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फातिमा की माता मरियम फातिमा की माता मरियम 

यूक्रेनी धर्माध्यक्षों ने पोप द्वारा रूस को माता मरियम को समर्पण का स्वागत किया

यूक्रेन के कई धर्माध्यक्षों ने संत पापा फ्राँसिस के रूस एवं यूक्रेन को 25 मार्च को निष्कलंक मरिया को समर्पित किये जाने का स्वागत किया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 17 मार्च 2022 (रेई)˸ यूक्रेन में लातीनी रीति एवं बिजेनटाईन रीति के काथलिक धर्माध्यक्षों ने संत पापा फ्राँसिस की रूस एवं यूक्रेन को निष्कलंक माता मरियम के समर्पण की चाह के प्रति अपना आभार प्रकट किया है।

जब रूस के अपने पड़ोसी देश यूक्रेन पर हमले के कारण अनेक लोग मर रहे हैं, तब वाटिकन प्रेस कार्यालय ने मंगलवार को घोषणा की कि पोप 25 मार्च को समर्पण का कार्य सम्पन्न करेंगे।

समर्पण की धर्मविधि संत पेत्रुस महागिरजाघर में संत पापा फ्राँसिस द्वारा ख्रीस्तयाग के दौरान सम्पन्न की जायेगी। उसी दिन संत पापा के परोपकार कार्यालय के अध्यक्ष कार्डिनल कोनराड क्राजेवस्की भी पुर्तगाल के फातिमा स्थित माता मरियम तीर्थस्थल पर समर्पण की धर्मविधि सम्पन्न करेंगे।

एक पिता के रूप में संत पापा की चिंता

यूक्रेन के ग्रीक काथलिक कलीसिया के प्रमुख महाधर्माध्यक्ष स्वातोस्लाव शेवचुक ने "यूक्रेन में भयांकर युद्ध की त्रासदी के बीच इस समाचार का स्वागत किया है।"

उन्होंने कहा, "इस आध्यात्मिक क्रिया के लिए यूक्रेन की जनता लम्बे समय से इंतजार कर रही थी। 2014 में रूसी आक्रमण के समय से ही यूक्रेन के काथलिक इस धार्मिक क्रिया का आग्रह कर रहे थे ताकि रूसी हमले की स्थिति के बदतर होने एवं खतरे को रोका जा सके।"

उन्होंने बतलाया कि इसके संबंध में उन्होंने संत पापा फ्राँसिस को जानकारी दी थी जो पिता के समान चिंता करते हैं।

पीड़ा और आशा को माता मरियम को समर्पित किया जाना

कीव-हलेक के महाधर्माध्यक्ष ने रूस और यूक्रेन को निष्कलंक माता मरियम के हृदय को समर्पित करने का निर्णय लेने के लिए संत पापा को धन्यवाद दिया है।

फातिमा में 13 जुलाई 1917 के दिव्य दर्शन में माता मरियम ने रूस को अपने निष्कलंक हृदय को समर्पित करने की मांग की थी तथा कहा था कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो रूस अपनी त्रुटियों को पूरी दुनिया में फैलायेगा, युद्ध एवं कलीसिया पर अत्याचार बढ़ायेगा।"  

महाधर्माध्यक्ष शेवचुक ने गौर किया कि माता मरियम के शब्द पूरे हुए हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि "सदइच्छा शहीद हो जायेगी; संत पापा को बहुत अधिक दुःख सहना पड़ेगा, कई देश नष्ट कर दिये जायेंगे।"

आइये, हम माता मरियम के निष्कलंक हृदय को हमारी सारी पीड़ा एवं हमारे शहीद देश में शांति की आशा सिपूर्द करें।"

लविव के महाधर्माध्यक्ष मैकस्वाल मोक्रेजेस्की ने भी इसके लिए संत पापा को धन्यवाद दिया है।

उन्होंने वाटिकन न्यूज को बतलाया कि यक्रेन के लातीनी रीति के काथलिक धर्माध्यक्षों ने पोप फ्राँसिस से आग्रह करते हुए लिखा था कि वे रूस को फातिमा की माता मरियम को समर्पित करें।

1917 में फातिमा की माता मरियम ने कहा था कि युद्ध और कलीसिया में अत्याचार को रोकने के लिए हमें प्रार्थना करना एवं रूस को उनके हृदय को समर्पित करना चाहिए तथा माह के पहले पाँच शनिवार को यग्य रीति से पवित्र परमप्रसाद ग्रहण करना चाहिए।"

महाधर्माध्यक्ष मोक्रजेस्की ने दोहराया कि कुँवारी मरियम की प्रतिज्ञा थी कि यदि यह मांग पूरी की जायेगी तो "रूस का मन परिवर्तन होगा और हमें शांति प्राप्त होगी।"

संत पापा के आह्वान का प्रत्युत्तर देते हुए यूक्रेन के धर्माध्यक्ष देश के विश्वासियों से आग्रह कर रहे हैं कि वे 17 मार्च से नोवेना प्रार्थना करते हुए समर्पण की धर्मविधि के लिए तैयारी करें।

उन्होंने कहा, "हम आशा एवं विश्वास करते हैं कि यह क्रिया हमारे लिए शांति लायेगी और युद्ध समाप्त हो जायेगा।"

समर्पण की पुरानी परम्परा

महाधर्माध्यक्ष शेवचुक के अनुसार ईश्वर की माता को समर्पण का यह धार्मिक अभ्यास एक पुरानी परम्परा है।  

उन्होंने याद दिलाया कि रूस-यूक्रेन के लोगों को राजकुमार यारोस्लाव द वाईस ने 1037 में सुरक्षा की माता मरियम को समर्पित किया था।

यूक्रेन में इसे 1995 में कार्डिनल मेरोस्लाव इवन लियूबचिस्काई के द्वारा समर्पित किया गया था और 2016 में प्रमुख महाधर्माध्यक्ष शेवचुक ने भी समर्पित किया था।

संत पापा पीयुस 12वें ने 31 अक्टूबर 1942 को पूरे विश्व को समर्पित किया था और 7 जुलाई 1952 को उन्होंने प्रेरितिक पत्र साक्रो वेरजेंते अन्नो में, रूस को कुँवारी मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पित किया था।

21 नवम्बर 1964 को संत पापा पौल छटवें ने वाटिकन द्वितीय महासभा के धर्माचार्यों की उपस्थिति में कुंवारी मरियम के निष्कलंक हृदय को रूस को पुनः समर्पित किया था।

संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने भी एक प्रार्थना तैयार किया था जिसे उन्होंने 7 जून 1981 को पेंतेकोस्त की पवित्रता पर संत मरिया मेजर महागिरजाघर में मनाये जानेवाले समर्पण की क्रिया कहा था।

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17 March 2022, 16:23