खोज

2022.08.20सेलिया कुनिंगस-सागपक्क (बाएं से दूसरे), धर्माध्यक्ष जर्सडन (बीचमें), पोस्टुलेटर मार्ज पास, और विदेश मंत्री रेइनसालु (दाहिने) 2022.08.20सेलिया कुनिंगस-सागपक्क (बाएं से दूसरे), धर्माध्यक्ष जर्सडन (बीचमें), पोस्टुलेटर मार्ज पास, और विदेश मंत्री रेइनसालु (दाहिने) 

एस्टोनिया: यूरोप में युद्ध के बीच शहीद महाधर्माध्यक्ष का शांति संदेश

एस्टोनिया सोवियत संघ से अपनी स्वतंत्रता के बाद से 31वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर विदेश मंत्रालय ने महाधर्माध्यक्ष एडवार्ड प्रॉफिट्लिच के जीवन पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया है। वाटिकन में एस्टोनिया के राजदूत का कहना है कि शहीद जेसुइट मिशनरी शांति और विश्वास का संदेश देना जारी रखे हुए है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार 23 अगस्त 2022 (वाटिकन न्यूज)  : "आज हम सभी यूरोप के बीचों-बीच रूस के क्रूर आक्रमण को देख रहे हैं। मुझे लगता है कि महाधर्माध्यक्ष प्रॉफिट्लिच का दिया हुआ संदेश हमें आगे बढ़ने की ताकत देता है और हमें सिखाते है कि इस अविश्वसनीय रूप से कठिन और निराशाजनक समय के दौरान विश्वास को कैसे मजबूत बनाया जाए।" उक्त बातों से वाटिकन में एस्टोनिया के राजदूत सुश्री सेलिया कुनिंगस-सागपक्क ने यूक्रेन में वर्तमान युद्ध और 1942 में सोवियत रूस में शहीद हुए काथलिक धर्माध्यक्ष के बीच की समानांतरता को दिखाया।

ईश सेवक महाधर्माध्यक्ष एडवार्ड प्रॉफिट्लिच, एस.जे. 1600 के दशक के बाद से एस्टोनिया में रहने वाले पहले काथालिक धर्माध्यक्ष थे। जर्मन में जन्मे जेसुइट ने एस्टोनिया के प्रेरितिक प्रशासक के रूप में सिर्फ 10 वर्षों से अधिक समय तक सेवा की। उन्हें सोवियत अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था, एक साइबेरियाई जेल में रखा गया था, और मौत की सजा सुनाई गई थी। सजा सुनाए जाने से पहले 22 फरवरी 1942 को एक्सपोजर से उनकी मृत्यु हो गई। वर्तमान में उनकी धन्य घोषणा प्रकिया हेतु वाटिकन में संत प्रकरण विभाग कार्य कर रह है।

शांति का बेहद जरूरी संदेश

वाटिकन न्यूज से बात करते हुए, सुश्री कुनिंगस-सागपक्क ने कहा कि ईश सेवक महाधर्माध्यक्ष प्रॉफिट्लिच ने एस्टोनिया के सोवियत कब्जे के दौरान अपने जीवन के खतरे के बावजूद, लगातार शांति का प्रचार किया।

शनिवार को एस्टोनिया ने सोवियत संघ से स्वतंत्रता का 31वां वर्षगांठ मनाया, जिसे 20 अगस्त 1991 को घोषित किया गया था।

उसने कहा, “अब, जैसा कि दुनिया अपने दूसरे पड़ोसी देश यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को देखती है, यूरोप एक बार फिर "मानवता, हताशा, जीवन की हानि और यूक्रेन में लाखों लोगों की पीड़ा के खिलाफ कृत्यों को देखता है। महाधर्माध्यक्ष प्रॉफिट्लिच के विश्वास और शांति के संदेश की हम सभी को अभी आवश्यकता है।" सुश्री कुनिंगस-सागपक्क ने कहा कि उन्हें खुशी है कि एस्टोनिया में काथलिक कलीसिया उनकी शिक्षाओं को बढ़ावा देना जारी रखी है।

महाधर्माध्यक्ष प्रॉफिटलिच के जीवन पर प्रदर्शनी

राजदूत ने हाल ही में एस्टोनिया और परमधर्मपीठ के बीच राजनयिक संबंधों की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर विदेश मामलों के मंत्रालय में आयोजित एक प्रदर्शनी के उद्घाटन में भाग लिया। प्रदर्शनी महाधर्माध्यक्ष प्रॉफिट्लिच के जीवन पर केंद्रित है।

उनके साथ एस्टोनियाई विदेश मंत्री उर्मास रेन्सालु, एस्टोनिया के प्रेरितिक प्रशासक धर्माध्यक्ष फिलिप जर्सडान और धर्मप्रांतीय पोस्टुलेटर मार्गे पास शामिल थे।

सुश्री कुनिंगस-सागपक्क ने कहा कि प्रदर्शनी "एक ऐसे व्यक्ति की अविश्वसनीय कहानी को उजागर करने  का प्रयास है जिसने हमारे इतिहास में बहुत कठिन समय के दौरान अपनी प्रार्थना और साहस से आत्माओं को बचाने में मदद की।"

जर्मनी से जेसुइट मिशनरी होने के बावजूद, महाधर्माध्यक्ष प्रोफिट्लिच ने एस्टोनियाई बोलना सीखा और उनके उपदेश व्यापक रूप से लोकप्रिय हो गये, जिसमें कई गैर-काथलिक ख्रीस्तीय भी शामिल थे।

"उन्होंने एस्टोनिया में काथलिक कलीसिया की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाई और मेरा मानना ​​है कि धर्माध्यक्ष के योगदान के बिना, काथलिक कलीसिया सोवियत कब्जे में वर्षों तक जीवित नहीं रह पाती।"

अपने झुंड के भाग्य को साझा करना

जब सोवियत संघ ने एस्टोनिया पर कब्जा कर लिया, तो महाधर्माध्यक्ष को जर्मनी लौटने का मौका दिया गया। फिर भी, संत पापा पियुस बारहवें से परामर्श करने के बाद, उसने स्वेच्छा से रहने का फैसला किया। वे भली भांति जानते थे कि उन्हें क्या भुगतना होगा।  

सुश्री कुनिंगस-सागपक्क ने कहा, "एस्टोनियाई समाज के लिए ईश सेवक महाधर्माध्यक्ष प्रॉफिट्लिच का उदाहरण बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से इसलिए कि इतने सारे लोगों के भाग्य को साझा करने का उनका निर्णय तथा आशा और विश्वास देकर सभी की मदद करने का उनका समर्पण भी हमारी आत्मा को छू गया। उन्होंने बहुत ही निराशाजनक समय के दौरान एक शहीद के रूप में, मसीह का साक्षी दी।”

ईश सेवक महाधर्माध्यक्ष एडवर्ड प्रॉफिट्लिच, एस.जे.
ईश सेवक महाधर्माध्यक्ष एडवर्ड प्रॉफिट्लिच, एस.जे.

ठोस राजनयिक संबंध

जैसा कि परमधर्मपीठ और एस्टोनिया औपचारिक राजनयिक संबंधों की शताब्दी को चिह्नित करते हैं, राजदूत ने इस विशेष वर्षगांठ के महत्व पर प्रकाश डाला।

उसने बताया कि परमधर्मपीठ ने सोवियत संघ द्वारा एस्टोनिया के कब्जे को मान्यता देने से इनकार कर दिया, जो 1991 तक चला।"हम हमेशा इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि हम बहुत आभारी हैं - हमेशा के लिए आभारी हैं - कि परमधर्मपीठ ने कभी मान्यता नहीं दी। जैसा कि हमारे विदेश मंत्री ने कहा, यह तथ्य हमारे द्विपक्षीय संबंधों के इतिहास में हमेशा ठंडे अक्षरों में लिखा रहेगा।

सुश्री कुनिंगस-सागपक्क ने कहा कि हाल के दशकों में दो परमाध्यक्षों ने एस्टोनिया का दौरा किया हैं, 1993 में समत पापा जॉन पॉल द्वितीय और 2018 में संत पापा फ्राँसिस- भले ही स्थानीय काथलिक समुदाय "बहुत कम" है, जिसकी संख्या केवल 6,500 है।

परमधर्मपीठ के राजदूत ने "वैश्विक शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए यूरोपीय संघ के सदस्य राज्य की इच्छा व्यक्त करते हुए निष्कर्ष निकाला, क्योंकि यूक्रेन में रूस की आक्रामकता को समाप्त करना निश्चित रूप से आज हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

23 August 2022, 16:14