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फैसलाबाद में हिंसा के बाद हाथ में क्रूस लिए प्रदर्शन करता ख्रीस्तीय समुदाय फैसलाबाद में हिंसा के बाद हाथ में क्रूस लिए प्रदर्शन करता ख्रीस्तीय समुदाय   (ANSA)

पाकिस्तान : गिरजाघरों पर हमले के बाद, प्रार्थना दिवस की घोषणा

20 अगस्त को पाकिस्तान के लिए एक विशेष प्रार्थना दिवस मनाया जाएगा।

वाटिकन न्यूज पत्रकार

लाहौर, शनिवार, 19 अगस्त 2023 (फिदेस एजेंसी) : पाकिस्तान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन ने फैसलाबाद के जरनवाला में 16 अगस्त को हुई हिंसक घटनाओं के मद्देनजर विश्वासियों का आह्वान करते हुए रविवार को एक विशेष प्रार्थना दिवस की घोषणा की है।

लाहौर के महाधर्माध्यक्ष सेबास्तियन शो ने फिदेस न्यूज से कहा, “मैं शांति के लिए प्रार्थना करूँगा, अंतरधार्मिक सौहार्द के लिए, ताकि हर प्रकार की हिंसा एवं घृणा को “ना” कहा जा सके, जो हमेशा अनुचित है, समाज के लिए एक जहर है। हम सभी अच्छाइयों के दाता ईश्वर का आह्वान करते और सभी भली इच्छा रखनेवाले ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों से आग्रह करते हैं कि वे हमारा साथ दें, शांतिमय पाकिस्तान के लिए एकजुट हों जो घृणा से मुक्त हो, जहाँ सभी के अधिकार और स्वतंत्रता का सम्मान हो, चाहे वे किसी भी धर्म के क्यों न हों।” 

 

हिंसा की चिंगारी सड़क पर सफाई का काम करनेवाले एक अनपढ़ ईसाई सलीम मसीह के खिलाफ ईशनिंदा के कथित आरोप से भड़की, जिनपर कुरान का अपमान करने का आरोप लगाया गया था, जो पूरी तरह से निराधार था। क्षेत्र के कुछ मुसलमानों के अनुसार, पवित्र धर्मग्रंथ के कुछ पन्नों पर ईशनिंदा के शब्द लिखे थे और आरोप मसीह पर लगा। एक स्थानीय इस्लामी धार्मिक नेता की अपील के बाद, भीड़ ने बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाई, जिसका पहला निशाना जरनवाला क्षेत्र के गिरजाघर और ख्रीस्तीयों के घर बने।

रिपोर्टों के अनुसार चार गिरजाघरों (एक काथलिक गिरजाघर) एवं तीन प्रार्थनालय को जमीन पर गिरा दिया गया; एक कब्रस्थान को अपवित्र किया गया; ख्रीस्तीयों के कई घरों को क्षतिग्रस्त किया गया, हालांकि किसी के मरने की खबर नहीं है, तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मलबे में तब्दील संत पाओलो काथलिक गिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर खालिस मुख्तार ने कहा कि सुबह 5.30 बजे एक भीड़ गिरजाघर में घुस गई, प्रचारक की पिटाई की और "तोड़-फोड़ करना और आग लगाना शुरू कर दिया, साथ ही पड़ोस को भी निशाना बनाया, जहां ईसाई परिवार रहते हैं, उन्हें धमकाया और भागने के लिए मजबूर किया।" दूसरी ओर, कहा जा रहा है कि भागनेवाले कई परिवारों का स्वागत क्षेत्र के अन्य मुस्लिम परिवारों ने की है जो हिंसा की अचानक और अनुचित लहर से हैरान हैं।

घटना के दूसरे दिन, कई पुलिस अधिकारियों और रेंजरों को तैनात किया गया ताकि सुरक्षा बहाल किया जा सके। राजनीतिक संस्थानों ने उन लोगों की पहचान करने के लिए जांच और जिम्मेदारी का निर्धारण सुनिश्चित किया है जिन्होंने ईसाइयों के खिलाफ आक्रामकता को उकसाया और अंजाम दिया।

पाकिस्तान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष महाधर्माध्क्ष जोसेफ अरसद ने उम्मीद जतायी है कि "कानून और न्याय की प्रधानता फिर से स्थापित की जाएगी और एक बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकेगा", वहीं अंगलिकन धर्माध्यक्ष अजाद मार्शल ने सरकार से अपील की है कि वह सभी लोगों के लिए न्याय एवं सुरक्षा सुनिश्चित करे।

“पाकिस्तान अल्पसंख्यक संघ” मंच के काथलिक नेता अकमल भट्टी ने गौर किया कि "एक बार फिर ईशनिंदा का आरोप, निर्दोष लोगों और ख्रीस्तीय स्थानों पर बड़े पैमाने पर हमलों को सही ठहराने का बहाना हैं।"

जैसे कि कई धार्मिक और नागरिक प्रतिनिधियों, ख्रीस्तीय और मस्लिम, पाकिस्तान के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के न्याय और शांति के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग ने भी घटने की निंदा की है और ख्रीस्तीयों पर गंभीर हमलों के लिए चिंता व्यक्त की है, साथ ही, अतीत में ईशनिंदा के झूठे आरोपों को याद किया, जिसके परिणामस्वरूप इसी तरह की घटनाएं हुईं थीं।

पाकिस्तान की पूरी काथलिक कलीसिया की ओर से आयोग ने प्रभावित ख्रीस्तीय परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की है एवं सभी को प्रोत्साहन दिया है कि वे प्रार्थना में एक बने रहें तथा नष्ट हुए गिरजाघरों और घरों के पुनर्निर्माण के लिए सरकार की प्रतिक्रिया पर आशावादी उम्मीद जतायी है।  

उन्होंने कहा है कि जरनवाला की घटना हमें धार्मिक समुदायों के बीच सद्भाव, एकता और समझ को बढ़ावा देने की अत्याधिक आवश्यकता की याद दिलाती है", यह आशा व्यक्त करते हुए कि समाज के सभी घटक "न्याय, शांति और सह-अस्तित्व के लिए काम करेंगे"।

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19 August 2023, 16:18