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कार्डिनल मालकम रंजीत विश्वासियों के साथ कार्डिनल मालकम रंजीत विश्वासियों के साथ 

कार्डिनल रंजीत ने श्रीलंकाई काथलिक कार्यकर्ता की गिरफ्तारी की निंदा की

श्रीलंकाई कलीसिया के अधिकारियों ने प्रमुख काथलिक कार्यकर्ता शेहान मलका गामागे की अनुचित गिरफ्तारी पर नाराजगी व्यक्त की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

कोलंबो, बुधवार 16 फरवरी,2022 (वाटिकन न्यूज) : श्रीलंका में सोमवार को एक मुखर युवा काथलिक कार्यकर्ता शेहान मलका गामागे की गिरफ्तारी की कलीसिया के प्रमुख नेता की निंदा की। उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरे और श्रीलंका में खतरनाक 'सफेद वैन' संस्कृति की वापसी पर चिंता व्यक्त की।

अनुचित गिरफ्तारी

शेहान मलका गामागे को श्रीलंका पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने नाटकीय परिस्थितियों में उस समय हिरासत में ले लिया जब वह सड़क पर चल रहा था। उन्होंने फेसबुक पर एक वीडियो में अपनी अराजक गिरफ्तारी को दिखाया। इसमें दिखाया गया है कि कार्यकर्ता सादे कपड़ों में एक सफेद वैन में आए लोगों से अपनी गिरफ्तारी के लिए आवश्यक दस्तावेज की मांग कर रहा है।

कोलंबो के कार्डिनल माल्कम रंजीत ने मंगलवार को गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक "अपहरण" था। उन्होंने कहा कि सरकार उन लोगों को निशाना बना रही है जिन्होंने गिरजाघरों और होटलों पर 2019 ईस्टर रविवार को आतंकवादी हमलों की ठीक से जांच करने में विफल रहने की आलोचना की, जिसमें लगभग 270 लोग मारे गए और कम से कम 500 घायल हो गए थे।

ईस्टर हमलों के पीछे सच्चाई का इंतजार

शेहान उन कई कार्यकर्ताओं में से हैं जो न्याय के लिए अभियान चला रहे हैं और आत्मघाती बम विस्फोटों के पीछे की सच्चाई की तलाश कर रहे हैं, जिन पर इस्लामी आतंकवादियों का आरोप लगाया गया है। काथलिक कार्यकर्ता ने सार्वजनिक रूप से सवाल किया है कि क्या राजनेताओं ने बम विस्फोटों का इस्तेमाल उस वर्ष के अंत में राष्ट्रपति चुनावों में सरकार बदलने के लिए किया था, जिसमें गोटाबाया राजपक्षे सत्ता में आए थे।

पुलिस प्रवक्ता निहाल थलडुवा ने श्रीलंका के स्वतंत्र समाचार नेटवर्क, न्यूजफर्स्ट को बताया कि गामागे को ईस्टर रविवार के हमलों के संबंध में हाल ही में की गई एक टिप्पणी के लिए गिरफ्तार किया गया था।

उन्हें अटार्नी जनरल (एजी) की सलाह पर गिरफ्तार किया गया था, जिन्होंने सीआईडी द्वारा प्रस्तुत विवरण पर कार्रवाई की थी, जब उन्होंने अगस्त और सितंबर 2021 में 8 दिनों के लिए गामागे से पूछताछ की थी, 17 अगस्त को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने 2021 ईस्टर हमलों के संबंध में एक भाषण दिया था।

एक 'अपहरण', गिरफ्तारी नहीं

कार्डिनल रंजीत ने गिरफ्तारी के तरीके पर पुलिस की भर्तसना करते हुए कहा कि पुलिस को किसी को गिरफ्तार करते समय वर्दी में होना चाहिए और एक आधिकारिक पुलिस वाहन का उपयोग करना चाहिए, न कि एक सफेद वैन, जिसने 1980 के दशक में कई लोगों का अपहरण करने और गायब होने की घटना को को याद किया। बाद में, उनके बारे में कभी नहीं सुना गया।

उन्होंने कहा, "पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तारी करते समय किसी भी आरोपी के खिलाफ आरोपों को पढ़ना चाहिए।" गामागे को गिरफ्तार नहीं किया गया था, लेकिन व्यापक दिन के उजाले में अपहरण कर लिया गया था। उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को असभ्य और अनैतिक बताया, जो एक लोकतांत्रिक समुदाय के लिए उपयुक्त नहीं है।

 “अगर गामागे सोशल मीडिया पर लाइव नहीं होता, तो देश को कभी पता नहीं चलता कि उसे एक सफेद वैन में एक समूह द्वारा जबरदस्ती ले जाया जा रहा है। देश के सामने इसे प्रकट करने का उसमें साहस था।" न्यूजफर्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कार्डिनल रंजीत ने साथी नागरिकों से सच्चाई को डराने-धमकाने के प्रयासों का जवाब देने का आग्रह किया।

मंगलवार को मलिगकांडा मजिस्ट्रेट की अदालत ने गामागे को जमानत दे दी और उन पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया।

एक साजिश

कार्डिनल लंबे समय से ईस्टर बम विस्फोटों के पीछे की सच्चाई के लिए राजपक्षे की सरकार पर दबाव डालते रहे हैं, उनका कहना है कि देश के शीर्ष कानून प्रवर्तन अधिकारी सीधे तौर पर शामिल लोगों के खिलाफ आरोप दायर करने के बावजूद बम विस्फोटों के असली साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार करने में विफल रहे हैं। कार्डिनल ने पिछले साल राजपक्षे को एक पत्र लिखकर आरोपों पर सवाल उठाया था कि राज्य खुफिया के कुछ सदस्य हमलावरों में से कम से कम एक को जानते थे और मिले थे।

कार्डिनल रंजीत ने भी वर्तमान अटॉर्नी जनरल पर कटाक्ष किया, उन्होंने जोर देकर कहा कि वह एक लोक सेवक हैं, राजनीतिक कठपुतली नहीं। उन्होंने बताया कि एजी से 2019 ईस्टर रविवार हमलों की जांच करने वाले राष्ट्रपति आयोग की सिफारिशों को लागू करने की उम्मीद है। इसके बजाय, वह उन लोगों को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रहा है जो आतंकी हमलों पर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

कार्डिनल रंजीत ने "लोगों से सरकार के षड्यंत्रकारी आचरण को समझने" और "उचित समय पर इसका जवाब देने" का अनुरोध किया, उन्होंने दोहराया कि यदि मुद्दों को स्थानीय स्तर पर हल नहीं किया जा सकता है, तो वह इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने में संकोच नहीं करेंगे।

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16 February 2022, 14:36