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2022.03.22 कोलंबो के महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल माल्कम रंजीत 2022.03.22 कोलंबो के महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल माल्कम रंजीत  

श्रीलंका के कार्डिनल ने नए राष्ट्रपति के कठोर कार्यों की निंदा की

श्रीलंका के कार्डिनल माल्कम रंजीत ने नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण के 24 घंटे से भी कम समय में सशस्त्र पुलिसकर्मियों और सैनिकों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर "हमला" किए जाने के बाद देश की नवगठित सरकार की जांच शुरू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की।

माग्रेट सनीता मिंज-वाटिकन सिटी

कोलंबो, शनिवार 23 जुलाई 2022 (वाटिकन न्यूज) : श्रीलंका के लोगों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक हार्दिक संबोधन में, कोलंबो के महाधर्माध्यक्ष, कार्डिनल माल्कम रंजीत ने शुक्रवार की सुबह श्रीलंका के अपने प्यारे नागरिकों पर हमले की निंदा की, जिसमें सुरक्षा बलों ने राजधानी में मुख्य सरकार विरोधी विरोध शिविर पर छापा मारा।

कार्डिनल बताते हैं कि निहत्थे युवा इस घोषणा करने के बाद साइट छोड़ने की तैयारी कर रहे थे, पर पुलिसकर्मियों और सेना के सैनिकों ने "अकारण" समूह पर हमला किया। कुछ घायल हुए और अन्यों को गिरफ्तार कर लिया गया।  कार्डिनल ने राष्ट्रपति की इस उच्च-स्तरीय कार्रवाई की पूरी तरह से निंदा की।

केवल 24 घंटे में

हमले के समय राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे 24 घंटे से भी कम समय के लिए सत्ता में थे, पूर्व प्रधान मंत्री ने गोटाबाया राजपक्षे द्वारा इस्तीफा देने के बाद, संसद में 134 मतों से जीत हासिल की।

कार्डिनल माल्कम ने कहा, "यह बहुत दुखद है, क्योंकि राष्ट्रपति केवल सांसदों के वोट पर राष्ट्रपति बने और उनका कहना था कि वे संविधान की रक्षा करेंगे।" इसके बजाय,उसने लोगों के विरोध करने के मूल अधिकार के खिलाफ काम किया है, जो एक लोकतांत्रिक अधिकार है, युवाओं ने अहिंसक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया था।

उन्होंने कहा कि संसद अधिकांश लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है और राष्ट्रपति "गला घोंटने और उत्पीड़न के उपयोग के साथ लोगों पर अपना अधिकार जमाने की कोशिश कर रहे हैं," यह अस्वीकार्य है।

किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदारी

कार्डिनल ने आगे कहा "भविष्य में किसी भी आपदा के लिए हम राष्ट्रपति को जिम्मेदार ठहराते हैं, जो उनके कार्यों के परिणामस्वरूप आ सकती है"।

कार्डिनल रंजीत ने तब नोट किया कि शुक्रवार के हमले के दौरान घायल हुए लोगों में स्थानीय और विदेशी दोनों मीडिया के सदस्य थे। उन्होंने इन हमलों की भी निंदा की और "विशेष रूप से उन लोगों पर जो विदेशों से आए थे", एक व्यक्ति के कार्यों के परिणामस्वरूप श्रीलंका की बदनामी हुई है।

एक पीड़ित राष्ट्र

फिर उन्होंने देश के पीड़ित लोगों पर अपना ध्यान केंद्रित किया, जिन्होंने सम्मान के साथ जीने के लिए बेरोजगारी और बुनियादी आवश्यकताओं की कमी के साथ इस वास्तविकता का शांतिपूर्वक विरोध किया और परिवर्तन की मांग की। उन निहत्थों पर हमला किया गया।

कार्डिनल ने कहा, "इस हमले की जांच करना राष्ट्रपति की जिम्मेदारी है।" उन्होंने  यह मांग करते हुए कहा कि एक जांच खोली जाए और दोषियों को जिम्मेदार ठहराया जाए।

कार्डिनल रंजीत ने फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर रुख करते हुए पूछा कि सरकार जांच शुरू करने में विफल रहती है, तो अंतरराष्ट्रीय  मानवाधिकार संगठनों के सदस्य सरकैर पर दबाव डाल सकते हैं। कार्डिनल ने निष्कर्ष निकाला, "उन लोगों पर हमला करना जिनके विरोध से यह परिवर्तन हुआ, शीर्ष पर पहुंचने के बाद सीढ़ी को लात मारने जैसा है।"

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23 July 2022, 15:23