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येरूसालेम में खजूर रविवार,येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष पियरबतिस्ता पित्साबल्ला ने समारोह का अनुष्ठान किया येरूसालेम में खजूर रविवार,येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष पियरबतिस्ता पित्साबल्ला ने समारोह का अनुष्ठान किया  (AFP or licensors)

येरूसालेम के प्राधिधर्माध्यक्ष : विभाजन का जवाब विश्वास एवं एकता से दें

येरूसालेम के गिरजाघरों और ख्रीस्तियों के धार्मिक प्रतीकों पर हमले समेत शहर में कई दिनों से जारी हिंसक घटनाओं के बाद येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष ने एकता का आह्वान किया है। पवित्र भूमि में उथल-पुथल के बीच, येरूसालेम के लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष पियरबतिस्ता पित्साबल्ला ने विश्वासियों को हतोत्साहित या भयभीत नहीं होने और विभाजन का मुकाबला, एकता बनाये रखने के द्वारा करने का आह्वान किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

येरूसालेम के माऊंड ओलिव (जैतून पहाड़) पर खजूर रविवार के प्रोसेशन के दौरान प्राधिधर्माध्यक्ष ने पर्व, प्रार्थना एवं सहभागिता के दिन पर फिलीस्तीन एवं इस्राएल के सभी पल्लियों का स्वागत किया।   

उन्होंने कहा, “लोकधर्मी, धर्मसमाजी, पुरोहित, धर्माध्यक्ष, विभिन्न कलीसियाओं के ख्रीस्तीय, हम सभी येसु के नाम पर एक साथ आनन्द मना रहे हैं, जो सबसे सुन्दर नाम है, जिसकी घोषणा करने और मनाने का कभी अंत नहीं होगा।"

उन्होंने रेखांकित किया कि "ख्रीस्त में एकजुट होना, हमें नई शक्ति देता है" और "हमारे दिलों में जोश भरता है" और हमें "एक बार फिर, येरूसालेम से, दुनिया भर में प्रेम, स्वतंत्रता और जीवन की इस घोषणा को ले जाने के लिए, सक्षम बनाता है जैसा कि दो हजार साल पहले लोगों ने किया था।"

नहीं डरें

प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा, “इन सब के बावजूद येरूसालेम यह अनुभव दे रहा है। यह न केवल एक संघर्ष, विभाजन, राजनीतिक एवं धार्मिक तनाव, कब्जे और बहिष्कार, बल्कि मुलाकात, विश्वास, प्रार्थना, आनन्द, एकता और सहभागिता का स्थान भी है।”

उन्होंने खेद प्रकट किया कि पिछले दिनों इस शहर में कई हिंसक घटनाएँ हुईं जिसमें गिरजाघर और ख्रीस्तीय प्रतीकों पर भी हमले हुए।

उन्होंने कहा, “लेकिन हमें उन लोगों से नहीं डरना चाहिए जो विभाजित करते, जो बहिष्कृत करना चाहते अथवा इस पवित्र शहर की आत्मा पर कब्जा करना चाहते हैं।"

“वे कभी सफल नहीं होंगे क्योंकि पवित्र शहर हमेशा सभी लोगों के लिए प्रार्थना का घर बना रहेगा।”

लातीनी प्राधिधर्माध्यक्ष ने जोर दिया कि कोई भी इसपर व्यक्तिगत रूप से कब्जा नहीं कर पायेगा। “जैसा कि मैं बार-बार कहता आ रहा हूँ, हम इस शहर के हैं और कोई भी हमें इसके प्रेम से अलग नहीं कर सकता, उसी तरह जिस तरह ख्रीस्त के प्रेम से हमें कोई अलग नहीं कर सकता।"

“जो लोग बांटना चाहते हैं, हम उन्हें एकता के निर्माण करने की चाह के साथ जवाब देंगे। जो लोग घृणा और बदले की भावना व्यक्त करते हैं, हम उन्हें प्रेम की चंगा करने की शक्ति के साथ जवाब देंगे। और जो हमें बहिष्कृत करना चाहते हैं हम उन्हें मुलाकात एवं स्वागत करने की चाह के साथ जवाब देंगे।"

कभी नहीं छोड़ना

“हम उस चीज के लिए अपने प्रेम को कभी कम नहीं होने देंगे जिसका प्रतिनिधित्व ये शहर करता है : यह ख्रीस्त की मृत्यु और उनके पुनरूत्थान का शहर है, यह मेल-मिलाप का स्थान है, यह प्रेम की जगह है जो बचाता और दर्द एवं मृत्यु के घेरे से बाहर निकालता है।”

उन्होंने कहा, “येरूसालेम की कलीसिया के रूप में यह हमारा भी मिशन है कि हम निर्माण करें, एकता बनाये रखें, घेरे को तोड़ें, आशा बनाये रखें, किसी भी प्रकार के भय के बंधनों से मुक्त जीवन जीने के तरीके के लिए शांत दृढ़ता के साथ गवाही दें।"

बदले के लिए कोई स्थान नहीं

उन्होंने कहा, “इसलिए हमारे हृदय में घृणा और बदले की भावना के लिए कोई स्थान नहीं है। "हम घृणा या तिरस्कार नहीं करना चाहते। ख्रीस्त का प्रेम जिसने हमें जीत लिया है, किसी भी विपरीत अनुभव से अधिक मजबूत है। और यह हमारी ताकत है, और बनी रहेगी; हमारी बहुत सी सीमाओं के बावजूद हमारा साक्ष्य हमेशा रहेगा।"

"हम निराश न हों। हम हिम्मत न हारें। आइए, हम उम्मीद न खोएँ। और आइए हम भयभीत न हों, बल्कि आत्मविश्वास से ऊपर देखें और एक बार फिर से ख्रीस्त के प्रेम की शक्ति में दृढ़ विश्वास के साथ, शांति और एकता के प्रति अपनी ईमानदार और ठोस प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करें।”

हमारे लिए ईश्वर का प्यार

उन्होंने कहा कि ख्रीस्त का क्रूस "हमारे लिए ईश्वर के प्रेम का पैमाना" है, इसके पीछे हम अपने मेहनत, दुःखों और अकेलेपन को ढोयेंगे, लेकिन एक बार फिर ख्रीस्त के प्रेम का अनुभव करने की हमारी इच्छा भी है।

प्राधिधर्माध्यक्ष ने प्रार्थना की कि “यह क्रूस हमेशा हमारा साथ दे, हमारी परेशानियों में हमारा साथ दे, हमारे रास्ते को आलोकित करे एवं पुनर्जीवित ख्रीस्त के साथ मुलाकात करने के लिए हमें खोल दे।”

उन्होंने सभी को “पुण्य सप्ताह” की शुभकामनाएँ अर्पित की।

 

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04 April 2023, 16:39