नोट्र-डेम महागिरजाघर की आग लगने के पहले की स्थिति की ओर वापसी
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
पेरिस, बृहस्पतिवार, 15 अप्रैल 21 (वीएनएस)- 15 अप्रैल 2019 को विश्व ने पेरिस के नोट्र डेम गिरजाघर को भयंकर से जलते हुए देखा। यद्यपि महागिरजाघर का मीनार ढह गया तथा लकड़ी की सैंकड़ों धरनी से बनी छत्त अत्यन्त क्षतिग्रस्त हो गई, अग्निशमकों के साहसी प्रयास से इस धार्मिक धरोहर को पूरी तरह समाप्त होने से बचा लिया गया।
विध्वंसकारी आग के दो साल बाद इसके मरम्मत का रास्ता लम्बा एवं चुनौतीपूर्ण रहा है किन्तु उम्मीद बनी हुई है कि महागिरजाघर अपनी पूर्व महिमा को पुनः प्राप्त करेगा।
वाटिकन न्यूज को दिये एक साक्षात्कार में धर्माध्यक्ष एरिक औमोनियर ने बतलाया कि मरम्मत का कार्य जारी है एवं महागिरजाघर को फिर पहले जैसा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। फरवरी में धर्माध्यक्ष एरिक को पेरिस धर्मप्रांत का प्रतिनिधि नियुक्त किया गया ताकि नोट्र डेम महागिरजाघर के पुनः उद्धार का कार्य आगे बढ़ाया जा सके।
पुनःनिर्माण कार्य जारी
पुनःनिर्माण कार्य में प्रगति पर प्रकाश डालते हुए धर्माध्यक्ष ने कहा कि भवन को सुरक्षित करने का चरण लगभग पूरा हो चुका है और अब पुनः उद्धार के कार्य को शीघ्र आगे बढ़ाया जाएगा।
धर्माध्यक्ष ने कहा कि दो साल पहले त्रासदीपूर्ण आग की घटना से उत्पन्न मलबे को साफ करने के लिए बहुत काम किया जाना था। उन्होंने कहा कि सबसे पहले महागिरजाघर के अंदर के प्रार्थनालयों को बचाया जा रहा है जो मलबे से भरे हैं। कोई भी कल्पना कर सकता है कि सभी प्रार्थनालयों का पुनःनिर्माण कैसा हो सकता है।
नोट्र-डेम ˸ विश्वास का प्रतीक
धर्माध्यक्ष ने गौर किया कि महागिरजाघर में काम जारी रहने के बावजूद सुरक्षा उपायों को अपनाते हुए इसका प्रयोग जारी है। उदाहरण के लिए, पुण्य सप्ताह के दौरान कलीसिया की निरंतर प्रार्थना को दर्शाने के लिए महाधर्माध्यक्ष की उपस्थिति में धर्मविधि सम्पन्न की गयी।
धर्माध्यक्ष एरिक ने पेरिस के लोगों की प्रतिक्रिया एवं रूचि पर भी गौर किया है जो पुनर्निर्माण के कार्य को निकट से देख रहे हैं और उसके पुनः खुलने की उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।
महागिरजाघर से व्यक्तिगत लगाव
धर्माध्यक्ष ने कहा, "नोट्र डेम गिरजाघर के साथ मेरा संबंध, हरेक व्यक्ति का बपतिस्मा में येसु के संबंध से जुड़ने के समान है। उसके प्रति मेरी एवं दूसरे लोगों की व्यक्तिगत यादें हैं।"
धर्माध्यक्ष औमोनिएर ने 1996 में अपने धर्माध्यक्षीय अभिषेक की खासरूप से याद की जो नोट्र-डेम महागिरजाघर में सम्पन्न हुई थी। उन्होंने कई महत्वपूर्ण अवसरों की याद की, जिनमें 1980 में संत पापा जॉन पौल द्वितीय की यात्रा और 2008 में संत पापा बेनेडिक्ट 16वें की यात्रा भी शामिल हैं।
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