खोज

कहारनमारस में बड़े भूकंप के बाद बचाव कार्य जारी है कहारनमारस में बड़े भूकंप के बाद बचाव कार्य जारी है  (ANSA)

तुर्की-सीरिया भूकंप में 8,000 से अधिक मारे गए

मलबे में दबे लोगों को बचाने के लिए बचावकर्मी दिन-रात काम कर रहे हैं, मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

इस्तांबुल, बुधवार 8 फरवरी 2023 (वाटिकन न्यूज) : तुर्की के राष्ट्रपति ने 5,000 से अधिक लोगों की जान लेने और हजारों इमारतों को नष्ट करने के बाद विनाशकारी भूकंपों से त्रस्त 10 प्रांतों को एक आपदा क्षेत्र घोषित किया है।

राज्य टीवी पर दिए गए एक भाषण में, तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगान ने कहा कि 70 देशों ने खोज और बचाव कार्यों में मदद की पेशकश की और तुर्की ने तबाही से प्रभावित लोगों को अस्थायी रूप से आवास देने के लिए अंताल्या में होटल खोलने की योजना बनाई।

तुर्की और सीरिया में सोमवार को आए शक्तिशाली भूकंप से अब तक 8300 लोगों की मौत हो चुकी है। तुर्की में 5,894 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि 34,810 लोग घायल हैं। वहीं सीरिया में 2100 लोगों की जान गई है। तुर्की और सीरिया में भूकंप से करीब 11000 इमारतें तबाह हो गई हैं। तुर्की में 8000 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। यहां 55000 से ज्यादा बचावकर्मी रेस्क्यू में जुटे हुए हैं।

तुर्की में बर्फबारी भी जारी है. ऐसे में यहां रेस्क्यू अभियान में काफी दिक्कत हो रही है. इतना ही नहीं खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर की भी लैंडिंग नहीं हो पा रही है. ऐसे में तमाम मदद प्रभावित इलाकों में सड़क के रास्तों से पहुंच रही है. भूकंप से तुर्की-सीरिया कॉरिडोर भी तबाह हो गया है। ऐसे में सड़क के रास्ते सीरिया तक मदद नहीं पहुंच पा रही है

रिपोर्टों के अनुसार, 450 किमी में फैले क्षेत्र में लगभग 13.5 मिलियन लोग भूकंप से प्रभावित हुए थे। इस क्षेत्र में बहुत ठंड है और लगातार झटकों और क्षतिग्रस्त सड़कें भूकंप से प्रभावित लोगों तक पहुंचने और बचाव के प्रयासों में बाधा बन रही हैं। रात भर, लगभग 3,000 लोगों ने बिना गर्म किए ट्रेन के डिब्बे में शरण ली।

इस बीच, सीरिया और तुर्की दोनों में हजारों इमारतों के ढहने के बाद मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचावकर्मी काम कर रहे हैं।

जैसा कि तबाही का पैमाना सामने आना जारी है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि हताहतों की संख्या 20,000 से अधिक हो सकती है।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र, नाटो, और यूनाइटेड किंगडम, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन और ग्रीस की सरकारों से इस क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय सहायता भेजी जा रही है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

08 February 2023, 16:20