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मध्य पूर्व में युद्ध: हमास के हमले में किबुत्ज़ का दृश्य मध्य पूर्व में युद्ध: हमास के हमले में किबुत्ज़ का दृश्य  (ANSA)

दानिएल की कहानी : 'हमारे किबुत्ज में नर्क फूट पड़ा, हम शांति चाहते हैं

निर यित्ज़ाक किबुत्ज के एक निवासी की गवाही, जिस पर 7 अक्टूबर को हमास द्वारा हमला किया गया था और वे शांति की आशा करते हैं: "सभी फिलिस्तीनी हमास नहीं हैं; कई लोग शांति से रहना चाहते हैं।"

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 24 अक्टूबर 2023 (रेई) : निर यित्ज़ाक किबुत्ज के एक निवासी की गवाही, जिस पर 7 अक्टूबर को हमास द्वारा हमला किया गया था और वे शांति की आशा करते हैं: "सभी फिलिस्तीनी हमास नहीं हैं; कई लोग शांति से रहना चाहते हैं।"

"शनिवार को, जब हम सो रहे थे, 6:30 बजे, सायरन और लोहे के गुंबदवाली मिसाइलों की आवाज से जाग गए। तुरंत, हमेशा की तरह जब ऐसा हुआ, हम; मेरी पत्नी, मैं, मेरे बच्चे, और यहाँ तक कि हमारे दो कुत्ते भी, अपने सुरक्षित कमरे में भाग गए और इसके बीतने का इंतजार करने लगे। मैंने सोचा कि यह हमेशा की तरह होगा, एक बार शांति लौटने पर, हम कुछ मिनटों के बाद बाहर निकल सकेंगे... लेकिन हमने जितनी मिसाइलें सुनीं, उसके कारण यह समय सामान्य से अलग था।"

मूल रूप से रोम के निवासी 48 वर्षीय दानिएल लानतेरनारी 7 अक्टूबर की उस भयानक सुबह को याद करते हैं, जिस दिन कट्टरपंथी हमास समूह ने इज़राइल पर हमला किया था। दानिएल गाजा पट्टी के पास नीर यित्ज़ाक के किबुत्ज में थे, जहाँ वे अपनी पत्नी और 15, 12 और 9 साल के तीन बच्चों के साथ रहते हैं। उन्होंने वाटिकन न्यूज को उस भयंकर घटना के बारे में बताया जिसको उसने तीन सप्ताह पहले अनुभव किया था।

दानिएल, क्या आप हमें 7 अक्टूबर के अपने अनुभव के बारे में बता सकते हैं?

हमने सायरन की आवाज सुनी और अपने आपको सुरक्षित कमरे में बंद कर लिया, जहाँ हमने कई घंटे बिताये। अपने दोस्तों से हमें पता चला कि गाजा पट्टी के उत्तरी हिस्से में घुसपैठ हुई थी, और हमने सोचा कि यह उसी स्थान तक सीमित है।

जब चीजें थोड़ी शांत हुईं, तो मैं अपने सबसे बड़े बेटे को बाथरूम ले गया और खिड़की से मैंने लगभग पंद्रह आतंकवादियों को गाजा पट्टी की दिशा से नहीं, बल्कि किबुत्ज प्रवेश द्वार से प्रवेश करते देखा। कोई भी उम्मीद नहीं कर रहा था कि आतंकवादी कार से घुस आयेगा; हम सोच रहे थे कि वे पट्टी की दिशा से पैदल आयेंगे। इसके बजाय, वे सीधे किबुत्ज गेट से प्रवेश कर गए जहाँ मेरा घर स्थित है... मैं बस उन्हें देखता रहा क्योंकि मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि यह वास्तविक था। जब वे हमारे घरों में ड्रिलिंग करने लगे और बंदुक से गोलीबारी करने लगे, तभी मैं उस फिल्म से बाहर निकला जो मैं देख रहा था। इसलिए, हम तुरंत अपने सुरक्षित कमरे में वापस भाग गए, धातु की खिड़की और दरवाजे सहित सब कुछ बंद कर दिया, ताकि कोई भी प्रवेश न कर सके। हमने तुरन्त पड़ोस के अपने मित्रों को सब कुछ बंद करने की सलाह दी। मेरा पड़ोसी, अपने दो वर्ष के जुड़वे बच्चों के साथ बच गया क्योंकि आतंकवादी तुरंत हमारे घरों पर पहुंचे और गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने उसके शयनकक्ष में एक हथगोला भी फेंका। उन्होंने हमारी धातु की खिड़की खोलने की भी कोशिश की। मैंने अपने बच्चों को सांत्वना देते हुए कहा कि सब कुछ ठीक है, हम अपने सुरक्षित कमरे में हैं, लेकिन अंदर मैं ठिठुर रहा था। मुझे पता था कि अगर मैंने खिड़की खोली होती तो अंत हो जाता। मुझे चैट संदेशों से पता था कि आतंकवादी वहाँ थे, लेकिन मैंने हमारे किबुत्ज और अन्य में इतने सारे आतंकवादियों की उम्मीद नहीं की थी।

तो, आपका परिवार सुरक्षित है?

मेरी पत्नी, बच्चे और मैं सौभाग्य से सुरक्षित बचे। 1-2 घंटे बाद आतंकी हमारे घर में भी घुस आए और सब कुछ चुराने लगे, लेकिन हमें इसकी कोई परवाह नहीं है। जब वे घर के अंदर थे, आतंकवादियों का एक और समूह हमारे घर के पीछेवाले घर में घुस गया और हमने चीखें सुनीं। अब हम जानते हैं कि उन्होंने उस परिवार के सभी पांच सदस्यों को पकड़ लिया था। हम बच गये, लेकिन नहीं जानते कि किस तरह...उन्होंने द्वार पर दस्तक दी और यदि वे चाहते तो अंदर घुस सकते थे। एक बार जब मैं 12-13 घंटों के बाद सैनिकों के आने पर वहां से निकला, तो मुझे घर के बाहर गोलियों के गोले और यहां तक कि छत पर रॉकेट भी मिले। अगर उन्होंने हमारे सुरक्षित कमरे के दरवाजे के खिलाफ एक रॉकेट का इस्तेमाल किया होता, तो उन्हें कोई नहीं रोक सकता था। वे अंदर घुस गये होते और वही किया होता जो उन्होंने दुर्भाग्य से अन्य स्थानों पर किया।

कृपया अपने किबुत्ज़ के बारे बताईये?

निर यित्ज़ाक में, लगभग 580 लोग हैं। अन्य किबुत्ज़िम की तुलना में, हम "भाग्यशाली" थे। हमने चार लोगों को खो दिया जिनकी पहचान पहले ही हो चुकी है। आठ अन्य को पकड़ लिया गया। हालाँकि मैं जानता हूँ कि दूसरों को क्या सहना पड़ा है।

क्या आप अभी सुरक्षित स्थान में हैं?

गाजा पट्टी के पास के अन्य समुदायों की तरह, हमें अपने घरों से दूर स्थानों पर ले जाया गया। बेशक, अब कोई खतरा नहीं है, लेकिन आगे एक लंबा सफर है। बच्चे रह-रहकर अपने सहपाठियों, मित्रों, वॉलीबॉल या फुटबॉल साथियों को खोने का अनुभव करते हैं और यह भी कि उनके शिक्षक अब उनके साथ नहीं हैं। तो, हाँ, हम बच गए हैं, लेकिन मनोवैज्ञानिक पहलू का इलाज अभी भी बाकी है, खासकर हमारे बच्चों के लिए।

हमले के पूर्व किबुत्ज का जीवन कैसा था?

किबुत्ज के निवासियों का एक बहुत छोटा समुदाय है, जिनमें अधिकतर कृषक हैं। भले ही हम रेगिस्तान में हैं, हमारे पास आलू, गाजर, मूंगफली, कपास, नींबू आदि के खेत हैं। हमारे पास दूध के लिए गायें हैं, और हम मुर्गियाँ पालते हैं। इसलिए, शहर की तुलना में यह बहुत अलग जीवन है। जब बच्चे हमारा घर छोड़ते हैं, तो वे एक विस्तृत परिवार में होते हैं। उनके लिए, बाइक चलाने, तैरने, किबुत्ज चिड़ियाघर का दौरा करने, आलू चुनने के लिए खेतों में जाने की आजादी है। कुछ लोग किबुत्ज के अंदर काम करते हैं, और अन्य लोग बाहर काम करते हैं। समय के साथ दृष्टिकोण थोड़ा बदल गया है, लेकिन हमारे बीच अभी भी कई चीजें समान हैं: हम वाहन साझा करते हैं, उदाहरण के लिए - जिनके पास कार नहीं है वे किबुत्ज कार का उपयोग कर सकते हैं; वहाँ एक सामुदायिक भोजन कक्ष है, और छुट्टियों के दौरान, जरूरतमंदों को जितना दिया जा सकता है, उससे अधिक प्राप्त होता है। इसलिए, हम एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं, और यह जीवन का बहुत अधिक आरामदायक तरीका है।

मान लीजिए कि हम अपनी वास्तविकता को अपना स्वर्ग मानते हैं: 95% समय, हम स्वर्ग में रहते हैं, लेकिन 5% समय यह नर्क है। आम तौर पर मिसाइल हमले ही खतरनाक होते हैं, लेकिन इस बार तो हद ही पार हो गई। ऐसा नहीं है कि मिसाइलें कोई स्वीकार्य चीज हैं, लेकिन एक प्रकार से हम इनके आदी हो गए थे; हम जानते हैं कि अपना बचाव कैसे करना है। पर इस बार अलग था।

मैं कल्पना कर सकती हूँ कि आप बंधक से छुड़ाये जाने एवं शांति के लिए प्रार्थना कर रहे थे?  

शांति दोनों पक्षों के सभी लोगों के लिए सबसे अच्छी चीज है। अगर शांति होती तो हम भी अच्छे होते और फिलिस्तीनी भी अच्छे होते क्योंकि ऐसे फिलिस्तीनी हैं जो शांति चाहते हैं, जो शांति से रहना चाहते हैं। हमास फिलिस्तीनी नहीं है, और फिलिस्तीनी हमास नहीं हैं। ऐसे फिलिस्तीनी भी हैं जो हमारी तरह रहना चाहते हैं। दरअसल, जब हमास घुसे तो उन्होंने न सिर्फ यहूदियों को मारा, बल्कि बेडौंस (खानाबदोश) को भी मारा क्योंकि वे उन सभी लोगों को मारते हैं जो उनसे अलग होते हैं।

आपकी क्या उम्मीद है?

मैं चाहूँगा कि यूरोप वास्तव में समझे कि हम किसके साथ लेन-देन कर रहे हैं। जो हुआ उसे समझाने के लिए शब्द नहीं हैं। जो लोग बात नहीं करना चाहते, उनसे बात करना थोड़ा मुश्किल है।"

 

 

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24 October 2023, 10:54