खोज

पवित्र भूमि के प्राधिधर्माध्यक्ष पियेरबतिस्ता पित्साबाला पवित्र भूमि के प्राधिधर्माध्यक्ष पियेरबतिस्ता पित्साबाला  

प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला : पवित्र भूमि में ख्रीस्तीय अपने अधिकारों का सम्मान चाहते हैं

पवित्र भूमि के प्राधिधर्माध्यक्ष पियेरबतिस्ता पित्साबाला ने इज्रायली चरमपंथियों द्वारा ख्रीस्तियों के खिलाफ बढ़ते हमलों के मद्देनजर कहा है कि पवित्र भूमि में ख्रीस्तीय विशेष सुरक्षा नहीं चाहते हैं, लेकिन उनके मौलिक अधिकारों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

वाटिकन न्यूज

येरूसालेम, बृहस्पतिवार, 27 जुलाई (रेई) : येरूसालेम के नामित - कार्डिनल प्राधिधर्माध्यक्ष पियरबतिस्ता पित्साबाला का कहना है कि इस्राएल में ख्रीस्तियों के खिलाफ उत्पीड़न और हमले अल्पसंख्यक यहूदी अति-राष्ट्रवादियों के कृत्य हैं जो एक विशिष्ट सांस्कृतिक संदर्भ में पनपते हैं, न कि इज्रायल के व्यापक समाज में बढ़ती असहिष्णुता की अभिव्यक्ति में।

यहूदी कट्टरपंथियों की ओर से बढ़ता उत्पीड़न और धमकी

इज्राएली समाज के भीतर चल रहे राजनीतिक तनाव और इज्राएली-फिलिस्तीनी संघर्ष के फिर से बढ़ने के बीच, पवित्र भूमि में पिछले महीनों में ख्रीस्तीय पुरोहितों के खिलाफ शारीरिक और मौखिक दुर्व्यवहार के अलावा गिरजाघरों, कब्रिस्तानों और ख्रीस्तीय संपत्तियों को निशाना बनानेवाली बर्बरता में वृद्धि देखी गई है। सबसे हालिया घटनाओं में चरमपंथी यहूदियों को हाइफा में गिरजाघरों पर कब्जा करने का प्रयास करते देखा गया है।

वाटिकन न्यूज के पत्रकार जान चार्ल्स के साथ बातें करते हुए प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला जो 30 सितम्बर को लाल टोपी ग्रहण करेंगे, पुष्ट किया है कि धार्मिक असहिष्णुता के कृत्य नये नहीं हैं किन्तु हाल के दिनों में इसमें काफी वृद्धि हुई है, विशेषकर येरूसालेम में, यद्यपि उन्हें अत्याचार नहीं कहा जाता है।

उन्होंने कहा कि यह वृद्धि ख्रीस्तियों के साथ-साथ इज्रायली अधिकारियों के लिए भी चिंता का विषय है, हालांकि इन घटनाओं को कम करने के प्रयास बहुत सफल नहीं रहे हैं।

प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला ने बताया कि हिंसा में मूल रूप से कब्जेवाले क्षेत्रों में इज्राएली निवासियों की नई पीढ़ियाँ शामिल हैं जो कुछ कट्टरपंथी धार्मिक नेताओं द्वारा भड़काई गई हिंसा और ध्रुवीकरण के सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ में बड़े हुए हैं।

पवित्र भूमि के ख्रीस्तीय विशेष सुरक्षा की मांग नहीं करते

यह स्थिति ख्रीस्तीय समुदायों को और अधिक परेशान कर रही है। हालाँकि, उन्होंने कहा कि पवित्र भूमि में ख्रीस्तीय विशेष सुरक्षा नहीं चाहते हैं, बल्कि केवल मौलिक अधिकारों का सम्मान चाहते हैं जो एक लोकतांत्रिक राज्य को सभी नागरिकों और समुदायों को उनकी धार्मिक संबद्धता के बावजूद गारंटी देनी चाहिए।

नामित-कार्डिनल पित्साबाला ने कहा कि कानून लागू करने के पुलिस प्रयासों और कुछ गिरफ्तारियों के बावजूद, इज्राएली सरकार इस मुद्दे पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है, राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग के अपवाद के साथ, जिन्होंने हाल ही में हिंसा की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ बात करते हुए उन्हें शर्मनाक बताया था।

हालाँकि, प्राधिधर्माध्यक्ष पित्साबाला के अनुसार, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने आप में ख्रीस्तीय विरोधी नहीं हैं, अप्रत्यक्ष रूप से इज़्राइली समाज के कुछ क्षेत्रों में तनाव और दुश्मनी का माहौल बनाने में योगदान दिया है।

इस्राएली समाज से प्रतिक्रिया आशा के कारण

उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उम्मीद है क्योंकि इन घटनाओं के कारण इस्राएली समाज में मजबूत प्रतिक्रया आयी है, यहाँ तक यहूदी धार्मिक नेताओं की ओर से भी। प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा, “मैं मानता हूँ कि समय के साथ समस्या के प्रति चेतना फल लायेगी।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

27 July 2023, 15:30