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यूक्रेन के लुहान्स्क प्रान्त में गेहूँ की फसल एकत्र करता एक श्रमिक यूक्रेन के लुहान्स्क प्रान्त में गेहूँ की फसल एकत्र करता एक श्रमिक  

यूक्रेन अनाज वार्ता में प्रगति की यू एन ने की सराहना

संयुक्त राष्ट्र संघ ने यूक्रेन और रूस के बीच इस्तांबुल में अनाज निर्यात पर वार्ता में हुई प्रगति की सराहना की है, इसमें संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के प्रतिनिधि शामिल थे।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

न्यूयार्क, शुक्रवार, 15 जुलाई 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): संयुक्त राष्ट्र संघ ने यूक्रेन और रूस के बीच इस्तांबुल में अनाज निर्यात पर वार्ता में हुई प्रगति की  सराहना की है, इसमें संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के प्रतिनिधि शामिल थे।

बुधवार को यूक्रेन, रूस और तुर्की के प्रतिनिधिमंडल ने तुर्की के इस्तामबुल शहर में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और यूक्रेन के काला सागर बंदरगाहों से विश्व बाजार में यूक्रेनी अनाज निर्यात करने के तरीकों की तलाश की। मुलाकात के बाद बताया गया कि वार्ताओं में काफी प्रगति हुई है।

विगत कुछेक माहों में, यूक्रेन में संघर्ष के चलते वैश्विक खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है तथा भोजन की कमी के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं।

वार्ताओं में प्रगति पर सन्तोष

न्यू यार्क में पत्रकारों से बातचीत के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव अन्तोनियो गूत्तेरेस ने वार्ता में हुई मूल प्रगति की सराहना की तथा इसे काला सागर के माध्यम से यूक्रेनी खाद्य उत्पादों के सुरक्षित निर्यात को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम निरूपित किया।

गूत्तेरेस ने कहा कि यह खबर मानव पीड़ा को कम करने, दुनिया भर में भूख को कम करने तथा वैश्विक खाद्य प्रणाली में बहुत ज़रूरी स्थिरता लाने की दिशा में आशा की एक किरण है। उन्होंने वार्ता आयोजित करने के प्रयासों तथा इसे आगे बढ़ाने हेतु तुर्की सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना कर धन्यवाद ज्ञापित किया।

महत्वपूर्ण कदम

उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र संघ अनुवर्ती कार्रवाई को समर्थन देने के लिये अपनी पूरी भूमिका निभाने का वचन देता है।" गूत्तेरेस ने कहा, "आज एक व्यापक समझौते के रास्ते पर महत्वपूर्ण और ठोस कदम लिया गया है। हमें संघर्षरत लोगों और विकासशील देशों के लिए भोजन, ऊर्जा और वित्तीय संकट से जूझ रहे लोगों के लिए और भी कुछ करना चाहिए, जिनकी इस वित्तीय संकट में कोई भूमिका नहीं रही है।"

उन्होंने कहा, हमें विश्व के उन देशों के लिये जो दिवालियोपन की कगार पर हैं, उन परिवारों के लिये जो अकाल के कगार पर हैं और उन लोगों के लिये जो हाशिये पर जीवन यापन कर रहे हैं, कुछ करना ज़रूरी है।"

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15 July 2022, 11:10