बंगाल की खाड़ी में एक नाव पलटने से सैकड़ों रोहिंग्या शरणार्थी डूब गए
वाटिकन न्यूज
एक बचाव अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि म्यांमार से रोहिंग्या आप्रवासियों के एक समूह को ले जा रही एक नाव बंगाल की खाड़ी में पलट गई, जिससे 17 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 अन्य लोग लापता हैं।
अज्ञात कारण
श्वे यांग मेट्टा फाउंडेशन के महासचिव ब्यार ला के अनुसार, पिछले सप्ताह के अंत में जब नाव म्यांमार के पश्चिमी राज्य रखाईन में स्थित बुथिदौंग से निकली तो नाव पर लगभग 55 लोग सवार थे। ।
उन्होंने कहा कि घटना रखाईन की राजधानी सितवे के निकट हुई लेकिन नाव पलटने का समय और कारण अज्ञात हैं।
महासचिव ने कहा कि सोमवार और बुधवार के बीच सितवे में तट पर लापता शवों की खोज में दस महिलाओं सहित 17 शव बरामद हुए हैं, जबकि म्यांमार के सुरक्षा बल आठ बचे लोगों को ले गए।
रोहिंग्या अत्याचार
मुस्लिम अल्पसंख्यक रोहिंग्या को अगस्त 2017 से ही बौद्ध-बहुल म्यांमार में प्रताड़ित किया जा रहा है, जब सेना ने एक विद्रोही समूह के हमलों के जवाब में अल्पसंख्यक के खिलाफ निकासी अभियान शुरू किया था।
म्यांमार ने अधिकांश रोहिंग्याई लोगों की नागरिकता को अस्वीकार कर दिया गया है। उन्हें आवागमन की स्वतंत्रता और शिक्षा सहित अन्य अधिकारों से भी वंचित किया जाता है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रखाइन में रोहिंग्याओं की जीवन स्थितियों की तुलना "रंगभेद" से की है।
एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, 7 लाख से अधिक रोहिंग्या म्यांमार से भाग गए हैं, जबकि 1 लाख अभी भी म्यांमार में रह रहे हैं, जो बांग्लादेश की सीमा के उस पार दयनीय स्थिति में भीड़-भाड़वाले शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।
खतरनाक यात्राएँ
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) द्वारा उपलब्ध कराए गए जनवरी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 39 जहाजों पर 3,500 से अधिक रोहिंग्या ने अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी को पार करने का प्रयास किया था।
वे अक्सर मलेशिया और इंडोनेशिया की खतरनाक यात्राएँ करते हैं ताकि जीने की बेहतर स्थिति पा सकें।
पोप फ्राँसिस का सामीप्य
संत पापा फ्राँसिस ने प्रताड़ित रोहिंग्या समुदाय के प्रति अपना सामीप्य एवं सहानुभूति प्रकट की है। 2017 में संत पापा ने बंगलादेश में शरणार्थियों से मुलाकात की थी, उनकी कहानियों को सुना था तथा दुनिया की ओर से माफी मांगी थी जो उनके प्रति उदासीन रही है।
उन्होंने कहा था, “ईश्वर की उपस्थिति जो आज रोहिंग्या पुकारे जाते हैं, हम में से प्रत्येक उन्हें अपने-अपने तरीके से उत्तर दें।”
फरवरी 2018 को संत पापा फ्राँसिस ने बंगाल के प्रधानमंत्री शेख हसिना से मुलाकात की थी तथा उन्हें म्यांमार के रखाईन प्रांत के शरणार्थियों का स्वागत करने के लिए धन्यवाद दिया था।
हाल ही में, 28 मई 2023 को स्वर्ग की रानी प्रार्थना के दौरान संत पापा ने मानवीय सहायता की पहुँच देखनेवाले अधिकारियों से बंगाल की खाड़ी में चक्रवात मोचा से प्रभावित लोगों को सहायता पहुंचाने की सुविधा देने की अपील की थी, जिसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया था कि म्यांमार में हिंसा से भागनेवाले करीब 8 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति कैसी है और "अनिश्चित परिस्थितियों" में बांग्लादेश पहुंचनेवालों को मदद की जरूरत है।
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