खोज

रोम स्थित फ्राँसीसी सैनिक कब्रस्तान में घूमते संत पापा फ्रांँसिस रोम स्थित फ्राँसीसी सैनिक कब्रस्तान में घूमते संत पापा फ्रांँसिस  

"अपने अंतिम दिनों की याद करो और बैर करना छोड़ दो"

यह प्रवक्ता ग्रंथ से लिया गया पवित्र बाईबिल का वचन है। संत पापा फ्राँसिस ने इस वाक्य का जिक्र कभी अपने देवदूत प्रार्थना में किया था, जो आज अधिक प्रासंगित प्रतीत हो रहा है, जब हम नफरत भरे शब्दों को सुन रहे हैं, जब यूक्रेन में युद्ध बढ़ रहा है। घृणा के प्रति उदासीनता मानवता को खतरे में डालती है जिसके परिणामस्वरूप दुनिया में भुला दिये गये युद्धों के बहुत सारे लोग शिकार हो जाते हैं।

सेरजो चेंतोफनी-वाटिकन सिटी

जब नफरत के शब्द बढ़ते हैं, तो उनके हिंसक कृत्य बनने का खतरा बढ़ जाता है, अगर वे पहले से ही ऐसे हथियार नहीं बन गए हैं जो मारते और नष्ट करते हैं। एक ऐसी दुनिया में जो पहले से ही संघर्ष एवं पीड़ित लोगों के प्रति उदासीनता के घायल है यह खतरा अधिक बड़ा हो जाता है जब नफरत के शब्द बढ़ते हैं। महत्वपूर्ण निर्णय लेने की शक्तिवाले लोग गलत बटन दबा सकते हैं यदि वे भड़काऊ शब्दों से भरे उस क्रोध से भर जाते हैं। यदि इस संसार के शक्तिशाली लोगों द्वारा घृणा के शब्दों का उच्चारण किया जाता है, तो सारी मानवजाति ही अधिक जोखिम में पड़ जाती है।

नाराजगी के खिलाफ

"अपने अंतिम दिनों को याद करो और बैर करना छोड़ दो।" (प्रवक्ता 28,6) इसे करीब 2,200 वर्षों पहले योशुआ बेन सिरा नामक येरूसालेम के एक यहूदी द्वारा लिखा गया था। संत पापा ने इसका जिक्र 13 सतम्बर 2020 के देवदूत प्रार्थना में की थी।  

उन्होंने कहा था, "आज, सुबह जब मैं ख्रीस्तयाग अर्पित कर रहा था, प्रवक्ता ग्रंथ से लिये गये पाठ के एक वाक्य से प्रभावित होकर रूका। वाक्य इस प्रकार है, "अपने अंतिम दिनों को याद करो और बैर करना छोड़ दो।" एक सुन्दर वाक्य है। अपने अंतिम दिनों के बारे सोचें। चिंतन करें कि आप बॉक्स में हैं ...और क्या आप अपने साथ घृणा रख सकते हैं? अपने अंत के बारे सोचें, नफरत करना छोड़ दें। नाराज होना बंद करें। आइये हम इस वाक्य पर चिंतन करें यह बहुत हृदयस्पर्शी है। अपने जीवन के अंतिम दिनों की याद करें और बैर करना छोड़ दें।"   

प्रवक्ता ग्रंथ आगे कहता है, "विकृति और मौत को याद रखो और आज्ञाओं का पालन करो...अपने पड़ोसियों से बैर न रखो। सर्वोच्च ईश्वर के विधान का ध्यान रखो और दूसरों के अपराध क्षमा कर दो।"

भुला दिया गया सीरिया

सीरिया में 11 से अधिक वर्षों तक लड़ाई जारी है जिसके परिणामस्वरूप लगभग आधा मिलियन मौतें हुईं और 11 मिलियन से अधिक शरणार्थी और विस्थापित हुए।

दमिश्क के प्रेरितिक राजदूत कार्डिनल मारियो जेनारी ने दुःख के साथ कहा है, "हम भुला दिये गये हैं, आशा बहुतों के हृदय से जा चुकी है, खासकर, युवाओं के दिलों से, जो अपने देश में भविष्य नहीं देखते और पलायन करना चाहते हैं।" यहाँ भूखमरी है, पहले से रोटी नहीं है और अब यूक्रेन में युद्ध के कारण आटा भी नहीं।

इन वर्षों में युद्ध के कारण, शायद दो तिहाई ख्रीस्तीय सीरिया छोड़ चुके हैं। इन संघर्षों में अल्पसंख्यक श्रृंखला में सबसे कमजोर हैं। और अब विस्मरण की स्थिति है, उन्होंने कहा है कि यह एक दूसरा दुर्भाग्य है जो सीरिया पर पड़ा है ˸ गुमनामी में पड़ना। यह अंधेरा लोगों को बहुत आहत कर रही है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

09 June 2022, 17:04