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अप्रैल 2022 में रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हैंडआउट वीडियो फुटेज की तस्वीर सरमत इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण अप्रैल 2022 में रूसी रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए हैंडआउट वीडियो फुटेज की तस्वीर सरमत इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण प्रक्षेपण  

शीत युद्ध के बाद पहली बार बढ़ रहा वैश्विक परमाणु शस्त्रागार

एक अग्रणी विशेषज्ञ दल ने संघर्ष एवं युद्धसामाग्र पर एक रिपोर्ट जारी किया है जो दर्शाता है कि शीत युद्ध के बाद पहली बार वैश्विक परमाणु शस्त्रागार बढ़ रहे हैं। यह भी चेतावनी दी गई है कि इस तरह के हथियारों के प्रयोग के खतरे इस दशक में सबसे अधिक हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस ने अपने भाषणों, संदेशों, उपदेशों और विश्व पत्रों में, अथक रूप से परमाणु हथियार रहित विश्व का आह्वान किया है तथा परमाणु हथियार के प्रयोग और अपने पास रखने को "अकल्पनीय" तथा मानव एवं ग्रह के लिए खतरनाक बतलाया है।

रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और कीव के लिए पश्चिमी देशों के समर्थन पर प्रदर्शन के ठीक तीन दिन बाद, जब रूसी राष्ट्रपति ने रूस के परमाणु निवारक को हाई अलर्ट पर रख दिया, तब उनके शब्दों को अतिरिक्त तात्कालिकता मिली।

चिंताजनक झुकाव

पर्यवेक्षक और विश्लेषक सहमत हैं कि यूरोप में युद्ध ने विश्व के परमाणु हथियार रखने वाले नौ राष्ट्रों में तनाव उत्पन्न कर दिया है और वे चेतावनी दे रहे हैं कि यह एक चिंताजनक झुकाव है।

सोमवार को स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान (एसआईपीआरआई) ने कहा कि जब जनवरी 2021 और जनवरी 2022 के बीच परमाणु हथियारों की संख्या में थोड़ी गिरावट आई है, यदि परमाणु शक्तियों द्वारा तत्काल कार्रवाई नहीं की जाती है,  तो हथियारों की वैश्विक सूची जल्द ही दशकों में पहली बार बढ़ना शुरू हो सकती है।

स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान के 2022 की वार्षिक पुस्तिका में कहा गया है कि सभी परमाणु हथियार रखनेवाले देश अपने हथियार गृह को या तो बढ़ा रहे हैं या मजबूत कर रहे हैं। साथ ही, अधिकांश देश परमाणु बयानबाजी को तेज कर रहे हैं और परमाणु हथियार उनकी सैन्य रणनीतियों में भूमिका निभाने लगे हैं।

स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान के निदेशक विलफ्रेड वान ने संभावित रूसी सैन्य विकल्पों के परिणामों के लिए चिंता व्यक्त की है जिसको "अपने पूरे इतिहास में कभी नहीं देखा गया" उन देशों के लिए जो रूस के रास्ते में खड़े थे।

रूप और अमरीका विश्व के सबसे बड़े परमाणु हथियार गृह

स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान रूप में दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु हथियार गृह है जिसकी कुल संख्या 5,977 वारहेड है जो अमरीका से 550 अधिक है। दोनों देशों के पास विश्व का 90 प्रतिशत वारहेड परमाणु हथियार है और विस्तार करते हुए चीन के पास करीब 300 नये मिसाइल भूमिगत कक्ष हैं। 

संस्थान ने उल्लेख किया कि जनवरी 2021 और जनवरी 2022 के बीच परमाणु हथियारों की वैश्विक संख्या में थोड़ी गिरावट आई है, लेकिन रिपोर्ट की गई है कि अनुमानित 3,732 वारहेड मिसाइलों और विमानों के साथ तैनात किए गए थे, और लगभग 2,000 - लगभग सभी रूस या संयुक्त राज्य अमेरिका से संबंधित थे - उन्हें उच्च तत्परता की स्थिति में रखा गया था। 

विश्व के अन्य हिस्सों में परमाणु भंडार और परीक्षणों की जांच और विश्लेषण करने के लिए वार्षिक पुस्तिका (इयरबुक) ने उपेक्षा नहीं की और भारत एवं पाकिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष, चीन-भारत सीमा पर बढ़ती शत्रुता और उत्तर कोरिया के चल रहे परमाणु प्रयासों की ओर इशारा किया है, जो इस समय दुनिया को एक बहुत ही अनिश्चित स्थिति में डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा हैं।

अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की अपील

स्टॉकहोम अंतरराष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष एवं स्वीडेन के पूर्व प्रधानमंत्री स्तेफन लोफवेन ने कहा, "विश्व की महान शक्तियों के बीच संबंध ऐसे समय में और भी खराब हो गए हैं जब मानवता और पृथ्वी पर कई तरह की गंभीर आम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिनका समाधान केवल अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से ही किया जा सकता है।"

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14 June 2022, 16:27