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पोलैंड में यूक्रेन के शरणार्थियों की मदद कारितास द्वारा पोलैंड में यूक्रेन के शरणार्थियों की मदद कारितास द्वारा 

कारितास इंटरनैशनल द्वारा यूक्रैन में शांति की अपील

यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के एक महीना पूरा होने पर कारितास अंतरराष्ट्रीय ने यूक्रेन में शांति की अपील की है तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवीय नतीजों पर नजर नहीं खोने को कहा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यूक्रेन, बृहस्पतिवार, 24 मार्च 22 (रेई) ˸ आज से ठीक एक माह पहले यूक्रेन में आक्रमण शुरू हुआ था, जिसकी याद करते हुए अंतरराष्ट्रीय कारितास ने क्रूर हमलों के अंत एवं मानवीय सहायता में बाधा नहीं डालने की गारांटी की मांग की है।

कारितास इंटरनैशनल के महासचिव अलोइसियुस जॉन ने कहा, "मानवीय सहायता की सख्त जरूरतवाले सभी लोगों की कीमत पर राजनीतिक हित कायम नहीं रह सकती। हम यूक्रेन में "घृणित" युद्ध के शीघ्र अंत और शांतिपूर्ण समाधान द्वारा लोगों की पीड़ा के अंत हेतु संत पापा की अपील के साथ है।"

काथलिक कलीसिया के 162 देशों के बने संघ, कारितास इंटरनैशनल ने यूक्रेन में युद्ध के कारण उन देशों पर हो रहे भयानक प्रभाव पर ध्यान देने के महत्व पर भी जोर दिया है जहाँ लोग पनाह ले रहे हैं।

यूक्रेन में युद्ध के पहले महीने में कम से कम 2,421 नागरिकों की मौत हुई है, 33,89,044 शरणार्थी हैं- जिनमें कम से कम 1.5 मिलियन बच्चे हैं - और लगभग 6.5 मिलियन लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हुए हैं।

उन्होंने कहा, "यूक्रेन की दो कारितास शाखाएँ – कारितास यूक्रेन और कारितास स्पेस यूक्रेन जो शुरू से ही लोगों के साथ है और उन्हें कभी अकेले नहीं छोड़ा है, यहाँ तक कि उस समय भी जब मारियुपोल में बमबारी के कारण कुछ स्थानीय केंद्रों को बंद करना पड़ा।" अब तक कारितास ने यूक्रेन के लाखों लोगों को मानवीय सहायता पहुँचायी है, हर दिन 23,500 भोजन पैकेट एवं 5,100 व्यक्तिगत स्वच्छता किट प्रदान की है। पड़ोसी देशों के सभी कारितास संगठन जिनमें पोलैंड, हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया और मोलदोवा शामिल हैं जो अन्य संगठनों की मदद से, युद्ध से भाग रहे लाखों लोगों की मदद सीमा क्षेत्रों में कर रहे हैं।  

कारितास एवं कलीसिया के कुछ अन्य संगठन हैं जो यूक्रेन के लोगों के साथ खड़े हैं और जमीनी स्तर पर अपनी उपस्थिति के द्वारा संघर्ष के सुदूर क्षेत्रों में भी अपनी मदद पहुँचा रहे हैं। "यही कारण है कि हमारा संघ, सीमाओं पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा इस गैर-सरकारी संगठन के समर्थन की मांग करता है ताकि मानवीय संकट का सामना किया जा सकें तथा यूक्रेन के लोगों की मदद एवं सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।"

कारितास इंटरनैशनल ने कमजोर लोगों, खासकर, बच्चों, महिलाओं, बुजूर्गों और विकलांग लोगों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने की अपील की है तथा जरूरतमंद लोगों की मदद करने एवं शरणार्थियों के साथ देश के आधार पर किसी तरह का भेदभाव नहीं किये जाने पर जोर दिया है।

उन्होंने यूक्रेन की महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की गारांटी की अपील की है क्योंकि देश छोड़कर जानेवालों में 90 प्रतिशत महिलाएँ और बच्चे ही हैं जिन्हें मानव तस्करी के शिकार होने का भय है। स्थानीय कारितास संगठनों द्वारा यह भी बताया गया है कि सीमा के दोनों ओर, और मेजबान देशों में संगठित अपराधी समूह हैं। वे पीड़ितों को अक्सर दूसरे देशों में परिवहन की मदद और निजी घरों में रहने की बात कहकर गुमराह कर सकते हैं। कारितास संगठन और गैरसरकारी संगठन सीमा पर सक्रिय हैं जो कमजोर लोगों की स्थिति और सुरक्षा पर मानव तस्करी के खिलाफ नजर रख रहे हैं।

जॉन ने कहा, "हम दृढ़ता से अनुशंसा करते हैं कि देश मानव तस्करों से शरणार्थियों की रक्षा हेतु सुरक्षा और रक्षा तंत्र को लागू एवं मजबूत करें।"

अंत में उन्होंने अपील की है कि यूक्रेन में युद्ध से विश्व के विभिन्न देशों में उत्पन्न अन्य परिणामों को भी न भूला जाए, जहाँ संकट शुरू हो चुकी हैं। "यूक्रेन में युद्ध का खाद्य असुरक्षा के मामले में भयांकर प्रभाव पड़ेगा। उदाहरण के लिए, सीरिया में, रोटी जैसे मुख्य भोजन की कीमत आसमान छू गई है। यदि कोविड-19 ने दुनिया में भुखमरी से जोखिमवाले लोगों की संख्या में 130 मिलियन की वृद्धि की, तो इस युद्ध से भुखमरी के जोखिमवाले लोगों की संख्या में अधिक नहीं, फिर भी उतनी वृद्धि की संभावना अवश्य है।” 

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24 March 2022, 16:43