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अफ़गानिस्तान के काबूल स्थित एक अनाथ आश्रम के बच्चों का दृश्य अफ़गानिस्तान के काबूल स्थित एक अनाथ आश्रम के बच्चों का दृश्य  

दुनिया में भूख से पीड़ित लोगों की संख्या 57% बढ़ी

अमरीका स्थित सेव द चिल्ड्रन नामक लोकोपकारी संगठन की रिपोर्ट में कहा गया कि विगत तीन वर्षों में दुनिया में भूख से पीड़ित लोगों की संख्या में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भुखमरी का सामना करनेवाले देशों में सर्वाधिक गम्भीर स्थिति अफ़गानिस्तान एवं यमन की बताई गई।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

सं.रा.अमरीका, शुक्रवार, 30 दिसम्बर 2022(रेई, वाटिकन रेडियो): अमरीका स्थित सेव द चिल्ड्रन नामक लोकोपकारी संगठन की रिपोर्ट में कहा गया कि विगत तीन वर्षों में दुनिया में भूख से पीड़ित लोगों की संख्या में 57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भुखमरी का सामना करनेवाले देशों में सर्वाधिक गम्भीर स्थिति अफ़गानिस्तान एवं यमन की बताई गई।      

एक प्रेस विज्ञप्ति में रिपोर्ट का खुलासा कर सेव द चिल्ड्रन ने बताया कि  2019 के बाद से, भोजन की अत्यधिक कमी से ग्रस्त लोगों में दो करोड़ 53 लाख लोग और जुड़ गये हैं जिससे भुखमरी का सामना करने वाले लोगों की संख्या में लगभग 57% की वृद्धि दर्ज़ की गई है। साथ ही, अफगानिस्तान और यमन उन 8 देशों में सबसे अधिक प्रभावित देश हैं जो वैश्विक खाद्य संकट का सामना दूसरों की तुलना में अधिक कर रहे हैं।

निवेश की मांग

सेव द चिल्ड्रन संगठन ने बड़े पैमाने पर नुकसान से बचने के लिए धन में तत्काल वृद्धि की मांग की तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि अन्य देशों में भुखमरी के इस तरह के भयावह स्तर का अनुभव न किया जाये, आवश्यक योजनाओं में निवेश की मांग की।   

विगत सौ वर्षों से अधिक समय से बच्चों को स्वस्थ भविष्य प्रदान करने का कार्य करनेवाले संगठन सेव द चिल्ड्रन ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि तीन वर्ष पहले क्षुधा पीड़ित लोगों की संख्या एक करोड़, इकसठ लाख थी जो अब दो करोड़ त्रेपन लाख हो गई है।  

संगठन की रिपोर्ट में कहा गया कि यह अभूतपूर्व खाद्य संकट अधिक से अधिक लोगों को अकाल जैसी स्थिति में धकेल रहा है। अफगानिस्तान, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, हैती, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान और यमन ऐसे देश हैं जहां सबसे अधिक संख्या में लोग भोजन की अत्यधिक कमी का सामना कर रहे हैं।

बच्चे सर्वाधिक प्रभावित

2019 में अफ़गानिस्तान में क्षुधा पीड़ितों की संख्या 25 लाख थी जो अब 66 लाख हो गई है। सेव द चिल्ड्रन की अफ़गानिस्तानी शाखा की निर्देशिका नोरा हासानियन ने कहा कि भोजन पाने के लिये कई लोग अपने बच्चों को बेचने के लिये मजबूर हो जाते हैं। उन्होंने कहा, "अफगानिस्तान में बच्चे कभी-कभी इतने भूखे होते हैं कि वे स्कूल में सीखी गई बातों को याद नहीं रख पाते।"

इसी तरह यमन में 2019 में क्षुधा पीड़ितों की संख्या 36 लाख थी जो अब 60 लाख हो गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि खाद्य संकट का खामियाजा सबसे अधिक बच्चे भुगत रहे हैं। वास्तव में, वे कुपोषण के सर्वाधिक शिकार हैं, जो उनके विकास को अवरुद्ध कर रहा है और कई बार उनकी मृत्यु का कारण बनता है।

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30 December 2022, 11:27