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प्रेस सम्मेलन में भाग लेते एशियाई धर्माध्यक्षों के प्रतिनिधि प्रेस सम्मेलन में भाग लेते एशियाई धर्माध्यक्षों के प्रतिनिधि 

एशियाई धर्माध्यक्ष उभरती चुनौतियों का सामना करूणा से करना चाहते हैं

तीन एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षों ने सोमवार को बैंकॉक में प्रेस के सदस्यों से मुलाकात की, और उन्हें बतलाया कि पवित्र आत्मा किस तरह उनका मार्गदर्शन कर रहा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

बैंकॉक, मंगलवार 25 अक्टूबर 2022 (रेई) ˸ तीन एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षों ने सोमवार को बैंकॉक में प्रेस के सदस्यों से मुलाकात की, और उन्हें बतलाया कि पवित्र आत्मा किस तरह उनका मार्गदर्शन कर रहा है।   

पासिग धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष मैलो वेरजारा ने सोमवार को प्रेस सम्मेलन का संचालन किया, जिसमें बैंकॉक में हो रहे एशियाई काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ (एफएबीसी) के पिछले 12 दिनों की सभा का सार प्रस्तुत किया गया।  

उन्होंने सम्मेलन की शुरूआत एफएबीसी की स्थापना के 50 साल पूरा होने के लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हुए की। तत्पश्चात् बैंकॉक के बान फू वान प्रेरितिक केंद्र के  संत मिखाएल हॉल और ऑनलाईन भाग ले रहे प्रेस के सदस्यों का अभिवादन किया।

ख्रीस्त एशिया में उपस्थित हैं

एफएबीसी के अध्यक्ष और यांगोन के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल चार्ल्स बो ने सम्मेलन को इन 50 वर्षों में पवित्र आत्मा की उपस्थिति के लिए एक समारोह कहा। उन्होंने बतलाया कि सम्मेलन के दौरान, विभिन्न प्रकार की पीड़ित जनता एवं उनकी चुनौतियों साथ ही महान कृपाओं को प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने पिछले कुछ दिनों इस क्षेत्र में उभरी वास्तविकताओं के मद्देनजर एशिया के धर्माध्यक्षों द्वारा सामना की गई चुनौतियों की तुलना मूसा की चुनौतियों से की, जिसको मूसा ने जलती हुई झाड़ी के सामने महसूस किया था और ईश्वर से पूछा कि वह उनकी मांग को कैसे पूरा कर सकता है। कार्डिनल ने कहा कि उन्हें भी उत्तर उसी तरह मिला, "मैं तुम्हारे साथ हूँ।" ख्रीस्तीय धर्म मूसा के समान चरवाहों और पेत्रुस के समान मछुआरों के द्वारा आगे बढ़ा है, जिन्होंने प्रभु के बुलावे को सुना।

एशिया में काथलिकों की 2 प्रतिशत उपस्थिति की याद करते हुए कार्डिनल बो ने कहा, "यद्यपि हम संख्या में कम हैं, हमारी उपस्थिति प्रभावशाली है।" उनके द्वारा एशिया में येसु का चेहरा अभी भी उपस्थित है।  

बैंकॉक के महाधर्माध्यक्ष एवं थाईलैंड के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल फ्राँसिस जेवियर क्रिएंगसक कोवितवानित ने खुशी व्यक्त की कि सम्मेलन के स्थान के लिए बैंकॉक के बान फू वान प्रेरितिक केंद्र को चुना गया। उन्होंने उन सभी लोगों के प्रति आभार प्रकट किया जिन्होंने सम्मेलन के आयोजन में मदद दी। खासकर, उन्होंने विदेश मामलों और संस्कृति मंत्रालय को धन्यवाद दिया जिन्होंने "एशिया के विभिन्न देशों से धर्माध्यक्षों के आगमन को सुगम बनाया।"

एशिया के लोगों के लिए एक संदेश

कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने बतलाया कि सम्मेलन का प्रस्ताव किस तरह आगे बढ़ा। उन्होंने कहा कि इस समय एशियाई धर्माध्यक्षों के लिए यह एक बड़ा और पहला सम्मलेन है। सम्मेलन की तैयारी में क्षेत्रीय स्तर पर कलीसिया और समाज की चुनौतियों एवं अवसरों को पहचानने के लिए कई सभाएँ हुईं। ये ही इस सम्मेलन के लिए आधार बन गयीं।

उन्होंने बतलाया कि सम्मेलन के शुरू के कुछ दिनों में सदस्य देशों का वर्चुवल रूप में भ्रमण किया गया ताकि सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक परिस्थितियों एवं जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को समझा जा सके। उसके बाद उन्होंने उभरती वास्तविकताओं पर गौर किया, उनके पास प्रस्तुत की जा रही वास्तविकताओं को लागू करने के लिए ठोस परिस्थितियाँ थीं।

इस अंतिम सप्ताह में, वे यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आगे के रास्ते के बारे में निष्कर्ष कैसे निकाला जाए जिसे "एशिया के लोगों के लिए एक संदेश और एक अंतिम दस्तावेज के रूप में, एशिया में कलीसिया के लिए एक प्रेरितिक योजना में प्रस्तुत किया जाएगा।"

एशियाई धर्माध्यक्षों का प्रेस सम्मेलन

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25 October 2022, 10:25