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अफ्रीका: मानव जाति के लिए एक वरदान

अफ्रीका दिवस, 25 मई 1963 को अफ्रीकी एकता संगठन (अब अफ्रीकी संघ से जाना जाता है) की स्थापना की याद दिलाता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 26 मई 2023 (वाटिकन न्यूज) : 25 मई अफ्रीका दिवस का उद्देश्य प्रतिकूलता के खिलाफ महाद्वीप के निरंतर सामूहिक संघर्ष को उजागर करना है। अफ्रीका बाधाओं के बावजूद कितना प्रगति किया है और यह पहचानने के लिए कि अपने सभी बच्चों के लिए न्याय और शांति सुनिश्चित करने के लिए और कितना कुछ करने की आवश्यकता है।

कॉमबोनी मिशनरी पुरोहित और अफ्रीका विशेषज्ञ फादर जूलियो अल्बनीस ने वाटिकन रेडियो से बात की और अफ्रीका के उपहारों, मानवता की परस्पर संबद्धता और मानव जाति की सामान्य नियति पर विचार किया।

उन्होंने कहा, "मेरा दृढ़ विश्वास है कि अफ्रीका वास्तव में मानव जाति के लिए एक वरदान है, क्योंकि अफ्रीका एक महाद्वीप है जिसमें हजारों संभावनाएं हैं, एक प्रकार का पैतृक ज्ञान का भंडार है और यह बिल्कुल भी गरीब नहीं है। यह एक गरीब महाद्वीप नहीं है, बल्कि इसे निर्धन बनाया गया है।"

उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि जंगलों का शोषण, विशेष रूप से कच्चे माल को लूट लिया गया है। इसका मतलब, "असली जरूरत न्याय है।"

फादर अल्बनीस ने आगे कहा कि विदेशी शक्तियों को नागरिक समाज में, संघों में, आंदोलनों में, लोगों के समूहों में वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए निवेश करना चाहिए। "दूसरे शब्दों में, हमें अफ्रीका को सकारात्मक तरीके से देखना होगा।"

एक महाद्वीप का भविष्य 

मिशनरी पुरोहित ने कहा, “अफ्रीका जनसांख्यिकीय कारणों से भी भविष्य की ओर अनुमानित है। यह एक युवा महाद्वीप है: हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा कि जनसंख्या, महाद्वीप की पूरी आबादी, वर्तमान समय में, एक अरब, चार सौ मिलियन लोग हैं। इसका अर्थ है कि यह महाद्वीप दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है और औसत आयु लगभग 20 वर्ष की है।”

यह यूरोप से बहुत बड़ा अंतर है।

"इसका मतलब है कि यह एक बहुत ही युवा महाद्वीप है और अगर हम यूरोप के साथ तुलना करें, तो एक वास्तविक अंतर है।"

एक सामान्य नियति

फादर अल्बनीस ने अपनी बातों के विराम देते हुए कहा, "वर्ष 2050 तक, अफ्रीका की आबादी 2 अरब 50 करोड़ लोगों की होगी, जबकि यूरोप पूरी दुनिया की आबादी का 5% से भी कम होगा।"

वे पुष्टि करते हुए कहते हैं, "यह स्पष्ट है कि हम सभी जुड़े हुए हैं। मुझे लगता है कि इस अवसर पर जो संदेश दिया जाना चाहिए वह यह समझना है कि हमारी एक सामान्य नियति है।"

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26 May 2023, 17:47