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इक्वाडोर के राष्ट्रपति लासो क्विटो में एक घोषणा करते हैं इक्वाडोर के राष्ट्रपति लासो क्विटो में एक घोषणा करते हैं 

इक्वाडोर के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय विधानसभा को भंग कर दिया

इक्वाडोर के राष्ट्रपति ने देश की विपक्ष के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय विधानसभा को भंग कर अपने खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही को समाप्त कर दिया। वे छह महीने तक शासन करेंगे, जब तक कि नए चुनाव देश के भविष्य का फैसला न कर ले।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

क्विटो इक्वाडोर, शनिवार 20 मई 2023 (वाटिकन न्यूज) : कंज़र्वेटिव राष्ट्रपति गुइलेर्मो लेस्सो ने विपक्ष के नेतृत्व वाली नेशनल असेंबली को भंग कर अपने खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही को समाप्त कर दिया।

विपक्ष ने राष्ट्रपति पर गबन का आरोप लगाया था और एक वोट के बाद उन पर महाभियोग चलाने का इरादा रखते थे। हालांकि, लास्सो ने आरोपों से इनकार किया था। लासो, एक चतुर राजनीतिक दिग्गज ऐसा कभी नहीं होने देंगे। इसलिए, उन्होंने अपना राजनीतिक तुरुप का पत्ता खेला और अशांत राष्ट्रीय विधानसभा को भंग कर दिया।

साथ ही सभी आरोपों को नकारते हुए जोर देकर कहा कि वे राजनीति से प्रेरित हैं। उनका तर्क है कि राजनीति से प्रेरित अभियान को रोकने के लिए उनकी नवीनतम कार्रवाई आवश्यक थी।

और यह वास्तव में मामलों को स्पष्ट करेगा, क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव और राष्ट्रीय विधानसभा के चुनाव अगस्त में होंगे। इसलिए, यह लोगों को पहले निर्णय लेने का अवसर देगा।

विपक्ष ने इक्वाडोर के संवैधानिक न्यायालय का रुख किया था ताकि राष्ट्रपति लैस्सो की कार्रवाई को आदेश से बाहर कर दिया जाए और निशान को पार कर लिया जाए।

लेकिन राट्रपति ने उनकी चुनौती को अस्वीकार कर सर्वसम्मति से मतदान कराने का निर्णय लेकर उन्हें निराश किया। उन्होंने यह तर्क दिया कि राजनीतिक संकट को वास्तव में क्या परिभाषित करता है, यह तय करने का अधिकार क्षेत्र नहीं है। लासो के समर्थकों का कहना है कि यह उनके निर्णय और विवेक पर निर्भर है।

विपक्षी राजनेताओं का कहना है कि आम सहमति पर भरोसा करते हुए इसे विपरीत होना चाहिए।

राष्ट्रपति की घोषणा के तुरंत बाद, दक्षिण अमेरिकी देश के शीर्ष सैन्य अधिकारी ने चेतावनी दी कि देश में यदि कोई हिंसा भड़की तो सशस्त्र बल "दृढ़ता से" निपटेंगे। उनकी घोषणा के बाद, राजधानी क्विटो में नेशनल असेंबली के पास सैन्य और पुलिस अधिकारियों के एक दल ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया।

लास्सो ने नेशनल असेंबली पर "सरकार को अस्थिर करने" का आरोप लगाया। उन्होंने अपने कदम को "लोकतांत्रिक" और "लोगों को अगले चुनाव में अपना भविष्य तय करने की शक्ति" देने का एक तरीका बताया।

गौरतलब है कि सांसदों ने लास्सो पर सरकार के स्वामित्व वाली तेल परिवहन कंपनी और एक निजी टैंकर कंपनी के बीच एक अनुबंध को समाप्त करने के लिए हस्तक्षेप न करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि लास्सो को पता था कि कंपनियों के बीच का अनुबंध अनियमितताओं से भरा था और इससे सरकार को लाखों का नुकसान होगा।

लास्सो एक पूर्व बैंकर है। उन्हें 2021 में राष्ट्रपति चुना गया था। 137 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में शुरुआत से ही विपक्ष के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं रहे। विपक्ष के आरोपों के बाद मंगलवार को उन्होंने अपना बचाव किया और कहा कि उनके खिलाफ लगाए जा रहे आरोपों को लेकर विपक्ष के पास कोई सबूत नहीं है।

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20 May 2023, 16:53