खोज

फातिमा की माता मरिया  फातिमा की माता मरिया  

संत पापा रूस व यूक्रेन को माँ मरिया के निष्कलंक हृदय को समर्पित करेंगे

25 मार्च को संत पेत्रुस महागिरजाघर में पश्चताप धर्मविधि के दौरान संत पापा फ्राँसिस रूस और यूक्रेन को माँ मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पित करेंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 16 मार्च 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस शुक्रवार, 25 मार्च को संत पेत्रुस महागिरजाघर में शाम 5 बजे पश्चताप धर्मविधि के दौरान रूस और यूक्रेन को माता मरियम के बेदाग हृदय को समर्पित करेंगे।

वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक, मत्तेओ ब्रूनी ने एक बयान में कहा: " उसी दिन संत पापा के दानदाता कार्डिनल कोनराड क्रेजेवस्की, फातिमा में, पश्चताप धर्मविधि के दौरान रूस और यूक्रेन को माता मरियम के बेदाग हृदय को समर्पित करेंगे।" संत पापा फ्राँसिस इस विशेष मतलब से परमधर्मपीठीय कोष के दानदाता को फातिमा भेज रहे हैं।

दोनों देशों को समर्पित करने के लिए प्रभु के जन्म की घोषणा के पर्व दिवस को चुना गया है।

अच्छे लोगों की शहादत

13 जुलाई 1917 को फातिमा में, माता मरियम ने रूस को अपने बेदाग हृदय को समर्पित करने के लिए कहा था, यह कहते हुए कि यदि यह नहीं किया गया, तो रूस "दुनिया भर में अपनी गलतियों और युद्धों को फैलाएगा, कलीसिया में उत्पीड़न को बढ़ाएगा।”

उसने कहा "अच्छे लोग शहीद हो जायेंगे, संत पापा को बहुत कुछ भुगतना होगा, विभिन्न राष्ट्रों को नष्ट कर दिया जाएगा।"

माता मरियम को रूस का समर्पण

फातिमा में माता मरियम के प्रकट होने के बाद मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पण के विभिन्न धर्मविधि सम्पन्न हुए।

संत पापा पियुस बारहवें ने 31 अक्टूबर 1942 को पूरी दुनिया को समर्पित किया और 7 जुलाई 1952 को प्रेरितिक पत्र ‘साक्रो वेर्जेंटे आन्नो’ में उन्होंने रूस के लोगों को माता मरियम के निष्कलंक हृदय को समर्पित किया :

"जैसे ही कुछ साल पहले हमने पूरी दुनिया को कुवांरी माँ मरियम ईश्वर की माता के निष्कलंक हृदय को समर्पित किया था, इसलिए अब, विशेष रुप से, हम रूस के सभी लोगों को उसी निष्कलंक हृदय को समर्पित करते हैं।”- संत पापा पियुस बारहवें

21 नवंबर 1964 को संत पापा पॉल षष्टम ने द्वितीय वाटिकन परिषद के धर्माध्यक्षों की उपस्थिति में माता मरिया के निष्कलंक हृदय को रूस के समर्पण को नवीनीकृत किया।

संत पापा जॉन पॉल द्वितीय  ने 7 जून 1981 को संत मरिया मेजर महागिरजाघर में पेंतेकोस्त के मिस्सा समारोह पर मनाए जाने वाले,’समर्पण धर्मविधि’ के लिए एक प्रार्थना की रचना की।

जून 2000 में, परमधर्मपीठ ने फातिमा के रहस्य के तीसरे भाग का खुलासा किया।

उस समय, विश्वास एवं धर्म सिद्धांत के लिए बने परमधर्मपीठीय सम्मेलन के सचिव, तत्कालीन महाधर्माध्यक्ष तर्सिसियो बर्तोने ने बताया कि सिस्टर लूसिया ने 1989 के एक पत्र में व्यक्तिगत रूप से पुष्टि की थी कि समर्पण का यह गंभीर और सार्वभौमिक धर्मविधि माता मरिया की इच्छा के अनुरूप है। दर्शन देखने वाली सिस्टर लूसिया ने लिखा, "जैसा कि माता मरियम ने 25 मार्च 1984 को जो कहा था, सबकुछ उसी के अनुरुप किया गया।"

 

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

16 मार्च 2022, 14:53