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दावोस में 'सिस्टर्स प्रोजेक्ट' की प्रस्तुति दावोस में 'सिस्टर्स प्रोजेक्ट' की प्रस्तुति  #SistersProject

दावोस ˸ 'सिस्टर्स प्रोजेक्ट' द्वारा 'सफल परियजनाओं' की प्रस्तुति

दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर, सिस्टर्स प्रोजेक्ट के सदस्यों ने व्यवसायी एवं मानव अधिकार के कार्यकर्ताओं के साथ एक सार्वजनिक विवाद में भाग लिया। यू आईएसजी की कार्यकारी सचिव सिस्टर पत्रिसिया ने कहा, "दुनिया को साहसी नेताओं की जरूरत है जिनमें महिलाएँ भी शामिल हों।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सिस्टर पत्रिसिया ने कहा, "हम, महिला धर्मसमाजी, लोगों के निकट रहतीं और काम करती हैं, विशेषकर, ऐसे लोगों के जो समाज के हाशिये पर जीवनयापन करते हैं।"  उन्होंने दावोस के "लक्ष्य 17" केंद्र में, वैश्विक समस्याओं के बारे में गूगल  या यूनिलीवर जैसी अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों एवं कई अतिथियों के सामने कही।

उन्होंने कहा कि एक महिला धर्मसमाजी के रूप में हम समाज द्वारा सामना की जा रही सबसे बड़ी चुनौतियों का ठोस रूप से सामना कर रही हैं।

ये चुनौतियाँ हैं ˸ स्वास्थ्य, शिक्षा, आप्रवासियों की मदद और मानव तस्करी के शिकार लोगों की चिंता आदि। हम स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरचनात्मक बदलाव चाहती हैं, उन लोगों के लिए जो सबसे अधिक भुला दिये गये हैं और उपेक्षित हैं।

हमारे विश्वास के स्रोत से

भारत की धर्मबहन, सिस्टर मेरी जॉन ने सिस्टर मुरे से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि साहसी नेताओं का स्पष्ट उद्देश्य और दर्शन होता है जिसको हम अपने विश्वास तथा दूसरों की भलाई के लिए समर्पित जीवन से प्राप्त करती हैं।

दावोस शिखर सम्मेलन में उन्होंने सफल परियोजना का एक ठोस उदाहरण प्रस्तुत किया जिसको धर्मबहनों ने पहल किया है। उन्होंने गौर किया कि कई बार ये छोटे कार्य होते हैं किन्तु इनका व्यापक प्रभाव पड़ता है।  

उन्होंने बतलाया कि इस समय यूक्रेन की महिलाओं की स्थिति उनके क्रिया-कलापों का केंद्रबिन्दु हैं।

पूर्ण एवं प्रतिष्ठित जीवन की गारांटी

पिलार देल मोरा की सिस्टर रूथ ने कहा, "हमारा सुसमाचारी दृष्टिकोण का अर्थ है कि हम सभी लोगों के लिए एक ऐसी स्थिति उत्पन्न करना चाहती हैं जहाँ वे पूर्ण और प्रतिष्ठित जीवन जी सकें।"

उन्होंने अपने भाषण में जोर दिया कि महिला धर्मसमाजी किसी को नहीं छोड़ती हैं ˸ "हम किसी को नहीं छोड़ती हैं जब हिंसा और संघर्ष शुरू हो जाता है।"

सिस्टर पत्रिसिया ने एक खास उदाहरण पेश किया, "हम सबने सिस्टर अन्न रोस लू तवांग की तस्वीर देखी है जो म्यांमार के सैनिकों के सामने घुटनों के बल खड़ी है; मैं श्रीलंका की धर्मबहनों की याद करती हूँ जिन्होंने बिजली, पेट्रोल और दवा में कटौती का विरोध कर रहे लोगों की रक्षा कीं; या सिस्टर ग्लोरिया सेसिलिया नवारेज़, एक कोलंबियाई धर्मबहन हैं जो चाड में पाँच साल कैद रहने के बाद मुक्त हुईं।"

वे साहसी नेताओं के "अविश्वसनीय उदाहरण हैं" लेकिन बहुधा ये साहसी नेता गुप्त रूप से चुपचाप जीती हैं।  

उन्होंने कहा कि साहसी नेताओं को विनम्रता, नई चीजों के लिए खुलापन, असफलता के खतरों एवं नई शुरूआतों को स्वीकार करने की जरूरत होती है।

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24 May 2022, 15:57