गाजा से फिलीस्तीनी शरणार्थी : ‘मैं सुरक्षित जीवन का सपना देखती हूँ’
वाटिकन न्यूज
अपने कनाडाई पासपोर्ट के बदौलत सुहैर अनास्तास चार दिन पहले अपनी 16 वर्षीय बेटी के साथ गाजा से भागने में सफल रही। वे फिलिस्तीनियों के उस दल की हिस्सा हैं, जिन्होंने बुधवार सुबह पॉल षष्ठम हॉल में आमदर्शन से पहले पोप फ्राँसिस से मुलाकात की। इज्राएली बंधक के रिश्तेदार ने कहा, 'मुझे लगा कि पोप हमारे दर्द में हमारे साथ हैं।'
वाटिकन मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि उपस्थित सभी लोगों के पास बताने के लिए अलग-अलग कहानियाँ थीं लेकिन सभी का एक ही निष्कर्ष था: "गाजा में लोग मर रहे हैं।"
प्रश्न : आज सुबह आपने पोप से क्या कहा?
दरअसल, हम सभी की जो बैठक थी, उसमें हर कोई बस उन कहानियों को बता रहा था जिनसे वे गुज़रे हैं। हर किसी की कहानी अलग-अलग थी, लेकिन सबका अंत एक जैसा था: लोग मर रहे हैं, बच्चों के ऊपर घर [गिर रहे हैं], और (लोग) अपना परिवार खो रहे हैं।
मुझे लगता है कि मैं उन भाग्यशाली लोगों में से एक हूँ जिन्हें चर्च ने आश्रय दिया था, लेकिन, यह एक सुरक्षित जगह नहीं थी। गाजा में कहीं भी सुरक्षित जगह नहीं है। गिरजाघर में ऐसे लोग थे जो वहाँ मौजूद लोगों के लिए भोजन लाने की कोशिश में बाहर जाते थे। और आप हमेशा सोचते रहेंगे कि 'अगर रास्ते में उन्हें कुछ हुआ तो क्या होगा?'
चारों ओर हो रहे बम विस्फोटों के कारण आप यह जाने बिना ही सो जाते हैं कि अगली सुबह आप उठ पायेंगे या नहीं।
यह वास्तव में एक बुरा अनुभव है और मैं चाहता हूँ कि किसी भी बच्चे, शिशु या बुजुर्ग को इससे न गुजरना पड़े। काश! हम उन सभी की मदद कर पाते, लेकिन जब आप वहां से निकलते हैं तो आपको यही अपराध बोध महसूस होता है। आप वास्तव में उन सभी को पीछे छोड़ते हुए दोषी महसूस करते हैं।
भयावाह अनुभव
जब हमें गिरजाघर छोड़ने और राफा जाने का साहस मिला, तो कलीसिया ने योजना बनाई कि गिरजाघर के दो रोगियों को, जिन्हें आपातकालीन अस्पताल देखभाल की आवश्यकता थी, दक्षिण में ले जाया जाए। हमें गाड़ी चलाते रहना चाहिए था, लेकिन तभी सेना ने हमें रोक दिया और हमसे कार वापस करने को कहा।
हम पैदल चलने लगे। ऐसे समय में जब आपको सुरक्षित मार्ग की आवश्यकता है, वहां लड़ाई चल रही थी, गोलीबारी हो रही थी, बमबारी हो रही थी। आप नहीं जानते कि वे निकट हैं या दूर, लेकिन आप उन्हें सुन सकते हैं। और हर कोई हमेशा डरा हुआ रहता था। आपको पीछे मुड़कर देखने की अनुमति नहीं है। आप बस अपना हाथ सफेद झंडा उठाए हुए चलते रहें। बच्चों के लिए यह डरावना था।
सात साल की बच्ची जो हमारे साथ थी, हर मिनट कहती थी, 'माँ, क्या हम मरनेवाले हैं?' यह एक बहुत ही भयावाह अनुभव था।
मुझे खुशी है कि हम चले गए। मुझे खुशी है कि हम वहां से निकलने में सफल रहे, लेकिन वहां बहुत सारे लोग हैं जो अभी भी वहीं हैं। मुझे नहीं पता कि वे जीवित रहेंगे या नहीं।
प्रश्न : आप अपने और अपने परिवार के लिए क्या सपना देखती हैं?
एक सुरक्षित जीवन। मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि हम सब कुछ छोड़कर गाजा से बाहर चले जायेंगे। मेरे बच्चों के लिए वहाँ रहना और अपने पिता के बिना होना कठिन था।
इतना सब होने के बाद, हम चले गए और अब हमारे पास कुछ भी नहीं है। यह सब उन्हें याद दिलाता है कि उनके पिता वहाँ हैं और अब उनके पास कुछ भी नहीं है। मुझे नहीं लगता कि हम जिस दौर से गुजरे हैं उसके बाद कोई आपको यह बता पाएगा कि हमारे पास भविष्य के लिए कोई योजना है। आप वास्तव में समझ नहीं सकते कि क्या हो रहा है, इसलिए यह कहना बहुत मुश्किल है कि 'मुझे यह चाहिए।'
हर कोई अपने बच्चों के लिए सर्वोत्तम जीवन, बेहतर शिक्षा चाहता है। और मुझे उम्मीद है कि यह संभव होगा।
मुझे उम्मीद है कि अपने घर वापस जाना और वहां रहना संभव होगा, मैं एक सुरक्षित जीवन का सपना देखती हूँ।
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