खोज

सान सल्वाडोर के पास सोयापैंगो में गिरोह के संदिग्ध सदस्यों को हिरासत में लिया गया है सान सल्वाडोर के पास सोयापैंगो में गिरोह के संदिग्ध सदस्यों को हिरासत में लिया गया है 

कार्डिनल रोजा शावेज: 'अल साल्वाडोर में नाजुक स्थिति'

जैसा कि अल सल्वाडोर में सामूहिक हिंसा में वृद्धि के कारण लोग 'आपातकाल की स्थिति' में जी रहे हैं, कार्डिनल ग्रेगोरियो रोजा शावेज का कहना है कि उनके देश में स्थिति 'बहुत नाजुक' है क्योंकि संवाद मौजूद नहीं है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

एल सल्वाडोर, मंगलवार 30 अगस्त 2022 (वाटिकन न्यूज) : कथित तौर पर गिरोहों द्वारा की गई हत्याओं को देखते हुए, राष्ट्रपति नायब बुकेले ने 27 मार्च को अल सल्वाडोर में "आपातकाल की स्थिति" की घोषणा की। सरकार ने कहा कि इस कदम से गिरोह की हिंसा को दूर करने में मदद मिलेगी। अब, 5 महीने बाद भी, आपातकाल की स्थिति बनी हुई है।

ह्यूमन राइट्स वॉच सहित अधिकार समूहों का कहना है कि कुछ संवैधानिक अधिकारों के अस्थायी निलंबन से सल्वाडोरवासियों की स्वतंत्रता और उचित प्रक्रिया को खतरा है।

'शांति के लिए संवाद जरूरी'

सैन सल्वाडोर के सहायक धरेमाध्यक्ष कार्डिनल ग्रेगोरियो रोजा शावेज ने वाटिकन न्यूज का पट्रीसिया से बात की। उन्होंने कहा कि अल सल्वाडोर आपातकाल की स्थिति के कारण "एक बहुत ही भ्रमित, नाजुक स्थिति" से गुजर रहा है।

“इस समय देश में कोई संवाद नहीं है। यह बहुत गंभीर है, क्योंकि दीवारें बहुत हैं और कोई पुल नहीं है।"

सल्वाडोरियन कार्डिनल रोजा शावेज ने कहा कि अगर संवाद की कमी है तो सच्ची शांति नहीं हो सकती है। सभी को सुना जाना चाहिए। "प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वयं के दृष्टिकोण से योगदान दे सकता है और हम सभी अपनी मातृभूमि का निर्माण करना चाहते हैं।"

कार्डिनल ने यह भी नोट किया कि संत पापा फ्राँसिस कलीसिया से आग्रह कर रहे हैं कि वह "खून बहने तक" अपने साक्षी मिशन पर वापस लौट आए।

उन्होंने कहा, "संत पापा शहादत की कलीसिया को प्रस्तुत करते हैं; यह येसु मसीह की कलीसिया है, ” "शहादत कलीसिया की एक विशेषता है और हम जहां कहीं भी हों, हम शहादत के एक मिशन पर हैं।"

'गिरोहों के खिलाफ युद्ध'

विभिन्न अधिकार संगठनों का कहना है कि सरकारी अधिकारियों ने मार्च से अब तक गिरोह के 50,000 कथित सदस्यों और उनसे जुड़े लोगों को हिरासत में लिया है। राष्ट्रपति बुकेले ने हिंसा को कम करने के उद्देश्य से इस कार्रवाई को "गिरोहों के खिलाफ युद्ध" कहा है।

मध्य अमेरिका के जेसुइट विश्वविद्यालय द्वारा संचालित मानव अधिकारों की विश्वविद्यालय ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें सल्वाडोर सुरक्षा बलों द्वारा कथित रूप से किए गए यातना के मामलों के बारे में चेतावनी दी गई है, साथ ही मनमाने ढंग से हिरासत के बारे में चिंताएं भी शामिल हैं। शुक्रवार, 26 अगस्त को, एक सरकारी संस्था, इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल मेडिसिन ने 73 लोगों की जेल में हुई मौतों को स्वीकार किया, जिन्हें आपातकाल की स्थिति के तहत गिरफ्तार किया गया था।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

30 August 2022, 16:37