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लंदन में शरण चाहने वालों के नियोजित रवांडा निर्वासन को रोकने के मामले में अदालत के बाहर विरोध प्रदर्शन लंदन में शरण चाहने वालों के नियोजित रवांडा निर्वासन को रोकने के मामले में अदालत के बाहर विरोध प्रदर्शन  

यूके उच्च न्यायालय ने रवांडा को निर्वासन की पुष्टि की

प्रवासियों को इंग्लिश चैनल पार करने से रोकने के लिए दोनों देशों के बीच एक नए समझौते के तहत 31 लोगों को यूके से रवांडा भेजा जाना है। हालांकि उनकी उड़ान मंगलवार को है, फिर भी उनके अपील पर विचार किया जाना है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

लंदन, सोमवार 13 जून 2022 (वाटिकन न्यूज) : ब्रिटिश उच्च न्यायालय ने अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले प्रवासियों को स्थानांतरित करने के लिए रवांडा के लिए पहली उड़ान को अधिकृत किया है। 31 अवांछित प्रवासियों को ले जाने वाला विमान अगले मंगलवार को रवाना होने वाला है, लेकिन एक न्यायाधीश ने मानवाधिकार संघों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों और स्थानांतरण के लिए नियत कुछ व्यक्तिगत प्रवासियों द्वारा दायर एक अपील को बरकरार रखा। लंदन में कोर्ट ऑफ अपील के समक्ष सुनवाई सोमवार को होगी।

पहल के पीछे तर्क

विवादास्पद पहल हाल ही में बोरिस जॉनसन की सरकार द्वारा इस उम्मीद में शुरू की गई थी कि यह एक निवारक के रूप में काम करेगी और अंग्रेजी चैनल को डोंगियों या अस्थायी नावों से पार करके ब्रिटिश तटों पर उतरने वाले अवैध प्रवासियों की संख्या को सीमित करेगी - यह संख्या जो पिछले दो साल में नाटकीय रूप से बढ़ी है।

कई प्रवासियों के ब्रिटेन में रिश्तेदार हैं।  अन्य एक कल्याण प्रणाली से आकर्षित होते हैं जिसे यूरोप में सबसे उदार माना जाता है। अंग्रेजी का ज्ञान एक तीसरा प्रमुख कारक है जो इन प्रवासियों को, ज्यादातर मध्य पूर्व और अफ्रीका से, महाद्वीप पर रहने के बजाय चैनल को पार करने की कोशिश करने के लिए प्रेरित करता है।

गत वर्ष 28,000 से ज्यादा प्रवासी अंग्रेजी चैनल पार कर ब्रिटिश तटों पर पहुँचे थे। कई दर्जन लोगों की रास्ते में मौत हो गई. नवम्बर में एक नाव के पलटजाने से 27 लोग डूब गये थे।

समझौता

इस समझौते के अनुसार, ब्रिटिश सरकार 1 जनवरी 2022 से अवैध रूप से ब्रिटेन में प्रवेश करने वाले और अवैध रूप से रवांडा आने वालों को वापस भेज देगी।

रवांडा के अधिकारियों के अनुसार, शरण चाहने वालों को 'रवांडा समुदायों में एकीकृत' करने के लिए ब्रिटिश सरकार जीबीपी 120 मिलियन (यूएसडी 157 मिलियन, यूरो 144 मिलियन) का भुगतान करेगी।

कई मानवाधिकार संगठन ब्रिटिश सरकार के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं।

कलीसिया के नेताओं की प्रतिक्रियाएं

पास्का के आसपास जब इस योजना की पहली बार घोषणा की गई थी, तो कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष, जस्टिन वेल्बी ने इस विचार की निंदा की, इसे "ईश्वर के खिलाफ एक अधिनियम" के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि ईसाई मूल्यों से बने देश के रूप में, "हमारी जिम्मेदारियों को उप-अनुबंध करना, यहां तक ​​कि रवांडा जैसे एक ऐसे देश के लिए जो अच्छा करना चाहता है,  ईश्वर के स्वभाव के विपरीत है।"

काथलिक कलीसिया ने भी इस पहल की निंदा की है। उदाहरण के लिए, यूके की जेसुइट रिफ्यूजी सर्विस (जेआरएस) ने इस योजना की निंदा की, इसे "मानवता और गरिमा के लिए एक गंभीर अवहेलना" कहा, "भयावह सबूतों के सामने अपतटीय प्रसंस्करण मानव अधिकारों के हनन को बढ़ावा देता है।"

संत पापा फ्राँसिस ने अपने परमाध्यक्षीय कार्यों की शुरुआत के बाद से, बार-बार प्रवासियों के अधिकारों की बात की है। उनकी मांग है कि हम बिना किसी पूर्वाग्रह के और बिना किसी डर के, सबसे कमजोर लोगों के करीब आयें और एक साथ चलें।

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13 June 2022, 16:28