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पाकिस्तान के पहले 'ईश सेवक' - आकाश बशीर

लाहौर के डॉन बॉस्को तकनीकी संस्थान के एक पूर्व छात्र काथलिक आकाश बशीर, 2015 में एक आत्मघाती हमलावर को खचाखच भरे गिरजाघर में प्रवेश करने से रोकते हुए शहीद हो गए। वे पाकिस्तान के पहले 'ईश सेवक' हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

लाहौर, बुधवार 2 फरवरी 2022 (वाटिकन न्यूज) : पाकिस्तान की काथलिक कलीसिया के पास अब संत की उपाधि और शहादत के लिए अपना पहला आधिकारिक उम्मीदवार आत्मघाती बम विस्फोट का शिकार एक युवा है जिसने बड़े नरसंहार को होने से रोका।

उका न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को संत जॉन बॉस्को पर्व के पवित्र मिस्सा के दौरान लाहौर के महाधर्माध्यक्ष सेबास्टियन शॉ ने घोषणा की कि वाटिकन ने आकाश बशीर की शहादत को स्वीकार कर लिया है। धर्मप्रांतीय स्तर पर संत बनने की प्रक्रिया की शुरुआत में एक उम्मीदवार को 'ईशसेवक' की उपाधि दी जाती है।

पाकिस्तानी काथलिकों ने पहले ईश सेवक और मुस्लिम राष्ट्र के शहीद की मध्यस्ता से प्रार्थना करना शुरू कर दिया है।

लाहौर महाधर्मप्रांत के विकार जनरल, फादर फ्रांसिस गुलजार ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान की काथलिक कलीसिया के लिए एक महान दिन है। आकाश बशीर ने लाहौर स्थित योहानाबाद के संत जॉन काथलिक गिरजाघर में  एकत्रित ख्रीस्तीय समुदाय के जीवन को बचाने के लिए बलिदान के रूप में अपने जीवन को अर्पित किया। वे पहले पाकिस्तानी ख्रीस्तीय हैं जिन्हें कलीसिया की ओर से ‘ईश सेवक’ की उपाधि मिली है।"

22 जून 1994 को खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत के नौशेरा के रिसालपुर में जन्मे आकाश का 20 साल की उम्र में निधन हो गया।

आतंकी हमले

योहानाबाद में 15 मार्च 2015 को, संत जॉन काथलिक गिरजाघर और पास के ख्रीस्त गिरजाघर में चालिसा के दौरान रविवारीय मिस्सा समारोह में भाग के लिए विश्वासी इकट्ठा हुए थे।‎ गिरजाघरों में  प्रवेश करने के प्रयास में दो आत्मघाती हमलावरों ने खुद को उड़ा लिया। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान जमातुल अहरार (टीटीपी-जेए) नामक आतंकवादी समूह द्वारा दावा किए गए हमलों में 17 लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हो गए थे।

स्वयंसेवी सुरक्षा गार्ड के रूप में सेवा देने वाले डॉन बॉस्को तकनीकी संस्थान के पूर्व छात्र आकाश ने एक आत्मघाती हमलावर को संत जॉन काथलिक गिरजाघर में प्रवेश करने से रोका।

विस्फोटकों से लदे आतंकवादी का सामना करते हुए उसने कहा, "मैं मर जाऊंगा, लेकिन मैं तुम्हें अंदर नहीं जाने दूंगा।" हमलावर ने बम विस्फोट कर दिया, तुरंत खुद को, बशीर और गिरजाघर के बाहर 2 अन्य लोगों को मार डाला। गिरजाघर में 1,000 से अधिक विश्वासी थे, इस प्रकार आकाश ने बड़े पैमाने  होने वाले नरसंहार को रोका।

संत पापा की पाकिस्तानी ईसाइयों से निकटता

संत पापा फ्राँसिस ने आतंकी हमलों की तुरंत निंदा की। उन्होंने रविवार को देवदूत प्रार्थना के बाद कहा,"प्रिय भाइयों और बहनों, बहुत दुख के साथ, मुझे पाकिस्तान के लाहौर शहर में दो गिरजाघरों पर आज के आतंकवादी हमलों के बारे में पता चला, जिसमें कई लोग मारे गए और घायल हुए। ख्रीस्तियों को सताया जा रहा है। हमारे भाई-बहन अपना खून सिर्फ इसलिए बहा रहे हैं क्योंकि वे ख्रीस्तीय हैं।" संत पापा फ्राँसिस ने पीड़ितों और उनके प्रियजनों के लिए अपनी निकटता और प्रार्थना का आश्वासन दिया।

संत पापा ने देश में शांति और सद्भाव के लिए एवं ख्रीस्तियों के उत्पीड़न के अंत के लिए भी प्रार्थना की, जिसे दुनिया छिपाने की कोशिश करती है।

ईश सेवक आकाश बशीर का परिवार और एक पुरोहित
ईश सेवक आकाश बशीर का परिवार और एक पुरोहित

आकाश का परिवार

आकाश के पिता बशीर इमानुएल ने उका न्यूज को बताया कि उन्हें अपने बेटे के नवीनतम समाचार के बारे में पता नहीं है। उसके एक बेटे ने बताया कि गिरजाघर में एक विशेष पवित्र मिस्सा है। उन्होंने कहा, “आकाश हमारे देश में ख्रीस्तीय धर्म की ताकत का प्रतीक है। मैं संत बनने के सभी चरणों की मंजूरी के लिए प्रार्थना करता हूँ।"

लाहौर के सेवानिवृत महाधर्माध्यक्ष लॉरेंस सल्दान्हा ने अपने फेसबुक पोस्ट में समुदाय को बधाई देते हुए लिखा, “अनेक दुखद समाचार के बीच यह एक बड़ी खुश खबरी है। आकाश आज भी एक आधुनिक शहीद के महान आदर्श हैं। वे सभी युवाओं को प्रेरित और प्रोत्साहित करें।”

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02 February 2022, 16:03