "हमारे भीतर दर्द, हताशा और क्रोध को विस्फोटित कर दिया है।"
7 अक्टूबर को इज़राइल में हमास के आतंकवादी हमले के बाद युद्ध छिड़ने पर, पोप फ्राँसिस ने मंगलवार, 17 अक्टूबर को प्रार्थना, उपवास और तपस्या दिवस का आह्वान किया था।
प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला ने पोप की पहल और दुनियाभर के लोगों की प्रार्थनाओं के लिए अपना आभार व्यक्त किया, और सभी को शांति के लिए प्रार्थना दिवस की दूसरी पुनरावृत्ति करने के लिए शुक्रवार, 27 अक्टूबर को शांति के लिए अपनी प्रार्थनाओं को नवीनीकृत करने हेतु आमंत्रित किया है।
उन्होंने कहा “शायद यही एक प्रमुख चीज है जिनको हम ख्रीस्तीय इस समय कर सकते हैं: प्रार्थना, प्रायश्चित और मध्यस्थता की प्रार्थना। इसके लिए, हम संत पिता को सारे दिल से धन्यवाद देते हैं।”
युद्ध के अत्याचारों की निंदा
इटली में जन्मे येरूसालेम के कार्डिनल प्राधिधर्माध्यक्ष ने विश्वासियों से आशा के संदेश को अपनाने का आग्रह किया है जो सुसमाचार को भर देता है।
उन्होंने कहा, ख्रीस्तियों को बार-बार सुसमाचार से शुरुआत करनी चाहिए, खासकर, संकट के समय में, "हमारी भावनाओं को येसु की भावनाओं के साथ जोड़ना है।"
साथ ही, उन्होंने कहा, ख्रीस्तीयों को "बोलना, निंदा करना, आह्वान करना, साथ ही सांत्वना देना और प्रोत्साहित करना" जारी रखना चाहिए।
उन्होंने 7 अक्टूबर को हुए "अत्याचार" की स्पष्ट रूप से निंदा करते हुए कहा कि हिंसा का प्रयोग सुसमाचार के अनुकूल नहीं है और कभी भी शांति नहीं लाता है।
प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला ने कहा, "हालांकि, उसी चेतना से, दिल में भारी बोझ के साथ, आज मुझे स्पष्ट रूप से कहना पड़ रहा है कि हिंसा के इस नए चक्र ने गाजा में पांच हजार से अधिक लोगों की जान ले ली है, जिनमें कई महिलाएँ और बच्चे शामिल हैं।" हजारों लोग घायल हैं, घर ध्वस्त हो गए हैं, दवा की कमी, पानी की कमी और दो मिलियन से अधिक लोगों के लिए बुनियादी ज़रूरतों की कमी है।”
उन्होंने कहा कि ऐसी त्रासदियों को "समझा नहीं जा सकता" और "हमारा कर्तव्य है कि हम बिना शर्त निंदा करें।"
उन्होंने कहा, "गाजा पर कई दिनों से हो रही लगातार भारी बमबारी से केवल अधिक मौतें और विनाश होंगे और केवल नफरत और आक्रोश बढ़ेगा।" “यह किसी भी समस्या का समाधान नहीं करेगा, बल्कि नई समस्याएँ पैदा करेगा। अब इस युद्ध, इस संवेदनहीन हिंसा को रोकने का समय आ गया है।”
प्राधिधर्माध्यक्ष ने "दशकों के कब्जे" को समाप्त करने और "फिलिस्तीनी लोगों के लिए एक स्पष्ट और सुरक्षित राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य" का आह्वान किया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यही एकमात्र तरीका है जिससे एक गंभीर शांति प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
उन्होंने कहा, "हम इन दिनों और पिछले वर्षों के मौत के शिकार लोगों के प्रति आभारी हैं।" "हमें यह काम दूसरों पर छोड़ने का अधिकार नहीं है।"
बुराई के सामने मसीह की शांति
तत्पश्चात् कार्डिनल प्राधिधर्माध्यक्ष ने पवित्र भूमि के ख्रीस्तीयों के लिए आशा प्रदान करने हेतु, संत योहन रचित सुसमाचार (16:33) से लिये गये पाठ का संदर्भ लेते हुए, ख्रीस्त की ओर अपनी निगाहें ऊपर उठायी।
“मैंने तुम लोगों से यह सब इसलिए कहा है कि तुम मुझमें सांति प्राप्त कर सको। संसार में तुम्हें क्लेश सहना पड़ेगा। परन्तु ढारस रखो – मैंने संसार पर विजय पायी है।"
प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा कि येसु अपने शिष्यों को याद दिला रहे हैं कि उन्हें क्लेश सहने की नौबत आने पर भी वे पहले ही जीत हासिल कर चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा, ख्रीस्तीयों के दिल शांति से भरे हुए हैं, क्योंकि येसु ने क्रूस पर बुराई को हराया, "हथियारों से नहीं, राजनीतिक शक्ति से नहीं, बड़े साधनों से नहीं और, न ही खुद को थोपने से।"
उन्होंने कहा, ''इसी पर हम आज अपना विश्वास दांव पर लगाते हैं।'' “येसु उस पद में साहस की बात करते हैं। और ऐसी शांति, ऐसे प्रेम के लिए बड़े साहस की आवश्यकता होती है।”
प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा कि ख्रीस्तीय प्रेम और शांति के लिए हमें अपने दिलों और कार्यों में "घृणा, प्रतिशोध, क्रोध और दर्द" को भरने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। बल्कि, हमें व्यक्तिगत रूप से न्याय के लिए प्रतिबद्ध होने और "हमारे चारों ओर मौजूद अन्याय और बुराई की दुखद सच्चाई" की निंदा करने के लिए बुलाया गया है।
पीड़ितों पर शोक, शांति के लिए प्रार्थना
अंत में, प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला ने ख्रीस्तीयों से मिलजुलकर रहने का आग्रह किया, भले ही हम असहमत क्यों न हों। उन्होंने युद्ध के निर्दोष शिकार लोगों के लिए भी प्रार्थना की और गाजा में ग्रीक ऑर्थोडॉक्स गिरजाघर संत पोर्फिरियोस में हाल ही में हुए बम विस्फोट में मारे गए 18 लोगों को याद किया।
25 अक्टूबर को फिलिस्तीन की रानी का पर्व मनाने के लिए पवित्र भूमि में ख्रीस्तीयों को आमंत्रित करते हुए, प्राधिधर्माध्यक्ष ने आशा व्यक्त की कि "पूरा धर्मप्रांत उस दिन शांति के लिए प्रार्थना और सद्भाव में एकजुट होगा, सांसारिक शांति के लिए नहीं, बल्कि उस शांति के लिए जिसको ख्रीस्त हमें देते हैं।”
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