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नोवेल पुरस्कार विजेता डॉ. कैटालिन कारिको और डॉ. ड्रू वीसमैन नोवेल पुरस्कार विजेता डॉ. कैटालिन कारिको और डॉ. ड्रू वीसमैन   (ANSA)

डॉ. कारिको और डॉ. वीसमैन ने कोविड वैक्सीन के लिए नोवेल पुरस्कार

फिजियोलॉजी या मेडिसिन में इस साल का नोबेल पुरस्कार उन वैज्ञानिकों की एक जोड़ी को दिया गया है जिन्होंने वह तकनीक विकसित की, जिससे एमआरएनए कोविड टीके तैयार हुए। इनमें एक हंगेरियन महिला भी शामिल हैं जिन्होंने विरोध के बावजूद अपना शोध जारी रखा।

वाटिकन न्यूज

हंगरी में जन्मे वैज्ञानिक कैटालिन कारिको और अमेरिकी सहयोगी ड्रू वीसमैन के लिए यह एक लंबी यात्रा रही। उन्होंने एमआरएनए अणु की खोज की, जिसने कोविड-19 टीकों के लिए मार्ग प्रशस्त किया।

सोमवार को, स्वीडिश पुरस्कार देनेवाली संस्था ने एक आश्चर्यजनक घोषणा करते हुए कहा कि इस जोड़ी को, जिन्हें पसंदीदा माना जा रहा था, "न्यूक्लिओसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए फिजियोलॉजी या मेडिसिन में 2023 का नोबेल पुरस्कार दिया जाएगा, जिसने कोविड-19 के विरुद्ध टीके प्रभावी एमआरएनए के विकास को सक्षम किया।"

यह घोषणा स्टॉकहोम में कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल सभा के सचिव थॉमस पर्लमैन ने की, जिन्होंने यह भी कहा कि जब उन्होंने उनसे संपर्क किया तो दोनों वैज्ञानिक पुरस्कार की खबर से "अभिभूत" थे।

हंगरी के सेज्ड विश्वविद्यालय में 68 वर्षीय प्रोफेसर और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर कारिको, चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार जीतनेवाली 13वीं महिला हैं।

वे बायो एन टेक में वरिष्ठ उपाध्यक्ष थीं, जिसने कोविड-19 टीकों में से एक बनाने के लिए फाइजर के साथ साझेदारी की थी। हंगरी में उनके सहयोगियों ने दशकों के अकेले शोध के दौरान "उनकी अद्भुत दृढ़ता" की प्रशंसा की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि उसने पुरस्कार संभव बनाया।

उन्हें याद है कि हंगरी के सेज्ड शहर में जैविक अनुसंधान करने के बाद वे अपने वैज्ञानिक कार्य को बढ़ाने की उम्मीद में संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं। लेकिन कई वर्षों के बाद उनके शोध के लिए समर्थन समाप्त कर दिया गया, जिससे उन्हें आगे बढ़ने के लिए अन्य तरीकों की तलाश करनी पड़ी।

1998 में, उन्हें वीजमैन में अपना वैज्ञानिक साथी मिला। 64 वर्ष के वीजमैन पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के हैं, और आरएनएआइ शोध के लिए पेन इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर और निदेशक हैं।

हालांकि आलोचकों का कहना है कि जिन एमआरएनए टीकों को विकसित करने में उन्होंने मदद की, उनका उपयोग शुरू में मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका और पूरे यूरोप में कोविड-19 को बंद करने के लिए किया गया।

अमीर देशों में टीकाकरण शुरू होने के महीनों बाद गरीब देशों को केवल थोड़ी मात्रा में शॉट्स उपलब्ध कराए गए थे।

अन्य आलोचकों ने टीकों के कथित दुष्प्रभावों का भी हवाला दिया है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर में एमआरएनए शॉट्स को शुरू करने का पूरा समर्थन किया है।

पुरस्कार में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर या 1 मिलियन डॉलर का नकद राशि शामिल है – जो पुरस्कार के निर्माता, स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल द्वारा छोड़ी गई वसीयत है।

पुरस्कार विजेता नोबेल की मृत्यु की सालगिरह पर, 10 दिसंबर को समारोह में अपने पुरस्कार प्राप्त करेंगे।

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03 October 2023, 16:22