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म्यांमार में सैन्य शासन के विरोध में प्रदर्शन म्यांमार में सैन्य शासन के विरोध में प्रदर्शन  (AFP or licensors)

म्यांमार: नेता सान सू की पार्टी सहित 40 पार्टियाँ भंग

फरवरी 2021 में सत्ता संभालने वाले सैन्य जुंटा के नए चुनावी कानून के अनुसार, राजनीतिक पार्टियों को 28 मार्च तक कुछ शर्तों के अधीन पंजीकरण कराना था। आंग सान सू की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने चुनावों को एक तमाशा बताते हुए पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह अगले चुनावों के लिए खुद को पेश नहीं करेगी।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

म्यांमार, बुधवार 29 मार्च 2023 (वाटिकन न्यूज) : म्यांमार में सैन्य सरकार जुंटा ने आंग सान सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेटिक (एनएलडी) पार्टी सहित 40 पार्टियों को भंग कर दिया है। सेना ने बताया कि ये पार्टियां नए चुनावी कानून के तहत रजिस्टर करने में विफल रही हैं। मंगलवार रात स्टेट मीडिया म्यावाडी टीवी ने बताया कि देश में 63 पार्टियों ने स्थानीय या राष्ट्रीय स्तर पर रजिस्ट्रेशन करवाया है। वहीं करीब 40 पार्टियों ने डेडलाइन तक चुनाव के लिए साइन-अप नहीं किया, जिसके बाद इन्हें भंग घोषित किया गया।

पार्टियां भंग होने के बाद संयुक्त राष्ट्र  ने म्यांमार में लोकतंत्र बहाल करने की मांग है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को आंग सान सू की की रिहाई पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हम म्यांमार में लोकतंत्र की वापसी देखना चाहते हैं। हम आंग सान सू की और अन्य लोगों की रिहाई चाहते हैं। हम इस दिशा में काम करना जारी रखेंगे।”

आंग सान की पार्टी बोली- जनता हमारे साथ

आंग सान की पार्टी एनएलडी के वरिष्ठ नेता तुन मिंट ने कहा- पार्टी ऐसे समय में कभी रजिस्टर नहीं करेगी जब हमारे ज्यादातर नेता या तो जेल में हैं और क्रांति में शामिल हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सेना ने हमारी पार्टी को भंग कर दिया है। हमारे पास जनता का समर्थन है और हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। वहीं सेना द्वारा आतंकवादी घोषित नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट (एनयूजी) ने कहा- सेना को दिखावे का चुनाव कराने का कोई अधिकार नहीं है।

इंटरनेशनल क्राइसिस पार्टी बोली- चुनाव देश के लिए खतरानाक

इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप के एडवाइजर रिचर्ड होर्से ने कहा- म्यांमार में सैन्य शासन नेशनल इलेक्शन की तैयारी कर रहा है। ये देश के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। देश की जनता सैन्य शासन के चलते गुस्से में है। वो सैन्य शासन को और मजबूत करने के लिए हो रहे चुनाव का विरोध कर रही है। ऐसे में अगर उन पर चुनाव थोपे गए तो ये म्यांमार में अब तक का सबसे खूनी संघर्ष होगा।

2 साल पहले सेना ने किया था तख्तापलट

म्यांमार में सेना ने 1 फरवरी 2021 को तख्तापलट कर दिया था। वहां की लोकप्रिय नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद सेना अध्यक्ष जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। सेना ने देश में 2 साल के आपातकाल की घोषणा की थी।

 

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29 March 2023, 15:30